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आजमगढ़: सरहद पर तैनात जवानों के लिए छात्राओं ने भेजी राखी - raksha bandhan festival

यूपी के आजमगढ़ से बड़ी संख्या में छात्राओं ने सीमा पर तैनात जवानों के लिए राखी भेजने फैसला किया है. इस बार रक्षाबंधन और स्वतंत्रता दिवस एक ही दिन है. ऐसे में आजमगढ़ की बहनों ने सीमा पर तैनात भाइयों को राखी का तोहफा दिया है.

रक्षाबंधन की खुशी में राखी बनाती छात्राएं.
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Published : Aug 13, 2019, 7:23 AM IST

आजमगढ़: जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटा दिया गया है. इस कारण से सीमा पर तैनात जवानों को छुट्टी नहीं मिल पा रही है. ऐसे में आजमगढ़ की बहनों ने जवान भाइयों के लिए इस रक्षाबंधन राखी भेजने का फैसला किया है.

रक्षाबंधन की खुशी में राखी बनाती छात्राएं.

जानें रक्षाबंधन को लेकर क्या बोली छात्राएं-

  • इस बार 15 अगस्त और रक्षाबंधन एक ही दिन है, ऐसे में सीमा पर तैनात जवानों को छुट्टी नहीं मिल रही है.
  • हालांकि जवानों को दुखी होने की जरूरत नहीं है, इस रक्षाबंधन उनकी कलाई सूनी नहीं रहेगी.
  • हम लोगों ने अपने भाइयों के लिए राखी भेजने का फैसला किया है.ट
  • इस वर्ष रक्षाबंधन को लेकर हम लोगों की खुशी दोगुनी हो गई है.
  • हम लोग सरहद पर तैनात भाइयों को राखी भेज रहे हैं, ताकि उन्हें रक्षाबंधन पर बहन की कमी महसूस न हो.
  • हमें अपने सैनिक भाइयों पर बहुत गर्व है, हमारे सैनिक भाई देश की रक्षा कर रहे हैं.
  • आजादी के बाद पहली बार ऐसा हो रहा है जब जम्मू-कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक एक ही तिरंगा झंडा फहराया जाएगा.

आजमगढ़: जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटा दिया गया है. इस कारण से सीमा पर तैनात जवानों को छुट्टी नहीं मिल पा रही है. ऐसे में आजमगढ़ की बहनों ने जवान भाइयों के लिए इस रक्षाबंधन राखी भेजने का फैसला किया है.

रक्षाबंधन की खुशी में राखी बनाती छात्राएं.

जानें रक्षाबंधन को लेकर क्या बोली छात्राएं-

  • इस बार 15 अगस्त और रक्षाबंधन एक ही दिन है, ऐसे में सीमा पर तैनात जवानों को छुट्टी नहीं मिल रही है.
  • हालांकि जवानों को दुखी होने की जरूरत नहीं है, इस रक्षाबंधन उनकी कलाई सूनी नहीं रहेगी.
  • हम लोगों ने अपने भाइयों के लिए राखी भेजने का फैसला किया है.ट
  • इस वर्ष रक्षाबंधन को लेकर हम लोगों की खुशी दोगुनी हो गई है.
  • हम लोग सरहद पर तैनात भाइयों को राखी भेज रहे हैं, ताकि उन्हें रक्षाबंधन पर बहन की कमी महसूस न हो.
  • हमें अपने सैनिक भाइयों पर बहुत गर्व है, हमारे सैनिक भाई देश की रक्षा कर रहे हैं.
  • आजादी के बाद पहली बार ऐसा हो रहा है जब जम्मू-कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक एक ही तिरंगा झंडा फहराया जाएगा.
Intro:anchor:आजमगढ़। देश की सीमा पर सरहद की सुरक्षा कर रहे जवान भाइयों की कलाई रक्षाबंधन के लिए सोनी ना रहे इसलिए आजमगढ़ की बड़ी संख्या में छात्राओं ने सेना पर तैनात इन जवानों के लिए राखी भेजने का फैसला लिया है।


Body:वीओ:1 ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए इंटरमीडिएट की छात्रा ऋषिका अग्रवाल ने कहा कि इस बार 15 अगस्त का रक्षाबंधन का त्यौहार दोनों एक ही दिन पड़ रहा है इसलिए हमारे बड़ी संख्या में जवान भाइयों को छुट्टी नहीं मिल रही है यह जवान भाई हमारे दुख महसूस ना करें। हमारे जवान भाइयों की कलाई सुनी ना रहे इसलिए हम लोगों ने अपने भाइयों के लिए राखी भेजने का फैसला लिया है और इस वर्ष हम लोगों की खुशी दोगुनी हो गई हैं। छात्रा दीक्षिता राय का कहना है सरहद पर खड़े हमारे भाइयों को हम लोग ताकि भेज रहे हैं जिससे हमारे भाई को रक्षा बंधन में बहन की कमी ना खल सके। छात्रा प्रत्यक्षा तिवारी का कहना है कि कश्मीर का फैसला जिस तरह से इस बार के सरकार ने लिया है बहुत अहम फैसला है हमारे भाई हताश ना हो हम लोगों को इस बार दोगुनी खुशी है और इसीलिए अपने इन भाइयों के लिए हम लोग राखी भेज रहे हैं। छात्रा आर्य पांडे ने बताया कि हमें अपने सैनिक भाइयों पर बहुत गर्व है जब हमारे सैनिक भाई देश की रक्षा सरहद पर कर रहे हैं और आजादी के बाद पहली बार ऐसा हो रहा है जब कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक एक ही तिरंगा झंडा फहराया ऐसे में हमारे भाइयों को छुट्टी भले नहीं मिल पा रही हो लेकिन हम बहने अपनी भाइयों की कलाई सुनी ना रहे इसके लिए हम लोग राखी भेज रहे हैं।


Conclusion:बाइट: ऋषिका अग्रवाल, दीक्षिता राय,प्रत्यक्षा तिवारी, आर्या पांडे
अजय कुमार मिश्र आजमगढ़ 9453766900

बताते चलें कि इस बार रक्षाबंधन का त्यौहार व स्वतंत्रता दिवस एक ही दिन पड़ रहा है ऐसे में जबकि जम्मू-कश्मीर में के सरकार ने धारा 370 भी हटा दिया है इस कारण बड़ी संख्या में बॉर्डर व जम्मू कश्मीर में तैनात जवानों को छुट्टी नहीं मिल पा रही है ऐसे में आजमगढ़ की इन बहनों ने जवान भाइयों की कलाई सुनी ना रहे इसके लिए राखी भेजने का फैसला लिया है।
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