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बाल विवाह पर हो सकती है 2 वर्ष की सजा - child marriage prohibition act

बाल विवाह पर हो सकती है 2 वर्ष की सजा के साथ 1 लाख का जुर्माना. बहराइच के जिला प्रोबेशन अधिकारी ने बताया कि किसी भी बालिका की जिसने अपनी आयु के 18 वर्ष पूर्ण न किये हो एवं किसी भी बालक के जिसने अपनी आयु के 21 वर्ष पूर्ण न की हो उनका विवाह कराया जाना प्रतिबन्धित है.

बाल विवाह पर हो सकती है 2 वर्ष की सजा
बाल विवाह पर हो सकती है 2 वर्ष की सजा
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Published : Apr 23, 2020, 10:16 PM IST

बहराइचः बाल विवाह पर हो सकती है 2 वर्ष की सजा के साथ 1 लाख का जुर्माना. जिला प्रोबेशन अधिकारी ने बताया कि अक्षय तृतीया के अवसर पर बाल विवाह करने की रूढ़िवादी परम्परा समाज में प्रचलित है. वर्ष 2020 में अक्षय तृतीया 26 अप्रैल 2020 को पड़ रही है. बाल विवाह की रोकथाम हेतु बाल विवाह में सम्मिलित व्यक्तियों के विरूद्ध नियमानुसार कानूनी कार्यवाही की जायेगी.

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बाल विवाह पर हो सकती है 2 वर्ष की सजा

बहराइच के जिला प्रोबेशन अधिकारी ने बताया कि किसी भी बालिका की जिसने अपनी आयु के 18 वर्ष पूर्ण न किये हो एवं किसी भी बालक के जिसने अपनी आयु के 21 वर्ष पूर्ण न की हो उनका विवाह कराया जाना प्रतिबन्धित है. बाल विवाह प्रतिषेध अनिधिनियम 2006 के अन्तर्गत बाल विवाह एक दण्डनीय अपराध है तथा बाल विवाह में प्रतिभाग करने वाले व्यक्तियों पर भी कानूनी कार्यवाही का प्राविधान किया गया है. बाल विवाह प्रतिषेध अनिधिनियम 2006 के प्राविधानों के अन्तर्गत बाल विवाह कराने वाले को 2 वर्ष की कठोर कारावास की सजा हो सकती है. साथ में 01 लाख रूपये के जुर्माने का भी प्राविधान है.


वैवाहिक आयोजन कराने वाले प्रिन्टिंग प्रेस, टेन्ट व्यवसायी, मैरिज हाॅल, बैण्ड बाजा, केटर्स, फोटोग्राफर, पुरोहित/मौलवी इत्यादि व्यक्तियों एवं संस्थाओं से भी अपेक्षा की गयी है कि वैवाहिक आयोजन कराने से पूर्व यह सुनिश्चित कर लें कि वधू की आयु 18 वर्ष एवं वर की आयु 21 वर्ष से कम न हो. जिला प्रोबेशन अधिकारी ने आमजन से अपील की है कि बाल विवाह की किसी भी घटना की सूचना जिला प्रोबेशन अधिकारी के मो.नं. 7518024026, जिला बाल संरक्षण इकाई, महिला शक्ति केन्द्र, डायल 112 व 181, स्थानीय पुलिस स्टेशन/चौकी को दें, ताकि बाल विवाह को रोका जा सके.

बहराइचः बाल विवाह पर हो सकती है 2 वर्ष की सजा के साथ 1 लाख का जुर्माना. जिला प्रोबेशन अधिकारी ने बताया कि अक्षय तृतीया के अवसर पर बाल विवाह करने की रूढ़िवादी परम्परा समाज में प्रचलित है. वर्ष 2020 में अक्षय तृतीया 26 अप्रैल 2020 को पड़ रही है. बाल विवाह की रोकथाम हेतु बाल विवाह में सम्मिलित व्यक्तियों के विरूद्ध नियमानुसार कानूनी कार्यवाही की जायेगी.

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बहराइच के जिला प्रोबेशन अधिकारी ने बताया कि किसी भी बालिका की जिसने अपनी आयु के 18 वर्ष पूर्ण न किये हो एवं किसी भी बालक के जिसने अपनी आयु के 21 वर्ष पूर्ण न की हो उनका विवाह कराया जाना प्रतिबन्धित है. बाल विवाह प्रतिषेध अनिधिनियम 2006 के अन्तर्गत बाल विवाह एक दण्डनीय अपराध है तथा बाल विवाह में प्रतिभाग करने वाले व्यक्तियों पर भी कानूनी कार्यवाही का प्राविधान किया गया है. बाल विवाह प्रतिषेध अनिधिनियम 2006 के प्राविधानों के अन्तर्गत बाल विवाह कराने वाले को 2 वर्ष की कठोर कारावास की सजा हो सकती है. साथ में 01 लाख रूपये के जुर्माने का भी प्राविधान है.


वैवाहिक आयोजन कराने वाले प्रिन्टिंग प्रेस, टेन्ट व्यवसायी, मैरिज हाॅल, बैण्ड बाजा, केटर्स, फोटोग्राफर, पुरोहित/मौलवी इत्यादि व्यक्तियों एवं संस्थाओं से भी अपेक्षा की गयी है कि वैवाहिक आयोजन कराने से पूर्व यह सुनिश्चित कर लें कि वधू की आयु 18 वर्ष एवं वर की आयु 21 वर्ष से कम न हो. जिला प्रोबेशन अधिकारी ने आमजन से अपील की है कि बाल विवाह की किसी भी घटना की सूचना जिला प्रोबेशन अधिकारी के मो.नं. 7518024026, जिला बाल संरक्षण इकाई, महिला शक्ति केन्द्र, डायल 112 व 181, स्थानीय पुलिस स्टेशन/चौकी को दें, ताकि बाल विवाह को रोका जा सके.

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