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बदायूं से सपा को लगा बड़ा झटका, पूर्व मंत्री कांग्रेस में शामिल - लोकसभा चुनाव

बदायूं जिले से सपा के पूर्व मंत्री आबिद रजा ने समाजवादी पार्टी का दामन छोड़कर कांग्रेस का दामन थाम लिया. मतदान से थोड़े दिन पहले आबिद के सपा छोड़ने से सपा सांसद धर्मेंद्र यादव को इसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है.

पूर्व सपा मंत्री आबिद रजा
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Published : Apr 12, 2019, 12:24 PM IST

बदायूं : लोकसभा चुनाव से पहले नेताओं के पार्टी बदलने का शुरू हुआ सिलिसला मतदान के नजदीक आते-आते तक नहीं थम रहा है. बदायूं जिले से सपा के पूर्व मंत्री आबिद रजा ने गुरुवार को सपा छोड़ कांग्रेस का दामन थाम लिया और कांग्रेस प्रत्याशी सलीम शेरवानी को अपना समर्थन दिया. आबिद रजा के कांग्रेस में जाने से सपा को बड़ा झटका लगा है.

पूर्व सपा मंत्री आबिद रजा ने कांग्रेस में शामिल होकर चुनावी समीकरण ही बदल दिए हैं. इसका सबसे ज्यादा नुकसान सपा सांसद धर्मेंद्र यादव को हो सकता है. आबिद के कांग्रेस में जाने से मुस्लिम वोटर कांग्रेस की ओर रुख कर सकता है, क्योंकि आबिद रजा की मुस्लिम वोटरों में अच्छी पकड़ है, जिसे कांग्रेस प्रत्याशी सलीम शेरवानी भुनाना चाहेंगे.

आबिद रजा के पार्टी छोड़ने पर टिप्पणी करते सपा जिलाध्यक्ष.

कांग्रेस ने बदायूं से सलीम शेरवानी को मैदान में उतारा है, जो बदायूं के पांच बार सांसद रह चुके हैं. वहीं बदायूं में मुख्य लड़ाई सपा और बीजेपी में मानी जा रही थी. बीजेपी से संघमित्रा मौर्या चुनाव लड़ रही हैं. चुनावी गलियारों में चर्चा ये भी है कि आबिद रजा के कांग्रेस में शामिल होने से मुस्लिम वोटर कट जाएगा और इसका सीधा नुकसान धर्मेंद्र यादव को होगा. वहीं कुछ लोगों का कहना है कि इसका फायदा बीजेपी भी उठा सकती है, क्योंकि सपा से जितना मुस्लिम वोटर कटेगा और कांग्रेस में जाएगा, उसका सीधा फायदा बीजेपी को ही होगा.

आबिद रजा के सपा छोड़ने को लेकर सपा के जिलाध्यक्ष आशीष यादव ने कहा कि आबिद रजा के कांग्रेस में शामिल होने से उन्हें कोई नुकसान नहीं होने वाला है. वहीं बीजेपी जिलाध्यक्ष हरीश शाक्य ने कहा कि उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता कि कौन किस पार्टी में शामिल हो रहा है. बीजेपी की प्रत्याशी संघमित्रा मौर्या यहां से चुनाव जीत रही हैं.

बदायूं : लोकसभा चुनाव से पहले नेताओं के पार्टी बदलने का शुरू हुआ सिलिसला मतदान के नजदीक आते-आते तक नहीं थम रहा है. बदायूं जिले से सपा के पूर्व मंत्री आबिद रजा ने गुरुवार को सपा छोड़ कांग्रेस का दामन थाम लिया और कांग्रेस प्रत्याशी सलीम शेरवानी को अपना समर्थन दिया. आबिद रजा के कांग्रेस में जाने से सपा को बड़ा झटका लगा है.

पूर्व सपा मंत्री आबिद रजा ने कांग्रेस में शामिल होकर चुनावी समीकरण ही बदल दिए हैं. इसका सबसे ज्यादा नुकसान सपा सांसद धर्मेंद्र यादव को हो सकता है. आबिद के कांग्रेस में जाने से मुस्लिम वोटर कांग्रेस की ओर रुख कर सकता है, क्योंकि आबिद रजा की मुस्लिम वोटरों में अच्छी पकड़ है, जिसे कांग्रेस प्रत्याशी सलीम शेरवानी भुनाना चाहेंगे.

आबिद रजा के पार्टी छोड़ने पर टिप्पणी करते सपा जिलाध्यक्ष.

