बरेली: अपर सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रैक प्रथम की अदालत ने भगवान भोलेनाथ और मां पार्वती के बीच पति-पत्नी के प्रेम का उदाहरण देते हुए पत्नी की हत्या करने वाले पति को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई. इसके साथ ही 50 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है. दोषी श्रवण ने मायके में रह रही पत्नी मीना की चाकू से पेट फाड़ कर हत्या कर दी थी.
जिला सहायक शासकीय अधिवक्ता दिगंबर सिंह ने बताया कि इज्जतनगर थाना क्षेत्र में रहने वाली मीरा का विवाह सीबीगंज थाना क्षेत्र में रहने वाले श्रवण के साथ हुआ था. श्रवण का पत्नी से विवाद होता रहता था. जिसके चलते मीना अपनी ससुराल को छोड़ कर अपने मायके में रहने लगी थी. जहां 8 नवंबर 2021 की रात को जब मीना अपने मायके में सो रही थी कि तभी पति श्रवण ने चाकू से पेट में हमला कर दिया. गंभीर हालत में घायल मीरा को इलाज के लिए हॉस्पिटल भर्ती कराया गया था, जहां मौत हो गई थी. मीना की मौत के बाद पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर आरोपी पति श्रवण को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया और तब से मामला कोर्ट में विचराधीन था.
जिला सहायक शासकीय अधिवक्ता ने बताया कि अदालत में चली सुनवाई के दौरान 10 गवाह पेश किए गए. इसके बाद अपर सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रैक प्रथम रवि कुमार दिवाकर ने पत्नी की हत्या के आरोप में श्रवण को दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही 50 हजार का अर्थ दंड भी लगाया है.
जिला सहायक शासकीय अधिवक्ता ने बताया कि जज ने अपने फैसले में भगवान भोलेनाथ और मां पार्वती के अटूट प्रेम का उदाहरण जिक्र किया है. फैसले में लिखा है कि भगवान भोलेनाथ ने अर्धनारीश्वर का रूप धार किया था.
भगवान भोलेनाथ का आधा शरीर उनकी धर्मपत्नी मां पार्वती का है. इससे भी हिंदू विधि में पति-पत्नी के संबंधों की पवित्रता को समझा जा सकता है. जज ने कहा कि भगवान भोलेनाथ ने संदेश दिया है कि पति के बिना पत्नी अधूरी और पत्नी के बिना पति अधूरा है. लेकिन श्रवण ने अपनी ही पत्नी मीना की चाकू मार कर हत्या कर दी जो कि भारतीय दंड विधान में भी अपराध है ही और धार्मिक दृष्टि से भी पाप है. इतना ही नहीं जज ने अपने फैसले में टिप्पणी करते हुए कहा है कि प्राचीन काल में श्रवण ने अपने माता-पिता को कंधे पर बैठ करचार धामों की यात्रा कराई थी लेकिन दोषी ने इसके विपरीत कार्य किया है.