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'नशे का सेवन, नष्ट करता है सामाजिक और निजी जीवन'

बहराइच में 14 फरवरी 2021 को 42वीं वाहिनी सशस्त्र सीमा बल अगैया के मुख्यालय में नशा मुक्ति कार्यशाला आयोजित की गई. इसमें शराब से होने वाले नुकसानों के बारे में बताया गया.

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Published : Feb 14, 2021, 7:31 PM IST

नशा मुक्ति उन्मूलन कार्यशाला का आयोजन
नशा मुक्ति उन्मूलन कार्यशाला का आयोजन

बहराइच: नानपारा में 14 फरवरी 2021 को 42वीं वाहिनी सशस्त्र सीमा बल अगैया के मुख्यालय में नशा मुक्ति कार्यशाला का आयोजन किया गया. इसमें एल्कोहलिक एनोनिमस संस्था की टीम ने जवानों को शराब से होने वाले नुकसान और शराब से छुटकारा पाने के बारे में बताया.

जवानों को किया संबोधित

रविवार को एल्कोहलिक एनोनिमस संस्था की टीम ने 42वीं वाहिनी अगैया मुख्यालय में नशामुक्ति कार्यशाला का आयोजन किया. इसमें टीम के सदस्यों ने जवानों को संबोधित करते हुए बताया कि शराब पीना एक बीमारी है. उन्होंने स्वयं के ऊपर बीती सच्ची घटनाओं के माध्यम से जवानों को शराब नहीं पीने के लिए प्रोत्साहित किया. उन्होंने नशे के दुष्प्रभाव, इससे जन और धन दोनों की हानि के बारे में जानकारी दी. जवानों को बताया गया कि नशे का सेवन या इसकी लत एक सामजिक और मनोवैज्ञानिक समस्या है.

नशे की लत पूरे विश्व को करती है प्रभावित

शराब पूरे विश्व के युवाओं को प्रभावित करती है. यह व्यक्तियों और समाज को कई क्षेत्रों में नष्ट कर देती है. इसकी लत के कारण भूख, वजन, कब्ज, चिंता का बढ़ना, चिड़चिड़ापन, नींद न आना आदि बीमारियां लग जाती हैं. इससे आर्थिक हानि होने के कारण चोरी जैसी हिंसा और अपराध को बढ़ावा मिलता है.

धीरे-धीरे छूटती है आदत

टीम के सदस्यों ने बताया कि शराब पीने वाला व्यक्ति चाहकर भी शराब नही छोड़ पाता. वह हर रोज शराब नहीं पीने के लिए कसमें खाता है. परन्तु, किसी न किसी बहाने से पी लेता है. टीम ने शराब से मुक्ति पाने के लिए कुछ छोटी-छोटी आदतों को अपने जीवन में शामिल करने का आग्रह किया.

बहराइच: नानपारा में 14 फरवरी 2021 को 42वीं वाहिनी सशस्त्र सीमा बल अगैया के मुख्यालय में नशा मुक्ति कार्यशाला का आयोजन किया गया. इसमें एल्कोहलिक एनोनिमस संस्था की टीम ने जवानों को शराब से होने वाले नुकसान और शराब से छुटकारा पाने के बारे में बताया.

जवानों को किया संबोधित

रविवार को एल्कोहलिक एनोनिमस संस्था की टीम ने 42वीं वाहिनी अगैया मुख्यालय में नशामुक्ति कार्यशाला का आयोजन किया. इसमें टीम के सदस्यों ने जवानों को संबोधित करते हुए बताया कि शराब पीना एक बीमारी है. उन्होंने स्वयं के ऊपर बीती सच्ची घटनाओं के माध्यम से जवानों को शराब नहीं पीने के लिए प्रोत्साहित किया. उन्होंने नशे के दुष्प्रभाव, इससे जन और धन दोनों की हानि के बारे में जानकारी दी. जवानों को बताया गया कि नशे का सेवन या इसकी लत एक सामजिक और मनोवैज्ञानिक समस्या है.

नशे की लत पूरे विश्व को करती है प्रभावित

शराब पूरे विश्व के युवाओं को प्रभावित करती है. यह व्यक्तियों और समाज को कई क्षेत्रों में नष्ट कर देती है. इसकी लत के कारण भूख, वजन, कब्ज, चिंता का बढ़ना, चिड़चिड़ापन, नींद न आना आदि बीमारियां लग जाती हैं. इससे आर्थिक हानि होने के कारण चोरी जैसी हिंसा और अपराध को बढ़ावा मिलता है.

धीरे-धीरे छूटती है आदत

टीम के सदस्यों ने बताया कि शराब पीने वाला व्यक्ति चाहकर भी शराब नही छोड़ पाता. वह हर रोज शराब नहीं पीने के लिए कसमें खाता है. परन्तु, किसी न किसी बहाने से पी लेता है. टीम ने शराब से मुक्ति पाने के लिए कुछ छोटी-छोटी आदतों को अपने जीवन में शामिल करने का आग्रह किया.

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