कांग्रेस ने बदायूं से सलीम शेरवानी को मैदान में उतारा है, जो बदायूं के पांच बार सांसद रह चुके हैं. वहीं बदायूं में मुख्य लड़ाई सपा और बीजेपी में मानी जा रही थी. बीजेपी से संघमित्रा मौर्या चुनाव लड़ रही हैं. चुनावी गलियारों में चर्चा ये भी है कि आबिद रजा के कांग्रेस में शामिल होने से मुस्लिम वोटर कट जाएगा और इसका सीधा नुकसान धर्मेंद्र यादव को होगा. वहीं कुछ लोगों का कहना है कि इसका फायदा बीजेपी भी उठा सकती है, क्योंकि सपा से जितना मुस्लिम वोटर कटेगा और कांग्रेस में जाएगा, उसका सीधा फायदा बीजेपी को ही होगा.

आबिद रजा के सपा छोड़ने को लेकर सपा के जिलाध्यक्ष आशीष यादव ने कहा कि आबिद रजा के कांग्रेस में शामिल होने से उन्हें कोई नुकसान नहीं होने वाला है. वहीं बीजेपी जिलाध्यक्ष हरीश शाक्य ने कहा कि उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता कि कौन किस पार्टी में शामिल हो रहा है. बीजेपी की प्रत्याशी संघमित्रा मौर्या यहां से चुनाव जीत रही हैं.

Intro:चुनाव आते ही नेता पार्टी बदलना शुरू कर देते है ...जहाँ ज्यादा फायदा दिखा वही रुख कर लेते है ...ऐसा ही कुछ बदायूँ में चल रहा है ....सपा के पूर्व मंत्री आबिद रजा ने कांग्रेस का दामन थाम लिया है ...आबिद रजा के कांग्रेस में जाने से सपा को झटका तो लगा ही ...साथ ही बदायूँ का चुनावी समीकरण भी पूरी तरह बदल गया है ...देखिये इस रिपोर्ट में....




Body:बदायूँ में सपा के पूर्व मंत्री आबिद रजा ने कांग्रेस में शामिल होकर चुनावी समीकरण बदल दिए है ....और इसे सबसे ज्यादा नुकसान सपा के धर्मेंद्र यादव को ही होने वाला है ....जो यहाँ के मौजूदा सांसद है ...आबिद के कांग्रेस में जाने से मुस्लिम वोटर कांग्रेस की ओर रुख करेगा ...क्यों कि आबिद रजा की मुस्लिम वोटरों में अच्छी पकड़ है ...जिसे इसका पूरा फायदा काँग्रेई का ही होना है ...कांग्रेस ने बदायू से सलीम शेरवानी को मैदान में उतारा है ...जो बदायूँ के 5 बार सांसद रह चुके है ....बदायूँ में मुख्य लड़ाई सपा और बीजेपी में मानी जा रही थी ...बीजेपी से संघमित्रा मौर्या चुनाव लड़ रही है ...आबिद के कांग्रेस में शामिल होने से मुस्लिम वोटर कट जाएगा और वो सीधा धर्मेंद्र यादव को नुकसान होगा ...इसका फायदा बीजेपी उठा सकती है ...क्योंकि सपा का जितना मुस्लिम वोटर कटेगा और कांग्रेस में जायेगा उसका सीधा फायदा बीजेपी को ही होगा ...




Conclusion:वही सपा की जिला अध्यक्ष का कहना है कि आबिद रजा के कांग्रेस में शामिल होने से उन्हें कोई नुकसान होने वाला नही है ...क्यों उनके आने जाने से कोई फर्क नही पड़ता है ....वही बीजेपी का कहना था कि उन्हें कोई फर्क नही पड़ता है कौन किस पार्टी में शामिल हो रहा है ...और बीजेपी की संघमित्रा मौर्या यहाँ से चुनाव जीत रही है ....

एक बात तो साफ आबिद रजा के कांग्रेस में शामिल होने से सपा को नुकसान होगा ...और बीजेपी को इसका फायदा मिलेगा ...क्योंकि कांग्रेस में जाने वाला वोट सपा का ही होगा ...और सपा के वोट काटेंगे तो इसका फायदा बीजेपी को ही होगा ....
(बाइट-आशीष यादव, जिलाअध्यक्ष सपा)
(बाइट-हरीश शाक्य, जिला अध्ययन बीजेपी)
(क्रांतिवीर सिंह, 7011197408)
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