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केंद्र सरकार के बजट से नाराज दिखे किसान, छात्र और छात्राओं ने दी यह प्रतिक्रिया

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Published : Feb 1, 2020, 11:51 PM IST

लोकसभा में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आम बजट पेश किया. इस बजट के माध्यम से केंद्र सरकार ने सभी को साधने की कोशिश की है. बजट में स्किल्ड यूनिवर्सिटी बनाए जाने के एलान का आजमगढ़ में छात्राओं ने स्वागत किया. वहीं अलीगढ़ में छात्रों ने बजट को जुमला करार दिया. जबकि सहारनपुर में गन्ना किसानों में इसे लेकर निराशा है.

students and farmers reactions on budget in up
केंद्र सरकार के बजट से नाराज दिखे किसान.

लखनऊ: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक फरवरी को देश का आम बजट पेश किया. बजट से किसी को खुशी मिली तो किसी को निराशा. आजमगढ़ में छात्राओं ने स्किल्ड यूनिवर्सिटी खोले जाने के एलान का स्वागत करते हुए इसे महिला सशक्तिकरण के लिए अच्छा कदम बताया तो वहीं अलीगढ़ में छात्राओं ने बजट को जुमला करार दिया. वहीं सहारनपुर में किसानों को बजट से निराशा मिली. उनका कहना है कि बजट में गन्ना किसानों के लिए कुछ नहीं किया गया है.

छात्रों ने बजट को बताया जुमला
अलीगढ़: अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के छात्रों ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बजट पर प्रतिक्रिया दी है. छात्रों ने बजट को जुमला बताया. छात्रों ने बताया कि सरकार को जमीनी स्तर पर काम करने की जरूरत है. सरकार ने 99 हजार 300 करोड़ रुपये शिक्षा के लिए दिए हैं. लेकिन गरीब तबके के लोगों को इसका लाभ क्या मिल पाएगा, यह बड़ा सवाल है. वहीं गंगा सफाई योजना और स्वच्छ भारत मिशन के लिए भी करोड़ों रुपए जारी किए गए है, लेकिन इसका रिजल्ट ठीक नहीं आ रहा है.

एएमयू छात्रों ने बजट पर दी प्रतिक्रिया.

छात्रों का कहना है कि किसानों की आय दोगुनी करने की बात सरकार करती है. वहीं दूसरी तरफ किसान आत्महत्या कर रहे हैं. कर्ज माफी की बात भाजपा सरकार करती है, लेकिन किसान अभी भी परेशान है. उन्होंने 2014 में दो करोड़ रोजगार हर साल देने का वादा किया था. जिसे आज तक पूरा नहीं किया है.

केंद्र सरकार के बजट से नाराज दिखे सहारनपुर के किसान
सहारनपुर: बजट में किसानों के लिए भी कई योजनाएं लाने की बात कही गई है. बजट में ट्यूबवेल को सौर ऊर्जा से जोड़ने के साथ रासायनिक खेती समाप्त करने की बात कही गई. इतना ही नहीं, किसानों के लिए वेयर हाउस खोलने के साथ उनकी आय बढ़ाने पर भी मोहर लगी है. बावजूद इसके सहारनपुर के किसान इस बजट पर नाराजगी जता रहे हैं.

सहारनपुर के गन्ना किसानो में निराशा.

ईटीवी भारत से बातचीत में किसानों ने बताया कि जो बजट पेश किया गया है, वह भरोसे लायक नही है. सरकार वेयर हाउस बनाने की बात कर रही है, लेकिन इसे बनने में कई साल लग जाएंगे. सहारनपुर में ज्यादातर जमीन पर गन्ने की फसल की जाती है, लेकिन सरकार ने इस बजट में गन्ना किसानों का कोई जिक्र नहीं किया है.

ईटीवी भारत से बोली छात्राएं, युवाओं को तराशने का काम करेगी स्किल्ड यूनिवर्सिटी
आजमगढ़: इस बजट में 150 नई स्किल बेस्ड यूनिवर्सिटी खोले जाने की योजना के साथ ही जल्द ही नई एजुकेशन नीति आने का आश्वासन भी दिया गया है, जिसको लेकर आजमगढ़ की छात्राएं काफी खुश नजर आईं.

