बहराइच: नेपाल सीमावर्ती जिला बहराइच में मानव और बाल तस्करी पर प्रभावी अंकुश लगाने के लिए पुलिस, सामाजिक संगठन और यूनिसेफ ने बैठक कर मंथन किया. मानव तस्करी और बाल संरक्षण पर पुलिस लाइन के सभागार में आयोजित कार्यशाला में विशेषज्ञों ने इस सामाजिक कुप्रथा के विरुद्ध महत्वपूर्ण जानकारी दी.
नेपाल सीमा पर बसे बहराइच जनपद में मानव तस्करी और बाल अपराध एक बड़ी समस्या के रूप में सामने आ रहा है. वैश्विक स्तर पर विभिन्न प्रकार की संस्थाएं इस सामाजिक अभिशाप को रोकने के लिए पिछले कई सालों से प्रयास कर रही हैं. इस पर अंकुश तो लगा है, लेकिन अभी पूरी तरह से इस समस्या पर काबू नहीं पाया जा सका है. यही कारण है कि समय-समय पर पुलिस बाल संरक्षण समिति और यूनिसेफ के प्रतिनिधि व अन्य स्वयंसेवी संस्थाएं इस पर चिंतन करती हैं. साथ ही विशेषज्ञों से इससे बचाव और प्रभावी अंकुश लगाने के लिए टिप्स भी उजागर करते हैं.
विभिन्न मुद्दों पर हुई चर्चा
इसी क्रम में पुलिस लाइन बहराइच में मानव तस्करी और बाल संरक्षण पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें अनिल कुमार डिवीशनल टेक्निकल रिसोर्स पर्सन यूनिसेफ के द्वारा कोविड 19 के दौरान किस प्रकार बच्चों के साथ कार्य करें आदि विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की. देहात संस्था के डायरेक्टर डॉ. जितेंद्र चतुर्वेदी के द्वारा पाक्सो, जुवेनाइल जस्टिस एक्ट 2015 और न्यू रूल्स जेजे एक्ट पर विस्तृत चर्चा की गई.
जागरूकता के लिए समाजसेवी संस्थाएं चलाएं अभियान
पुलिस अधीक्षक डॉ. विपिन मिश्रा ने मानव तस्करी के विषय में विस्तार से चर्चा की. उन्होंने कहा कि पुलिस इस दिशा में सार्थक प्रयास कर रही है, लेकिन जागरूकता का अभाव है. ऐसे में स्वयंसेवी संस्थाओं को चाहिए कि वह गांव से लेकर शहर तक जागरूकता अभियान चलाएं, जिससे इस सामाजिक अपराध के विरुद्ध एक बड़ा जनमानस पुलिस के समर्थन में आए और इस सामाजिक बुराई पर काबू पाया जा सके.
कार्यशाला में मौजूद प्रतिनिधि
कार्यशाला में मौजूद डीएस डब्ल्यूएस संस्था से संस्था परियोजना समन्वयक राजेश कुमार और एनिमेटर अंकित मिश्र, एक्शन ऐड से अब्दुल कादिर और विजय शुक्ला प्रथम से अश्वनी सिंह, ममता फाउंडेशन से सोनिक मिश्रा, विभिन्न समाजसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधि और समस्त एस्जेपियू व एएचटीयू स्टॉफ कार्यक्रम के दौरान उपस्थित रहे.
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