बलिया: जिले के रामपुर स्थित परिषदीय स्कूल में दलित बच्चों के साथ मिड डे मील को लेकर भेदभाव करने का मामला सामने आया है. जिसके बाद डीएम ने स्कूल पहुंचकर बच्चों से बातचीत की और ईटीवी भारत को दी जानकारी में प्रथम दृष्टया इस मामले को गलत करार दिया है. वहीं डीएम ने पूरे प्रकरण की गंभीरता से जांच करने के लिए रसड़ा तहसील के एसडीएम और ज्वाइंट मजिस्ट्रेट को जिम्मेदारी दी है.
जानिए क्या है पूरा मामला
- जिले के नगर शिक्षा क्षेत्र स्थित प्राथमिक विद्यालय रामपुर का मामला है.
- स्कूल में दलित बच्चों के साथ मिड-डे-मील में खाने को लेकर भेदभाव का मामला सामने आया.
- दलित बच्चों का आरोप है कि स्कूल के बच्चे उनके साथ खाना खाने से परहेज करते हैं.
- साथ ही दलित बच्चे घर से बर्तन लाकर उसमें खाना खाते हैं.
मामला सामने आने पर गुरुवार को जिलाधिकारी और बेसिक शिक्षा अधिकारी श्री के साथ प्रशासनिक अमला स्कूल पहुंचा और मामले की जांच में जुट गया.
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भेदभाव का मामला पूरी तरीके से गलत है, प्रमाण स्वरूप स्कूल के छात्रों की उपस्थिति रजिस्टर को देखने पर मालूम पड़ा कि स्कूल में अधिकांश बच्चे एस-एसटी जाति से है और एक दो बच्चे पिछड़ी जाति से हैं. इसका मतलब यह है कि अधिकांश बच्चे एक ही बिरादरी के हैं, तो आपस में क्यों भेदभाव करेंगे. जहां से गलतफहमी सामने आई है वह पूरी तरीके से गलत है और इसका हम खंडन करते हैं. फिर भी मामला अत्यंत गंभीर है.. इसलिए एक-एक बच्चे से अलग-अलग और उनके अभिभावकों से बातचीत की जाएगी और पूरे मामले की जांच ज्वाइंट मजिस्ट्रेट से कराई जाएगी.
भवानी सिंह खंगारोत, डीएम