बहराइच: पहाड़ों पर बारिश होने के कारण नेपाली नदियों का जलस्तर बढ़ने लगा है. इसलिए बैराजों से पानी भी छोड़ा जा रहा है. जनपद की घाघरा नदी के छह से ज्यादा तटवर्ती गांवों के खेतों में पानी भर गया है. घाघरा नदी लाल निशान से आठ सेंटीमीटर ऊपर बह रही है. इस किनारे की चार बीघा जमीन नदी में समा गई है. नदी में बाढ़ के पानी से कटान की आशंका के चलते तटवर्ती ग्रामीणों में बेचैनी है.
जलस्तर बढ़ने से बौंडी क्षेत्र का तिकुरी गांव कटान के मुहाने पर आ गया है. बढ़ते पानी की लहरें तिकुरी गांव के पसियनपुरवा मजरे के अस्तित्व को समाप्त करने पर जुटी हैं. ग्रामीण रामदीन, भग्गन, बृजराज, ओमप्रकाश के मकान नदी के बिल्कुल पास कटान पर आ गए है. यह सभी मकान घाघरा नदी कभी भी अपनी चपेट में ले सकती है. इसलिए ग्रामीण अपना सामान लेकर सुरक्षित स्थानों की ओर रुख कर रहे हैं. इस गांव की करीब चार बीघा कृषि योग्य भूमि नदी में समाहित हो गई है.
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मंगलवार को एल्गिन ब्रिज पर घाघरा का जलस्तर (Water level of Ghaghra on Elgin Bridge) लाल निशान 106.07 मीटर के सापेक्ष 106.156 मीटर रिकार्ड किया गया है. यहां घाघरा नदी लाल निशान से आठ सेंटीमीटर ऊपर बह रही है. सरयू ड्रेनेज खंड प्रथम के सहायक अभियंता बीबी पाल ने बताया कि शारदा बैराज से एक लाख 49 हजार 878, गिरिजापुरी बैराज से एक लाख 28 हजार 600 और सरयू बैराज से 632 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है. राजस्वकर्मियों ने तिकुरी गांव के पसियनपुरवा के चार ग्रामीणों के घर नदी में समाहित होने की रिपोर्ट दी है. इन्हें जल्दी सहायता दी जाएगी.
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