आजमगढ़ : तमसा नदी के पावन तट पर स्थित है भगवान गणेश का मंदिर. इस मंदिर के बारे में मान्यता है कि यहां पर भक्त दिल से जो भी मुराद मांगता है, भगवान गणेश वह मुराद पूरी करते हैं. दो कुंटल मूंगे से बनी भगवान गणेश की प्रतिमा पूरे देश में सिर्फ दो ही हैं. इनमें एक मुंबई में है तो दूसरी आजमगढ़ में स्थापित है.
मंदिर में दर्शन करने आए छात्र अडानी राय ने कहा कि हम लोग भगवान गणेश का दर्शन करने के बाद मूषक के कान में अपने मन की बात कहते हैं. रानी ने बताया कि यहां भगवान गणेश सभी की मनोकामनाएं पूरी करते हैं. हम अपनी फरियाद मूषक के कान में कहकर गणेश जी तक पहुंचा देते हैं. विगत कई वर्षों से दर्शन करने आने वाले श्रद्धालुओं का कहना है इस मंदिर में जो भी मन से मुराद मांगी जाती है भगवान गणेश उसे जरुर पूरा करते हैं.
वहीं मंदिर के महंत राजेश मिश्रा ने बताया कि अकबरपुर से बलिया तक निकली तमसा नदी के पूरे मार्ग में यह अकेला गणपति का मंदिर है. इस मंदिर के बारे में मान्यता है कि जब भगवान श्रीराम ने वन के लिए प्रस्थान किया था, तो प्रथम रात्रि इसी नदी के किनारे विश्राम किया था. इसके बाद से इस मंदिर की महत्ता और अधिक बढ़ गई. मूंगे से निर्मित इस मंदिर में भगवान गणेश का दर्शन करने दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं. वैसे तो गणेश चतुर्थी को यहां मेला लगता है, लेकिन हर बुधवार को भी यहां भक्तों का तांता लगा रहता है.