छात्राओं ने बजट का किया स्वागत.

ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए छात्राओं का कहना है कि केंद्र सरकार के तमाम फैसलों को देखते हुए अच्छा लग रहा है कि आज सरकार बालिका शिक्षा के लिए बहुत अच्छा काम कर रही है. 'बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ' से समाज में जागरूकता आ रही है और आज शिक्षा के क्षेत्र में बेटियां बेहतर काम कर रही हैं. सरकार जिस तरह से इस स्किल्ड बेस्ड शिक्षा के लिए यूनिवर्सिटी खोलने जा रही है, उससे यह छात्र-छात्राओं को रोजगार पाने में आसानी रहेगी.

लखनऊ: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक फरवरी को देश का आम बजट पेश किया. बजट से किसी को खुशी मिली तो किसी को निराशा. आजमगढ़ में छात्राओं ने स्किल्ड यूनिवर्सिटी खोले जाने के एलान का स्वागत करते हुए इसे महिला सशक्तिकरण के लिए अच्छा कदम बताया तो वहीं अलीगढ़ में छात्राओं ने बजट को जुमला करार दिया. वहीं सहारनपुर में किसानों को बजट से निराशा मिली. उनका कहना है कि बजट में गन्ना किसानों के लिए कुछ नहीं किया गया है.

छात्रों ने बजट को बताया जुमला
अलीगढ़: अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के छात्रों ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बजट पर प्रतिक्रिया दी है. छात्रों ने बजट को जुमला बताया. छात्रों ने बताया कि सरकार को जमीनी स्तर पर काम करने की जरूरत है. सरकार ने 99 हजार 300 करोड़ रुपये शिक्षा के लिए दिए हैं. लेकिन गरीब तबके के लोगों को इसका लाभ क्या मिल पाएगा, यह बड़ा सवाल है. वहीं गंगा सफाई योजना और स्वच्छ भारत मिशन के लिए भी करोड़ों रुपए जारी किए गए है, लेकिन इसका रिजल्ट ठीक नहीं आ रहा है.

एएमयू छात्रों ने बजट पर दी प्रतिक्रिया.

छात्रों का कहना है कि किसानों की आय दोगुनी करने की बात सरकार करती है. वहीं दूसरी तरफ किसान आत्महत्या कर रहे हैं. कर्ज माफी की बात भाजपा सरकार करती है, लेकिन किसान अभी भी परेशान है. उन्होंने 2014 में दो करोड़ रोजगार हर साल देने का वादा किया था. जिसे आज तक पूरा नहीं किया है.

केंद्र सरकार के बजट से नाराज दिखे सहारनपुर के किसान
सहारनपुर: बजट में किसानों के लिए भी कई योजनाएं लाने की बात कही गई है. बजट में ट्यूबवेल को सौर ऊर्जा से जोड़ने के साथ रासायनिक खेती समाप्त करने की बात कही गई. इतना ही नहीं, किसानों के लिए वेयर हाउस खोलने के साथ उनकी आय बढ़ाने पर भी मोहर लगी है. बावजूद इसके सहारनपुर के किसान इस बजट पर नाराजगी जता रहे हैं.

सहारनपुर के गन्ना किसानो में निराशा.

ईटीवी भारत से बातचीत में किसानों ने बताया कि जो बजट पेश किया गया है, वह भरोसे लायक नही है. सरकार वेयर हाउस बनाने की बात कर रही है, लेकिन इसे बनने में कई साल लग जाएंगे. सहारनपुर में ज्यादातर जमीन पर गन्ने की फसल की जाती है, लेकिन सरकार ने इस बजट में गन्ना किसानों का कोई जिक्र नहीं किया है.

ईटीवी भारत से बोली छात्राएं, युवाओं को तराशने का काम करेगी स्किल्ड यूनिवर्सिटी
आजमगढ़: इस बजट में 150 नई स्किल बेस्ड यूनिवर्सिटी खोले जाने की योजना के साथ ही जल्द ही नई एजुकेशन नीति आने का आश्वासन भी दिया गया है, जिसको लेकर आजमगढ़ की छात्राएं काफी खुश नजर आईं.

