लखनऊ : बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष व उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने कांग्रेस पर जोरदार हमला किया. उन्होंने कांग्रेस पार्टी को जातिवादी पार्टी करार देते हुए सोशल मीडिया पर पोस्ट किया. कहा कि राजनीतिक स्वार्थ के लिए कांग्रेस दलितों का इस्तेमाल करती है. जब पार्टी के अच्छे दिन आ जाते हैं तो दलितों को किनारे लगा दिया जाता है.
1. देश में अभी तक के हुए राजनीतिक घटनाक्रमों से यह साबित होता है कि खासकर कांग्रेस व अन्य जातिवादी पार्टियों को अपने बुरे दिनों में तो कुछ समय के लिए इनको दलितों को मुख्यमंत्री व संगठन आदि के प्रमुख स्थानों पर रखने की जरूर याद आती है। 1/6
— Mayawati (@Mayawati) September 23, 2024
2. लेकिन ये पार्टियाँ, अपने अच्छे दिनों में, फिर इनको अधिकांशतः दरकिनार ही कर देती हैं तथा इनके स्थान पर, फिर उन पदों पर जातिवादी लोगों को ही रखा जाता है, जैसा कि अभी हरियाणा प्रदेश में भी देखने के लिए मिल रहा है। 2/6
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बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने कांग्रेस सांसद व सदन में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी पर भी निशाना साधा. कहा कि उन्होंने तो विदेश में जाकर इन सभी जातियों का आरक्षण खत्म करने तक का ऐलान कर दिया. देश में अभी तक के हुए राजनीतिक घटनाक्रमों से यह साबित होता है कि खासकर कांग्रेस व अन्य जातिवादी पार्टियों को अपने बुरे दिनों में तो कुछ समय के लिए दलितों को प्रमुख स्थानों पर रखने की जरूर याद आती है. ये पार्टियां अपने अच्छे दिनों के बाद इनको अधिकांशतः दरकिनार ही कर देती हैं.
3. जबकि ऐसे अपमानित हो रहे दलित नेताओं को अपने मसीहा बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर से प्रेरणा लेकर इन्हें खुद ही ऐसी पार्टियों से अलग हो जाना चाहिए तथा अपने समाज को फिर ऐसी पार्टियों से दूर रखने के लिए उन्हें आगे भी आना चाहिए। 3/6
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4. क्योंकि परमपूज्य बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर ने देश के कमजोर वर्गों के आत्म-सम्मान व स्वाभिमान की वजह से अपने केन्द्रीय कानून मन्त्री पद से इस्तीफा भी दे दिया था। 4/6
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इनके स्थान पर फिर उन पदों पर जातिवादी लोगों को ही रखा जाता है, जैसा कि अभी हरियाणा में भी देखने के लिए मिल रहा है, जबकि ऐसे अपमानित हो रहे दलित नेताओं को अपने मसीहा डॉ. भीमराव आंबेडकर से प्रेरणा लेकर इन्हें खुद ही ऐसी पार्टियों से अलग हो जाना चाहिए. अपने समाज को फिर ऐसी पार्टियों से दूर रखने के लिए उन्हें आगे भी आना चाहिए. बसपा अध्यक्ष मायावती ने कहा कि क्योंकि संविधान निर्माता डॉ. भीमराव आंबेडकर ने देश के कमजोर वर्गों के आत्म-सम्मान व स्वाभिमान की वजह से अपने केंद्रीय कानून मंत्री पद से इस्तीफा भी दे दिया था, जिनसे प्रेरित होकर फिर मैंने भी सहारनपुर के दलित उत्पीड़न के मामले में इसकी हुई उपेक्षा और न बोलने देने की स्थिति में मैंने स्वाभिमान में राज्यसभा सांसद के पद से इस्तीफा भी दे दिया था.
ऐसे में दलितों को डॉ आंबेडकर के पदचिन्हों पर चलने की ही सलाह है. इसके अलावा कांग्रेस व अन्य जातिवादी पार्टियां शुरू से ही इनके आरक्षण के भी विरुद्ध रहीं हैं. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने तो विदेश में जाकर इसको खत्म करने का ही ऐलान कर दिया है. ऐसी संविधान, आरक्षण व SC, ST, OBC विरोधी पार्टियों से ये लोग जरूर सचेत रहें.
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