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...इस गांव में आज भी बसती हैं शहीद रामसमुझ की यादें, करगिल में हुए थे शहीद

उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले में शहीद रामसमुझ यादव की याद में श्रद्धांजलि समारोह का आयोजन किया गया. इस आयोजन में शहीद रामसमुझ यादव के वरिष्ठ अधिकारी कर्नल निखिल श्रीवास्तव मुख्य अतिथि थे.

शहीद रामसमुझ यादव की याद में श्रद्धांजलि समारोह का किया गया आयोजन.
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Published : Aug 31, 2019, 10:37 AM IST

आजमगढ़: करगिल में शहीद रामसमुझ यादव की याद में श्रद्धांजलि समारोह मेले का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में छोटे बच्चों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत कर किए. जनपद के जिलाधिकारी नागेंद्र प्रताप सिंह ने शहीद रामसमुझ की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धा सुमन अर्पित किए.

शहीद रामसमुझ यादव की याद में श्रद्धांजलि समारोह का किया गया आयोजन.

शहीद रामसमुझ यादव की याद में मेले का आयोजन-
ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए शहीद रामसमुझ यादव के छोटे भाई प्रमोद यादव ने बताया कि 1997 में भारतीय सेना में भर्ती हुए रामसमुझ यादव 1999 में 30 अगस्त को शहीद हो गए थे. इसके बाद से उनके पैतृक गांव में हर वर्ष उनकी याद में मेले का आयोजन किया जाता है.

30 शहीद परिवारों को किया गया सम्मानित-
मेले में कार्यक्रम के दौरान 30 शहीद परिवारों को सम्मानित किया गया. इसमें पुलवामा में शहीद हुए पांच जवानों के परिवारों को सम्मानित किया गया. श्रद्धांजलि समारोह में मुख्य अतिथि शहीद रामसमुझ यादव के वरिष्ठ अधिकारी रहे कर्नल निखिल श्रीवास्तव थे. कर्नल निखिल श्रीवास्तव शहीद रामसमुझ को श्रद्धांजलि देते हुए पुरानी यादों को ताजा कर भावुक हो उठे.

बताते चलें कि 1997 में भारतीय सेना की कुमाऊं रेजीमेंट में भर्ती होने वाले रामसमुझ यादव दो ही वर्ष बाद शहीद हो गए. रामसमुझ यादव आज भले ही इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन उनकी यादें आज भी इस गांव में बसती हैं. इसी कारण उनकी याद में हर वर्ष यहां मेले का आयोजन किया जाता है, जिसमें बड़ी संख्या में लोग उपस्थित होकर अपने नायक को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं.

आजमगढ़: करगिल में शहीद रामसमुझ यादव की याद में श्रद्धांजलि समारोह मेले का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में छोटे बच्चों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत कर किए. जनपद के जिलाधिकारी नागेंद्र प्रताप सिंह ने शहीद रामसमुझ की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धा सुमन अर्पित किए.

शहीद रामसमुझ यादव की याद में श्रद्धांजलि समारोह का किया गया आयोजन.

शहीद रामसमुझ यादव की याद में मेले का आयोजन-
ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए शहीद रामसमुझ यादव के छोटे भाई प्रमोद यादव ने बताया कि 1997 में भारतीय सेना में भर्ती हुए रामसमुझ यादव 1999 में 30 अगस्त को शहीद हो गए थे. इसके बाद से उनके पैतृक गांव में हर वर्ष उनकी याद में मेले का आयोजन किया जाता है.

30 शहीद परिवारों को किया गया सम्मानित-
मेले में कार्यक्रम के दौरान 30 शहीद परिवारों को सम्मानित किया गया. इसमें पुलवामा में शहीद हुए पांच जवानों के परिवारों को सम्मानित किया गया. श्रद्धांजलि समारोह में मुख्य अतिथि शहीद रामसमुझ यादव के वरिष्ठ अधिकारी रहे कर्नल निखिल श्रीवास्तव थे. कर्नल निखिल श्रीवास्तव शहीद रामसमुझ को श्रद्धांजलि देते हुए पुरानी यादों को ताजा कर भावुक हो उठे.

बताते चलें कि 1997 में भारतीय सेना की कुमाऊं रेजीमेंट में भर्ती होने वाले रामसमुझ यादव दो ही वर्ष बाद शहीद हो गए. रामसमुझ यादव आज भले ही इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन उनकी यादें आज भी इस गांव में बसती हैं. इसी कारण उनकी याद में हर वर्ष यहां मेले का आयोजन किया जाता है, जिसमें बड़ी संख्या में लोग उपस्थित होकर अपने नायक को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं.

Intro:anchor: आजमगढ़। कारगिल शहीद रामसमुझ यादव की स्मृति में आजमगढ़ जनपद के अंजान शहीद में श्रद्धांजलि समारोह मेले का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में छोटे बच्चों ने जहां सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत कर सभी का मन मोह लिया वहीं आजमगढ़ के जिलाधिकारी नागेंद्र प्रताप सिंह ने शहीद राम समूह की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धा सुमन अर्पित किए।


Body:वीओ:1 ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए शहीद रामसमुझ यादव के छोटे भाई प्रमोद यादव ने बताया कि 1997 में भारतीय सेना में भर्ती हुए रामसमुझ यादव 1999 में 30 अगस्त को शहीद हो गए थे। बड़े भैया की स्मृति में हम लोगों ने सबसे पहले दिया जलाना शुरू किया और उसके बाद अपने पैतृक गांव में हर वर्ष मेले का आयोजन करना शुरू किया हर वर्ष आयोजित होने वाले इस मेले में बड़ी संख्या में शहीद परिवार के परिजनों को सम्मानित किया जाता है। इस कार्यक्रम में 30 शहीद परिवारों को सम्मानित किया गया जिसमें 5 परिवार उन शहीद परिवारों से हैं जिनके परिजन पुलवामा की घटना में शहीद हो गए थे। आज के इस श्रद्धांजलि समारोह में शहीद रामसमुझ यादव के वरिष्ठ अधिकारी रहे कर्नल निखिल श्रीवास्तव भी आए और उन्होंने शहीद रामसमुझ को श्रद्धांजलि देते हुए पुरानी यादों को ताजा कर भावुक हो उठे।


Conclusion:बाइट: प्रमोद यादव शहीद रामसमुझ का भाई
अजय कुमार मिश्र आजमगढ़ 9453766900

बताते चलें कि 1997 में भारतीय सेना की कुमाऊं रेजीमेंट में भर्ती होने वाले रामसमुझ यादव दो ही वर्ष बाद शहीद हो गए रामसमुझ यादव आज भले ही इस दुनिया में नहीं हैं लेकिन उनकी यादें आज भी इस गांव में बस्ती हैं और इसी कारण उनकी याद में हर वर्ष यहां मेले का आयोजन किया जाता है जिसमें बड़ी संख्या में लोग उपस्थित होकर अपने नायक को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।
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