आजमगढ़ः जिले के प्रसिद्ध भंवरनाथ दरबार में भक्तों की भीड़ लगी हुई है और भक्त अपनी-अपनी मुरादें लेकर आ रहे हैं. मन्दिर के अन्दर जहां भक्त भोलेनाथ का जयकारा लगा रहे हैं. वहीं मन्दिर के बाहर दुकानें सजी हुई हैं और माहौल एकदम चकचक है.
मन्दिर के बारे में कहा जाता है कि मुगल शासक औरंगजेब इस मन्दिर पर हमला किया था और भगवान भोलेनाथ भंवरे के रूप में प्रकट हुए थे. औरंगजेब को शायद भोलेनाथ के शक्ति के एहसास हो गया और वो मन्दिर छोड़ भाग खड़ा हुआ.
श्रद्धालु विजयलक्ष्मी का कहना है कि मंदिर के बारे में मान्यता है कि भक्त यहां जो भी भगवान भोलेनाथ से अपने मन की मुराद मांगते हैं, भगवान उसे जरूर पूरी करते हैं. मैं भी अपने घर में सुख शांति की कामना मांगने भगवान भोलेनाथ के मंदिर आई हूं.
श्रद्धालु बबली मिश्रा ने कहा कि इस मंदिर में हम बीते 10 वर्षों से आ रहे हैं. मेरी कई मनोकामना भगवान भोलेनाथ ने पूरी किया है. बाल-बच्चे, परिवार सब कुछ दिए हैं और यहां के भोलेनाथ मंदिर में जागते भोलेनाथ हैं, इसलिए इस मंदिर की मानता और अधिक बढ़ जाती है. यहां पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु दूर-दूर से भगवान भोलेनाथ के दर्शन करने आते हैं.
बताते चलें कि लगभग 400 वर्ष पुराने इस मंदिर के बारे में मान्यता है कि यहां पर भगवान की शक्ति आज भी विद्यमान है. इसी कारण यहां पर दूर-दूर से भक्तों का आना जाना लगा रहता है. यहां से मांगी मुराद निष्फल नहीं होती भगवान भोलेनाथ भक्तों की हर मुराद को पूरी करते हैं.