आजमगढ़: झारखंड के जामताड़ा से बैंक खाते को खाली करने के खेल का आजमगढ़ पुलिस ने खुलासा किया है. साइबर एक्सपर्ट एसपी त्रिवेणी सिंह ने एनी डेस्क सॉफ्टवेयर के माध्यम से करोड़ो की ठगी करने वाले सायबर क्रिमिनल गिरोह के नेटवर्क को ध्वस्त किया है. साथ ही उन्होंने गिरोह के सरगना को झारखंड से गिरफ्तार किया है.
लोगों के खाते से उड़ाए लाखों
आए दिन बैंक एकाउंट से ओटीपी और महत्वपूर्ण जानकारियां प्राप्त कर सायबर क्रिमिनल पैसों की ठगी कर रहे हैं. इसके बड़े नेटवर्क के रूप में झारखंड के जामताड़ा और गिरडीह इलाका काफी चर्चित है. वहां मौजूद क्रिमिनल भारत के विभिन्न हिस्सों से लोगों के खातों से पैसे उड़ा रहे हैं.
पीड़ित ने थाने में दिया था प्रार्थना पत्र
हाल ही में जनपद के उमेश कुमार ने पुलिस को प्रार्थना पत्र दिया था. उनका कहना था कि वह अपनी बाइक का इंशोरेंस रिन्यूअल कराने के लिए गूगल पर कस्टमर केयर नंबर सर्च कर संपर्क किया. उन लोगों ने मोबाइल पर यूपीआई नंबर दिया.
ट्रांजेक्शन करने पर खाते से हजारों गायब
इसके बाद उन लोगों ने उमेश से 2 रुपये का ट्रांजेक्शन करने को कहा. उमेश ने जैसे ही ट्रांजेक्शन किया तो उसके खाते से हजारों रुपये गायब हो गए. इसके बाद उमेश ने थाने में मामले की शिकायत की. पुलिस ने तहरीर के आधार पर कार्रवाई शुरु कर दी है.
एसपी ने गिरोह के सरगना को किया गिरफ्तार
साइबर एक्सपर्ट एसपी त्रिवेणी सिंह ने बताया कि प्रारंभिक जांच में पता चला कि यह गिरोह गिरडीह, जामतारा झारखंड राज्य का है. इसके बाद पुलिस की एक टीम झारखंड रवाना हुई और बहादुर मोड़, गिरिडीह से सुमंत कुमार सिंह को गिरफ्तार कर लिया.
पूछताछ में आरोपी ने कबूला जुर्म
पूछताछ में आरोपी ने पुलिस को बताया कि वह लोग गूगल पर अपने नंबर को कंपनी के टोल फ्री नंबर के रूप में सेव कर देते हैं. इसके बाद रिमोट सपोर्ट ऐप के माध्यम से लोगों के बैंक खाते के डेबिट कार्ड की डिटेल देखकर लोगों के खाते से पैसे निकालते हैं.
गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश जारी
आरोपी ने नोएडा के भी एक बैंक खाते से नौ लाख रुपये निकाले थे. जब पुलिस ने उसका मोबाइल फोन चेक किया तो पिछले दो महीने में उसके खाते में करीब 50 लाख तक के ट्रांजेक्शन पाया गया. पुलिस ने आरोपी को जेल भेज दिया है. पुलिस का कहना है गिरोह के बाकी सदस्यों की तलाश की जा रही है.
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