नई दिल्ली: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने पहले कोर ग्रुप की बैठक सोमवार को की उसके बाद बुधवार को राज्य के विधानसभा उम्मीदवारों के नाम पर मुहर लगाने के लिए भाजपा केंद्रीय चुनाव समिति (सीईसी) की बैठक बुलाई. सीईसी की बैठक में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने भाजपा अध्यक्ष समेत समिति के सभी सदस्यों के साथ राज्य की सीटों पर चर्चा की.
जानकारी के मुताबिक, केंद्रीय चुनाव समिति ने महाराष्ट्र के करीब 110 सीटों पर प्रत्याशियों के नाम पर मुहर लगा दी है. सीईसी ने बाकी बची सीटों पर उम्मीदवारों के नाम तय करने का जिम्मा बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के ऊपर छोड़ा है. बची सीटों पर उम्मीदवारों के नाम तय करने के लिए अब दुबारा सीईसी की मीटिंग नहीं होगी. बीजेपी बाकि की सीटों पर गठबंधन के साथियों शिवसेना के एकनाथ शिंदे और एनसीपी के अजीत पवार के साथ सीटों के बंटवारे के बाद उम्मीदवार तय करेगी.
सूत्रों की माने तो बैठक में महाराष्ट्र की सभी 288 सीटों पर चर्चा हुई. बैठक में भाजपा ने अपनी सीटों पर उम्मीदवारों के नाम पर ज्यादा चर्चा की. जिसमे ये बातें भी निकल कर आ रहीं हैं कि बीजेपी लगभग 170 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है. खबर के मुताबिक, पार्टी ने अपनी सीटों पर उम्मीदवार लगभग तय कर लिए हैं और पहली लिस्ट जल्द ही आ सकती है.
लगभग चार घंटे चली केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में भाजपा के नेताओं ने सभी 288 सीटों पर चर्चा की मगर मुख्य तौर पर ये चर्चा भाजपा की अपनी सीटों पर सिमट गई.हालांकि सूत्रों की माने तो गठबंधन के दलों को दी जाने वाली सीटों पर भी महाराष्ट्र के नेताओं के साथ चर्चा की गई,लेकिन मुख्य तौर पर भाजपा आलाकमान ने अपनी सीटों पर ही चर्चा को केंद्रित रखा. पार्टी झारखंड और महाराष्ट्र की पहली लिस्ट जल्दी ही जारी कर सकती है क्योंकि आज की बैठक में सूत्रों की माने तो भाजपा ने अपनी सीटों पर लगभग नाम तय कर लिए हैं.
महाराष्ट्र के पिछले चुनाव में बीजेपी की झोली में 105 सीटें आईं थीं और सूत्रों की माने तो पार्टी सिटिंग विधायकों में बहुत ज्यादा टिकट काटने के मूड में भी नहीं है. मगर उनका नाम सर्वे में होना चाहिए और इन सालों में उनके खिलाफ किसी तरह का कोई विवाद ना जुड़ा हो. साथ ही उम्मीदवार अति बुजुर्ग या स्वास्थ्य से लाचार ना हो.
भाजपा ने महाराष्ट्र में पिछली बार 164 विधानसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े किए थे और सूत्रों की माने तो इस बार पार्टी लगभग 170 सीट पर चुनाव लड़ सकती है. बैठक में महाराष्ट्र के सामाजिक और राजनीतिक समीकरणों पर भी चर्चा की गई. किस क्षेत्र मे कौन सा प्रभावी मुद्दा हो सकता है, केंद्रीय चुनाव समिति से पहले हुई कोर कमेटी की बैठक में इस बात पर भीं चर्चा की गई.
सूत्रों के अनुसार, भाजपा विदर्भ, मुंबई और उत्तर महाराष्ट्र के अधिकतर सीटों पर चुनाव मैदान में उतरेगी, जबकि शिवसेना मराठवाड़ा, कोंकण और उत्तर महाराष्ट्र की सीटों पर चुनाव लड़ सकती है। अजीत पवार की एनसीपी भी मराठवाड़ा और पश्चिम महाराष्ट्र में ज्यादा से ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ने के मूड में है.
सूत्रों की माने तो सीईसी से पहले हुई बीजेपी कोर कमेटी की बैठक में इस बात पर भी चर्चा हुई कि एक दो ऊपर नीचे सीटों के आंकड़े भले हो जाए मगर भाजपा अपनी सहयोगियों जिनमें शिवसेना शिंदे और अजित पवार की एनसीपी को संतुष्ट करके ही आगे बढ़ेगी. इतना जरूर है कि, उनकी मांगों के अनुरूप चाहे सीटें ना दी जाएं .हालांकि भाजपा पहले ही अपने सहयोगियों से बात कर चुकी है और ज्यादातर सीटों पर भी गठबंधन की पार्टियों से चर्चा हो चुकी है.
भाजपा अलग रणनीति अपनाते हुए एंटी इनकंबेंसी से लड़ने के लिए सीटों की अदला-बदली जरूर करने की योजना बना रही है. सूत्रों की माने तो पार्टी मुख्य तौर पर नए चेहरों पर और जितने वाले उम्मीदवारों पर दांव लगाने के मूड में है. इसलिए जो सांसद हार चुके हैं उन्हें विधानसभा चुनाव के मैदान में उतारने की कोई योजना नहीं है. सूत्रों के अनुसार, शिवसेना नेता और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री एनसीपी नेता अजित पवार भी दिल्ली आ सकते हैं. पवार गृहमंत्री अमित शाह भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात कर सीटों के बंटवारे को अंतिम रूप दे सकते हैं.
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