बहराइच: जिले में फास्ट ट्रैक कोर्ट ने पॉक्सो मामले में 11 तारीखों में सुनवाई के बाद फैसला दिया. कोर्ट ने आरोपी को 20 साल के कारावास और 20 हजार अर्थदंड की सजा सुनाई है. पॉक्सो मामले की सुनवाई कर रही जिले की फास्ट ट्रैक कोर्ट प्रथम के न्यायाधीश ने एक ऐतिहासिक फैसला सुना कर न्यायिक इतिहास में नया अध्याय लिख दिया है. मामला थाना कैसरगंज के गांव का है, जहां 7 वर्षीया बालिका के साथ दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया गया था. यह घटना 10 अक्टूबर 2019 में हुई थी.
जानिए क्या है पूरा मामला
थाना कैसरगंज क्षेत्र के एक गांव में एक सात वर्षीया बालिका के साथ दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया गया था. पुलिस ने 5 दिनों में आरोप पत्र न्यायालय में प्रस्तुत कर दिया था. उसके बाद बचाव पक्ष की ओर से 18 वर्ष से कम बताते हुए मुकदमे की सुनवाई बाल न्यायालय में कराने की प्रार्थना की गई थी. मामले की जांच कराई गई. निर्भया केस के बाद आरोपी के अपराध की गंभीरता और उम्र को लेकर बदले कानून का लाभ अभियोजन पक्ष को मिला और आरोपी की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट पॉक्सो प्रथम में ही हुई.
सर्वोच्च न्यायालय और उत्तर प्रदेश सरकार की मंशा के अनुरूप मुकदमे की सुनवाई त्वरित गति से की गई. मात्र 11 तारीखों पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने आरोपी फैयाज पुत्र उस्मान के विरुद्ध फैसला सुना दिया. फैसले के अनुसार आरोपी को 20 साल का कारावास और 20 हजार अर्थदण्ड की सजा सुनाई गई. अर्थदण्ड अदा न करने पर 4 माह का अतिरिक्त कारावास भोगना होगा.
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शासकीय अधिवक्ता फौजदारी मुन्नू लाल मिश्रा ने बताया कि 10 अक्टूबर 2019 को घटी घटना का फैसला 90 दिनों के अंदर आ गया. इससे पीड़िता को त्वरित न्याय मिला. उन्होंने कहा कि 3 माह की अवधि में समस्त साक्ष्यों का परीक्षण कराया गया और जल्दी-जल्दी तिथि लगाकर पीड़ित को त्वरित न्याय दिलाने का प्रयास किया गया.