बागपत: चीन को सबक सिखाने के लिए बहनें भी घर पर स्वदेशी राखियां बना रही हैं. अब समय रक्षाबंधन का है, तो छोटी बच्चियां हों या बड़ी बहनें, सभी घर पर ही राखियां बना रही हैं. इसी राह पर छपरौली क्षेत्र के तिलवाड़ा गांव की रहने वाली प्रिया उपाध्याय ने घर पर ही अपने भाइयों के लिए राखी बनाने का निर्णय लिया है.
प्रिया ने तिरंगे की राखियां बनाना शुरू किया है. उन्होंने सभी बहनों से अपील की है कि वे भी अपने भाइयों की कलाई पर घर पर ही तैयार की गई राखियां ही बांधें, जिससे त्योहार मनाने के साथ ही हमारा देश भी मजबूत हो सके.
'सभी पर्वों पर दिखता है चाइनीज आइटम का कब्जा'
प्रिया के पिता आरआरडी उपाध्याय एक सामाजिक कार्यकर्ता हैं. उन्होंने बताया कि हिंदुस्तानी जितने भी पर्व हैं, सबके ऊपर चाइनीज आइटम्स ने कब्जा किया हुआ है. चीन से 21 देशों की सीमाएं लगती हैं और सभी की जमीनों पर चीन कब्जा करना चाहता है.
'चीन से सभी देश कर रहे नफरत'
आरआरडी उपाध्याय ने कहा कि कोरोना नाम का जहर जो पूरी दुनिया में उसने बांटा है, इससे सब उससे नफरत कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि चीन भारत से बहुत ईर्ष्या करता है और आतंकवादियों को उकसाता है. उधर, नेपाल जो हमारा मित्र था, उसको भी उकसाने का प्रयास किया.
छोटे बच्चे भी कर रहे चीनी सामान का बहिष्कार
सामाजिक कार्यकर्ता आरआरडी उपाध्याय ने बताया कि हिंदुस्तान के अंदर चीन का खरबों रुपये का व्यापार है, इसलिए चीन के समान का पूर्ण बहिष्कार करने के लिए छोटे-छोटे बच्चे भी आज मैदान में हैं. यही कारण है कि चीन की राखियों का पूरे देश में विरोध हो रहा है. उन्होंने कहा कि बच्चे भी राखी के पर्व को अपने ढंग से मानना चाहते हैं. वे हिंदुस्तानी राखी अपनी भाइयों की कलाई पर बांधना चाहती हैं.
'भाइयों के हाथों में बंधेंगी हिंदुस्तानी राखी'
प्रिया ने बताया कि न्यूज में देखते हैं कि चाइना के सामान का बहिष्कार किया जा रहा है. चाइना जो हमारे त्योहार हैं, उन पर भी अपनी कुदृष्टि डाल रहा है. अपने सामानों को यहां बेचकर वो जो पैसे कमाता है, उसी से हमारे देश की बर्बादी के सपने देखता है. इसीलिए हमने सोचा कि हम अपने त्योहारों को अपने ढंग से मनाएंगे. हम उसके सामानों का बहिष्कार करते हैं और अपने भाइयों को अपने ही हाथों से बनी हिंदुस्तानी राखी बांधेंगे.
'चीन के सामान का करें बहिष्कार'
प्रिया ने कहा कि मैं बहनों को संदेश देना चाहती हूं कि वो चीन के समान का बहिष्कार करें. चीन के सामान का पूरी तरह से त्याग कर और अपने हाथों से अपने भाइयों के लिए राखी बनाएं. योगी आदित्यनाथ जी के पास राखी बनाकर भेजी है, ताकि उन्हें भी पता चल सके कि बच्चे भी चीन के सामानों का बहिष्कार कर रहे हैं.