छात्राओं ने बजट का किया स्वागत.

ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए छात्राओं का कहना है कि केंद्र सरकार के तमाम फैसलों को देखते हुए अच्छा लग रहा है कि आज सरकार बालिका शिक्षा के लिए बहुत अच्छा काम कर रही है. 'बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ' से समाज में जागरूकता आ रही है और आज शिक्षा के क्षेत्र में बेटियां बेहतर काम कर रही हैं. सरकार जिस तरह से इस स्किल्ड बेस्ड शिक्षा के लिए यूनिवर्सिटी खोलने जा रही है, उससे यह छात्र-छात्राओं को रोजगार पाने में आसानी रहेगी.

Intro:अलीगढ़ : अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के छात्रों ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बजट पर प्रतिक्रिया दी है. हालांकि छात्रों ने बजट को भी जुमला बताया. इकोनॉमिक्स के छात्र मोहम्मद नईम ने बताया कि पिछले 6 साल से मोदी सरकार सत्ता में है. लेकिन किसानों का कोई डाटा नहीं है. जो किसान आत्महत्या कर रहे हैं. उनका भी डाटा नहीं है. उन्होंने कहा कि जमीनी स्तर पर काम करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि 99 हजार करोड़ का शिक्षा के लिए बजट जारी किया है. लेकिन इसके बावजूद छात्रों की फैलोशिप  रुक जाती है. यूनिवर्सिटीज में अच्छा इंफ्रास्ट्रक्चर नहीं मिल पा रहा है. उन्होंने कहा कि शिक्षा पॉलिसी में जो परिवर्तन कर रहे हैं यह सिर्फ केवल ढकोसला है. भाजपा सरकार अच्छे-अच्छे ट्यूशन को टारगेट कर रही है. देश का नाम करने वाले संस्थानों को बर्बाद करने पर उनकी नजर रहती है. इसलिए इनकी शिक्षा पॉलिसी में कोई अच्छी चीज नहीं होगी.








Body:एएमयू छात्र अब्दुल वहाब ने बताया कि 99300 करोड़ रुपये शिक्षा के लिए दिये हैं. लेकिन यह गरीब तबके के लोगों को इसका लाभ मिल क्या मिल पाएगा. यह बड़ा सवाल है? वही गंगा सफाई योजना के लिए करोड़ों करोड़ों रुपए जारी किये हैं. स्वच्छ भारत मिशन के लिए भी करोड़ों रुपए जारी किये है. लेकिन इसका रिजल्ट ठीक नहीं आ रहा है. छात्र अब्दुल सईद ने बताया कि किसानों की दुगनी आए करने की बात करते हैं. वहीं दूसरी तरफ किसान आत्महत्या कर रहे हैं. कर्ज माफी की बात भाजपा सरकार करती है लेकिन किसान अभी भी परेशान हैं. वहीं उन्होंने 2014 में दो करोड़ रोजगार हर साल देने का वादा किया था. जिसे आज तक पूरा नहीं किया है. युवा पीढ़ी बेरोजगार होकर घूम रही है. 


Conclusion:छात्र अब्दुल सईद ने बताया कि बच्चों की पढ़ाई पर अगर ध्यान होता तो यह फीस नहीं बढ़ाते. युवाओं की नौकरियां छूट रही हैं. मैदान पर सरकार का कोई काम नहीं है. छात्र मोहम्मद आसिफ ने बताया कि पूरे देश में प्राइवेटाइजेशन लाने की कोशिश हो रही है. रेलवे के साथ शिक्षा में भी प्राइवेट सिस्टम ला रहे हैं. उन्होंने  कहा कि सरकार को जमीनी स्तर पर काम करना पड़ेगा. 

बाइट - मो नईम, छात्र
बाइट - अब्दुल वहाब , छात्र
बाइट - अब्दुल सईद, छात्र
बाइट - मो आसिफ, छात्र

आलोक सिंह, अलीगढ़
9837830535


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