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10 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने में भारत को लगेंगे इतने साल, इन मामलों में अमेरिका और चीन को छोड़ेगा पीछे - India Economy By 2032 - INDIA ECONOMY BY 2032

India Economy By 2032- आईडीबीआई कैपिटल की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत अगले छह वर्षों में हर 18 महीने में अपने सकल घरेलू उत्पाद में 1 ट्रिलियन डॉलर जोड़ने के लिए तैयार है, जो एक तेज आर्थिक परिवर्तन को दिखाता है. इस गति के साथ, देश 2032 तक 10 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है, जो 2030 तक खुद को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में स्थापित करेगा. पढ़ें पूरी खबर...

India Economy By 2032
2032 तक भारत की अर्थव्यवस्था (Getty Image)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 23, 2024, 11:47 AM IST

नई दिल्ली: आईडीबीआई कैपिटल की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय अर्थव्यवस्था अगले छह वर्षों में हर 1.5 साल में अपने सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में एक ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर जोड़ने के लिए तैयार है. रिपोर्ट में कहा गया कि भारत एक बड़े बदलाव के कगार पर है. इसका लक्ष्य 2032 तक 10 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था बनना है, जो 2030 तक वैश्विक स्तर पर तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगी.

रिपोर्ट में कहा गया है कि आगे चलकर हर 1.5 साल में एक ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर जोड़कर, भारत अगले छह वर्षों में तीसरी सबसे बड़ी वैश्विक अर्थव्यवस्था के रूप में उभरने का अनुमान है. रिपोर्ट में कहा गया है कि यह बढ़ोतरी मुख्य रूप से विनिर्माण क्षेत्र द्वारा संचालित होगी. इसके वृद्धिशील सकल मूल्य वर्धन (GVA) में 32 फीसदी योगदान करने की उम्मीद है.

एक ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर पहुंचने में लगे 63 साल
रिपोर्ट में मेक इन इंडिया जैसी पहलों की भूमिका पर भी प्रकाश डाला गया है, जो रिपोर्ट के अनुसार भारत के विनिर्माण आधार को मजबूत करने और देश को वैश्विक विनिर्माण केंद्र में बदलने के लिए डिजाइन की गई हैं. डेटा ने यह भी बताया कि भारत को एक ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की जीडीपी तक पहुंचने में 1947 से 2010 तक 63 साल लगे. हालांकि, पिछले दशक में विकास में काफी तेजी आई है.

2017 में दो ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंचा
भारत सिर्फ सात साल बाद 2017 में दो ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया और 2020 में तीन ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया. हालांकि, रिपोर्ट के अनुसार, कोविड-19 महामारी ने विकास को थोड़ा धीमा कर दिया है, जिससे 2024 के अंत तक समय सीमा चार ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर तक बढ़ गई है. देश अब आने वाले वर्षों में तेजी से विकास करने के लिए तैयार है.

मैन्युफैक्चरिंग में इन देशों पछाड़ेगा भारत
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत मैन्युफैक्चरिंग आईआईपी में टॉप पांच अर्थव्यवस्थाओं से आगे निकल जाएगा...अमेरिका, चीन, जर्मनी, दक्षिण कोरिया और जापान...भारत में नीतिगत सुधारों और अनुकूल कारोबारी माहौल के सहारे इसी तरह बढ़ने की क्षमता है. इसमें भारत की बढ़ती निर्यात क्षमता को भी जोड़ा गया है, जिसका अनुमान है कि 2030 तक निर्यात जीडीपी का 25 फीसदी होगा, जो 2 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच जाएगा. यह 2000 में 61 बिलियन अमेरिकी डॉलर से 2024 तक अनुमानित 776.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक की महत्वपूर्ण छलांग दिखाता है.

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नई दिल्ली: आईडीबीआई कैपिटल की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय अर्थव्यवस्था अगले छह वर्षों में हर 1.5 साल में अपने सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में एक ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर जोड़ने के लिए तैयार है. रिपोर्ट में कहा गया कि भारत एक बड़े बदलाव के कगार पर है. इसका लक्ष्य 2032 तक 10 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था बनना है, जो 2030 तक वैश्विक स्तर पर तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगी.

रिपोर्ट में कहा गया है कि आगे चलकर हर 1.5 साल में एक ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर जोड़कर, भारत अगले छह वर्षों में तीसरी सबसे बड़ी वैश्विक अर्थव्यवस्था के रूप में उभरने का अनुमान है. रिपोर्ट में कहा गया है कि यह बढ़ोतरी मुख्य रूप से विनिर्माण क्षेत्र द्वारा संचालित होगी. इसके वृद्धिशील सकल मूल्य वर्धन (GVA) में 32 फीसदी योगदान करने की उम्मीद है.

एक ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर पहुंचने में लगे 63 साल
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2017 में दो ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंचा
भारत सिर्फ सात साल बाद 2017 में दो ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया और 2020 में तीन ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया. हालांकि, रिपोर्ट के अनुसार, कोविड-19 महामारी ने विकास को थोड़ा धीमा कर दिया है, जिससे 2024 के अंत तक समय सीमा चार ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर तक बढ़ गई है. देश अब आने वाले वर्षों में तेजी से विकास करने के लिए तैयार है.

मैन्युफैक्चरिंग में इन देशों पछाड़ेगा भारत
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