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5 दशकों से सेवा-सुरक्षा और बन्धुत्व के आदर्श पर खरा उतर रहा सशस्त्र सीमा बल

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Published : Dec 20, 2020, 10:16 PM IST

सशस्त्र सीमा बल का 57वां स्थापना दिवस रविवार को मनाया गया. इस मौके पर बहराइच में 42वीं वाहिनी एसएसबी के मुख्यालय पर विभिन्न खेलकूद प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया. आपको बता दें कि, देश के अर्धसैनिक बलों में एक सशस्त्र सीमा बल बीते 57 सालों से सेवा, सुरक्षा और बन्धुत्व के आदर्श पर खरा उतर रहा है. इस बल के पास भारत-नेपाल और भारत-भूटान की सीमा की निगहबानी करने की जिम्मेदारी है. जिसे सशस्त्र सीमा बल बखूबी पूरा कर रहा है.

सशस्त्र सीमा बल का 57वां स्थापना दिवस
सशस्त्र सीमा बल का 57वां स्थापना दिवस

बहराइच: सशस्त्र सीमा बल का 57वां स्थापना दिवस रविवार को मनाया गया. इस मौके पर 42वीं वाहिनी सशस्त्र सीमा बल के बटालियन मुख्यालय पर विभिन्न खेलों का आयोजन किया गया. इस दौरान 42वीं वाहिनी सशस्त्र सीमा बल के कार्यवाहक कमांडेंट प्रवीण कुमार ने कहा कि, सेवा सुरक्षा और बन्धुत्व हमारा ध्येय है.

सशस्त्र सीमा बल के 57वें स्थापना दिवस के मौके पर 42वीं वाहिनी के कार्यवाहक कमांडेंट ने जवानों को बल की क्षमता तथा कार्यकुशलता के बारे में अवगत कराया. साथ ही सशस्त्र सीमा बल के गौरवपूर्ण और स्वर्णीम सफर के बारे में बताया. 42वीं वाहिनी सशस्त्र सीमा बल के कार्यवाहक कमांडेंट प्रवीण कुमार ने बताया कि बल की स्थापना 1963 में की गयी थी. जिसका लक्ष्य सरहदी आबादी का भरोसा जीतकर, उनमें राष्ट्रीय स्वाभिमान जगाकर राष्ट्र की मुख्य धारा में शामिल करना था. वर्ष 2001 के बाद सशसत्र सीमा बल ने एक नए दौर में प्रवेश किया और सीमा रक्षक के रूप एसएसबी रूप में भूमिका बढ़ गई.

कई चुनौतियों का कुशलता से सामना करती है एसएसबी

SSB की कार्यकुशलता का सम्मान करते हुए 2004 में बल को प्रेसिडेंट कलर्स से नवाजा गया. आज एसएसबी भारत-नेपाल और भारत-भूटान की खुली, संवेदनशील और चुनौतीपूर्ण सीमाओं की दिन रात हिफाजत करने के साथ उग्रवाद विरोधी अभियान, आपदा-राहत, वन्य-जीव और मानव तस्करी को रोकने में अपना अमूल्य योगदान रही है. इन मुश्किल कार्यों को अंजाम देने में एसएसबी ने लगातार अपनी क्षमताओं में विस्तार किया. 1,751 किलोमीटर लम्बी भारत-नेपाल तथा 699 किलोमीटर लम्बी भारत-भूटान की खुली सीमाओं की पैनी निगरानी रखना, पड़ोसी राष्ट्र के साथ मित्रतापूर्ण सम्बन्ध बनायें रखने, राष्ट्र विरोधी गतिविधियों को रोकने के साथ मानव तस्करी के विरुद्ध मुहीम लगातार जारी है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि, सशस्त्र सीमा बल एक बहु आयामी फोर्स है. सशस्त्र सीमा बल पांच दशकों से भी अधिक समय से सेवा, सुरक्षा और बन्धुत्व के आदर्श को जीने और उसको जीवन्त बनाने के लिए काम कर रहा है.

स्थापना दिवस पर खेलों का आयोजन

एसएसबी के स्थापना दिवस के अवसर पर 42वीं वाहिनी के प्रांगण में बैटमिंटन तथा तम्बुला खेल का आयोजन किया गया. ताम्बुल खेल में उप निरीक्षक अमित कुमार, सहायक उप निरीक्षक सुभाष तथा अनिल कुमार पटेल ने पुरस्कार जीता. वहीं बैटमिंटन में आठ प्रतिभागियों ने भाग लिया जिसमें मो. इमरान अख्तर अंसारी उपविजेता तथा वाहिनी के कार्यवाहक कमांडेंट प्रवीण कुमार विजेता रहे.

