बदायूं: जिले में मंगलवार को बिनावर क्षेत्र से पूर्व विधायक रहे रामसेवक सिंह पटेल का आवास जिला प्रशासन द्वारा धराशाई कर दिया गया. पूर्व विधायक का आरोप है कि प्रशासन द्वारा उनकी नहीं सुनी गई, तथा कुछ राजनीतिक विरोधियों द्वारा इसको लेकर साजिश रची गई. रामसेवक सिंह पटेल की छवि बदायूं की राजनीति में हिंदूवादी नेता की रही है, लेकिन इस कार्रवाई के बाद खुद पूर्व विधायक ने तमाम आरोप भी लगाए. अपने आप को भारतीय जनता पार्टी का सदस्य भी बताया तथा अपनी ही पार्टी के लोगों पर इस पूरी कार्रवाई के लिए निशाना भी साधा.
बदायूं के सिविल लाइन थाना क्षेत्र अंतर्गत जवाहरपुरी इलाके में रामसेवक सिंह पटेल जो बिनावर क्षेत्र से पांच बार के पूर्व विधायक भी हैं. उनका एक आवास इस क्षेत्र में बना हुआ है. जिसको लेकर विगत काफी समय से उठापटक की स्थिति बनी हुई थी. रामसेवक सिंह पटेल की छवि जिले में हिंदूवादी नेता की है. वह पूर्व में बिनावर विधानसभा क्षेत्र से 5 बार विधायक चुने गए हैं. उन पर आरोप लगे थे कि उनकी यह बिल्डिंग जिस जगह पर बनी हुई है. वह पूर्व में कब्रिस्तान था, इसको लेकर जिला प्रशासन द्वारा पूर्व में लेखपाल और कानूनगो पर कार्रवाई भी की जा चुकी है. पूर्व विधायक पर भी एफआईआर दर्ज कर कारवाई की गई थी, लेकिन पूर्व विधायक रामसेवक सिंह पटेल का कहना है कि यह जमीन बाकायदा हमने एग्रीमेंट के तहत ली थी.
इस मामले पर जिलाधिकारी कुमार प्रशांत का कहना है कि यह जो बिल्डिंग बनाई गई थी. इसका नक्शा अवैध तरीके से पास करवाया गया था और जो जमीन थी वह कब्रिस्तान की जमीन थी. इसमें अवैध रूप से इन्होंने अपना नाम दर्ज करवा लिया था. इसमें तत्कालीन लेखपालों, कानूनगो और इनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई गई थी. जिसमें विवेचना भी हुई थी, वहां पर जो बिल्डिंग बनाई गई थी. उसका भी नक्शा पास नहीं करवाया गया था. कोर्ट के आदेश के बाद यह कार्रवाई की जा रही है.