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दो क्विंटल मूंगे से बनी देश की दूसरी गणेश प्रतिमा, इस जिले में है स्थापित - आजमगढ़ न्यूज

यूपी के आजमगढ़ जिले में स्थापित बड़ा गणेश मंदिर में स्थित है देश की दूसरी मूंगे से बनी गणेश की प्रतिमा. इस मंदिर की मान्यता है कि भगवान राम जब वन को जा रहे थे, तब उन्होंने पहली रात यहीं बिताई थी. भक्तों का मानना है कि इस मंदिर में मांगी गई मुरादें हमेशा पूरी होती हैं.

यहां मूषक जी सुनते हैं फरियाद
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Published : Mar 15, 2019, 5:41 AM IST

आजमगढ़ : तमसा नदी के पावन तट पर स्थित है भगवान गणेश का मंदिर. इस मंदिर के बारे में मान्यता है कि यहां पर भक्त दिल से जो भी मुराद मांगता है, भगवान गणेश वह मुराद पूरी करते हैं. दो कुंटल मूंगे से बनी भगवान गणेश की प्रतिमा पूरे देश में सिर्फ दो ही हैं. इनमें एक मुंबई में है तो दूसरी आजमगढ़ में स्थापित है.

यहां मूषक जी सुनते हैं फरियाद

मंदिर में दर्शन करने आए छात्र अडानी राय ने कहा कि हम लोग भगवान गणेश का दर्शन करने के बाद मूषक के कान में अपने मन की बात कहते हैं. रानी ने बताया कि यहां भगवान गणेश सभी की मनोकामनाएं पूरी करते हैं. हम अपनी फरियाद मूषक के कान में कहकर गणेश जी तक पहुंचा देते हैं. विगत कई वर्षों से दर्शन करने आने वाले श्रद्धालुओं का कहना है इस मंदिर में जो भी मन से मुराद मांगी जाती है भगवान गणेश उसे जरुर पूरा करते हैं.

वहीं मंदिर के महंत राजेश मिश्रा ने बताया कि अकबरपुर से बलिया तक निकली तमसा नदी के पूरे मार्ग में यह अकेला गणपति का मंदिर है. इस मंदिर के बारे में मान्यता है कि जब भगवान श्रीराम ने वन के लिए प्रस्थान किया था, तो प्रथम रात्रि इसी नदी के किनारे विश्राम किया था. इसके बाद से इस मंदिर की महत्ता और अधिक बढ़ गई. मूंगे से निर्मित इस मंदिर में भगवान गणेश का दर्शन करने दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं. वैसे तो गणेश चतुर्थी को यहां मेला लगता है, लेकिन हर बुधवार को भी यहां भक्तों का तांता लगा रहता है.

आजमगढ़ : तमसा नदी के पावन तट पर स्थित है भगवान गणेश का मंदिर. इस मंदिर के बारे में मान्यता है कि यहां पर भक्त दिल से जो भी मुराद मांगता है, भगवान गणेश वह मुराद पूरी करते हैं. दो कुंटल मूंगे से बनी भगवान गणेश की प्रतिमा पूरे देश में सिर्फ दो ही हैं. इनमें एक मुंबई में है तो दूसरी आजमगढ़ में स्थापित है.

यहां मूषक जी सुनते हैं फरियाद

मंदिर में दर्शन करने आए छात्र अडानी राय ने कहा कि हम लोग भगवान गणेश का दर्शन करने के बाद मूषक के कान में अपने मन की बात कहते हैं. रानी ने बताया कि यहां भगवान गणेश सभी की मनोकामनाएं पूरी करते हैं. हम अपनी फरियाद मूषक के कान में कहकर गणेश जी तक पहुंचा देते हैं. विगत कई वर्षों से दर्शन करने आने वाले श्रद्धालुओं का कहना है इस मंदिर में जो भी मन से मुराद मांगी जाती है भगवान गणेश उसे जरुर पूरा करते हैं.

वहीं मंदिर के महंत राजेश मिश्रा ने बताया कि अकबरपुर से बलिया तक निकली तमसा नदी के पूरे मार्ग में यह अकेला गणपति का मंदिर है. इस मंदिर के बारे में मान्यता है कि जब भगवान श्रीराम ने वन के लिए प्रस्थान किया था, तो प्रथम रात्रि इसी नदी के किनारे विश्राम किया था. इसके बाद से इस मंदिर की महत्ता और अधिक बढ़ गई. मूंगे से निर्मित इस मंदिर में भगवान गणेश का दर्शन करने दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं. वैसे तो गणेश चतुर्थी को यहां मेला लगता है, लेकिन हर बुधवार को भी यहां भक्तों का तांता लगा रहता है.

Intro:anchor: आजमगढ़। आजमगढ़ के तमसा नदी के पावन तट पर स्थित बड़ा भगवान गणेश के मंदिर के बारे में मान्यता है कि यहां पर जो भी भक्त अपने दिल से जो भी मुराद मांगता है भगवान गणेश उसकी हर मन मांगी मुराद पूरी करते हैं। 2 कुंटल मूंगे से बनी गणेश की प्रतिमा पूरे देश में सिर्फ दो ही है जिसमें एक मुंबई हुआ दूसरी आजमगढ़ में है।


Body:वीओ: 1 ईटीवी भारत से बातचीत में भगवान गणेश का दर्शन करने आए छात्र अडानी राय ने कहा कि हम लोग भगवान गणेश का दर्शन करने के बाद मुंह शक के कान में अपने मन की बात करते हैं रानी ने बताया कि जैसे अभी तक हमारी सब मनोकामना भगवान गणेश ने पूरी की वैसे आगे भी करते रहेंगे हम लोग यही फरियाद भगवान गणेश के वाहन मूषक के कान में करते हैं। श्रद्धालु अनामिका सिंह का कहना है कि जब तक हम लोग भगवान गणेश का दर्शन नहीं करते तब तक हम लोगों को चैन नहीं आता है। उन्होंने कहा कि जो भी मुराद हम लोगों ने भगवान गणेश से मांगी है उसे भगवान गणेश ने जरूर पूरा किया विगत कई वर्षों से दर्शन करने आने वाले श्रद्धालुओं का कहना है किस मंदिर में जो भी मन से मुराद मांगी जाती है भगवान गणेश जरूर पूरा करते हैं। मंदिर के महंत राजेश मिश्रा ने बताया कि अकबरपुर से बलिया तक निकली तमसा नदी के पुरे मार्ग में या अकेला गणपति का मंदिर है इस मंदिर के बारे में मान्यता है या वही स्थान है जब भगवान श्रीराम ने बंद के लिए प्रस्थान किया था तो प्रथम रात्रि इसी नदी के किनारे विश्राम किया था जिसके बाद से इस मंदिर की महत्ता और अधिक बढ़ गई। उन्होंने बताया कि भगवान गणेश का दर्शन करने बड़ी दूर दूर से श्रद्धालु आते हैं।


Conclusion:वीओ: 2 बताते चलें कि मुंगेर से निर्मित इस मंदिर में भगवान गणेश का दर्शन करने दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं। वैसे तो गणेश चतुर्थी को यहां मेला लगता है लेकिन हर बुधवार को भी यहां भक्तों का मेला लगता है जिसके बाद भंडारे का भी आयोजन किया जाता है। इस भंडारे का प्रसाद चखने दूर-दूर से भक्त आते हैं।

बाइट: रानी राय, अनामिका सिंह
बाइट महँथ राजेश मिश्र
अजय कुमार मिश्र आजमगढ़ 9453766 900
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