SSB के स्थापना दिवस के मौके पर एक भारत श्रेष्ठ भारत के तहत राष्ट्रीय एकता पर धुन बजायी गयी तथा कार्मिकों को सत्यनिष्ठा, कर्तव्यपरायणता तथा ईमानदारी के साथ कर्तव्यों का निर्वहन करने हेतु हिदायत दी गयी. इस मौके पर 42वीं वाहिनी एसएसबी के कार्यवाहक कमांडेंट प्रवीण कुमार, अनिल कुमार यादव, सहायक कमांडेंट, निरीक्षक जेके त्रिपाठी, उप-निरीक्षक संचार प्रकाश चंद के साथ सभी वाहिनी कार्मिक उपस्थित रहें. कार्यक्रम के दौरान कोविड-19 का पालन किया गया.

बहराइच: सशस्त्र सीमा बल का 57वां स्थापना दिवस रविवार को मनाया गया. इस मौके पर 42वीं वाहिनी सशस्त्र सीमा बल के बटालियन मुख्यालय पर विभिन्न खेलों का आयोजन किया गया. इस दौरान 42वीं वाहिनी सशस्त्र सीमा बल के कार्यवाहक कमांडेंट प्रवीण कुमार ने कहा कि, सेवा सुरक्षा और बन्धुत्व हमारा ध्येय है.

सशस्त्र सीमा बल के 57वें स्थापना दिवस के मौके पर 42वीं वाहिनी के कार्यवाहक कमांडेंट ने जवानों को बल की क्षमता तथा कार्यकुशलता के बारे में अवगत कराया. साथ ही सशस्त्र सीमा बल के गौरवपूर्ण और स्वर्णीम सफर के बारे में बताया. 42वीं वाहिनी सशस्त्र सीमा बल के कार्यवाहक कमांडेंट प्रवीण कुमार ने बताया कि बल की स्थापना 1963 में की गयी थी. जिसका लक्ष्य सरहदी आबादी का भरोसा जीतकर, उनमें राष्ट्रीय स्वाभिमान जगाकर राष्ट्र की मुख्य धारा में शामिल करना था. वर्ष 2001 के बाद सशसत्र सीमा बल ने एक नए दौर में प्रवेश किया और सीमा रक्षक के रूप एसएसबी रूप में भूमिका बढ़ गई.

कई चुनौतियों का कुशलता से सामना करती है एसएसबी

SSB की कार्यकुशलता का सम्मान करते हुए 2004 में बल को प्रेसिडेंट कलर्स से नवाजा गया. आज एसएसबी भारत-नेपाल और भारत-भूटान की खुली, संवेदनशील और चुनौतीपूर्ण सीमाओं की दिन रात हिफाजत करने के साथ उग्रवाद विरोधी अभियान, आपदा-राहत, वन्य-जीव और मानव तस्करी को रोकने में अपना अमूल्य योगदान रही है. इन मुश्किल कार्यों को अंजाम देने में एसएसबी ने लगातार अपनी क्षमताओं में विस्तार किया. 1,751 किलोमीटर लम्बी भारत-नेपाल तथा 699 किलोमीटर लम्बी भारत-भूटान की खुली सीमाओं की पैनी निगरानी रखना, पड़ोसी राष्ट्र के साथ मित्रतापूर्ण सम्बन्ध बनायें रखने, राष्ट्र विरोधी गतिविधियों को रोकने के साथ मानव तस्करी के विरुद्ध मुहीम लगातार जारी है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि, सशस्त्र सीमा बल एक बहु आयामी फोर्स है. सशस्त्र सीमा बल पांच दशकों से भी अधिक समय से सेवा, सुरक्षा और बन्धुत्व के आदर्श को जीने और उसको जीवन्त बनाने के लिए काम कर रहा है.

स्थापना दिवस पर खेलों का आयोजन

एसएसबी के स्थापना दिवस के अवसर पर 42वीं वाहिनी के प्रांगण में बैटमिंटन तथा तम्बुला खेल का आयोजन किया गया. ताम्बुल खेल में उप निरीक्षक अमित कुमार, सहायक उप निरीक्षक सुभाष तथा अनिल कुमार पटेल ने पुरस्कार जीता. वहीं बैटमिंटन में आठ प्रतिभागियों ने भाग लिया जिसमें मो. इमरान अख्तर अंसारी उपविजेता तथा वाहिनी के कार्यवाहक कमांडेंट प्रवीण कुमार विजेता रहे.

SSB के स्थापना दिवस के मौके पर एक भारत श्रेष्ठ भारत के तहत राष्ट्रीय एकता पर धुन बजायी गयी तथा कार्मिकों को सत्यनिष्ठा, कर्तव्यपरायणता तथा ईमानदारी के साथ कर्तव्यों का निर्वहन करने हेतु हिदायत दी गयी. इस मौके पर 42वीं वाहिनी एसएसबी के कार्यवाहक कमांडेंट प्रवीण कुमार, अनिल कुमार यादव, सहायक कमांडेंट, निरीक्षक जेके त्रिपाठी, उप-निरीक्षक संचार प्रकाश चंद के साथ सभी वाहिनी कार्मिक उपस्थित रहें. कार्यक्रम के दौरान कोविड-19 का पालन किया गया.

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