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आजमगढ़ के ताल सलोना से 50 हजार से अधिक की आबादी का होता है भरण-पोषण - आजमगढ़

आजमगढ़ जिला मुख्यालय से लगभग 40 किलोमीटर की दूरी पर स्थित ताल सलोना से यहां की बड़ी आबादी लाभान्वित होती है. लगभग 25 किलोमीटर की एरिया में फैले इस तालाब में आसपास के गांव के लोग मछली पकड़कर कर बाजार में बेचते हैं.

ताल सलोना, आजमगढ़.
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Published : Aug 19, 2019, 4:37 PM IST

आजमगढ़: जिला मुख्यालय से लगभग 40 किलोमीटर दूर अजमगढ़ स्थित ताल सलोना यहां के रहने वाले लोगों की जीविका का मुख्य साधन है. इस तालाब से आसपास के लगभग 12 से अधिक गांव के लोग अपना भरण-पोषण करते हैं. इस तालाब से 50 हजार से अधिक की आबादी लाभान्वित होती है.

लोगों की आजीविका का मुख्य साधन है ताल सलोना.

स्थानीय लोगों की जीविका का मुख्य साधन

ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए इस क्षेत्र के रामलाल ने बताया कि लगभग 21 किलोमीटर एरिया में फैले इस तालाब से यहां के लगभग 50 हजार से अधिक लोग लाभान्वित होते हैं. आसपास के लोग इस तालाब में मछली पालन कर अपनी जीविका चलाते हैं और उसे बाजार में ले जाकर बेचते हैं. उन्होंने कहा कि न तो प्रशासन और न ही सरकार ने कभी हम लोगों की तरफ ध्यान दिया.

ये भी पढ़ें: तीन तलाक मामले में दिल्ली के बाद आजमगढ़ में हुई दूसरी गिरफ्तारी

हम लोगों की आजीविका का एकमात्र साधन यही तालाब है. इसी से हम लोग अपनी जीविका चलाते हैं.

रामलाल , स्थानीय

25 किलोमीटर दूर में फैले इस तालाब से 50हजार से अधिक की आबादी लाभान्वित होती है. हम लोग यहां मछली पालकर बाजार में बेचते हैं, जिससे हम लोगों का घर चलता है .

सुदामा केवट, स्थानीय

आजमगढ़: जिला मुख्यालय से लगभग 40 किलोमीटर दूर अजमगढ़ स्थित ताल सलोना यहां के रहने वाले लोगों की जीविका का मुख्य साधन है. इस तालाब से आसपास के लगभग 12 से अधिक गांव के लोग अपना भरण-पोषण करते हैं. इस तालाब से 50 हजार से अधिक की आबादी लाभान्वित होती है.

लोगों की आजीविका का मुख्य साधन है ताल सलोना.

स्थानीय लोगों की जीविका का मुख्य साधन

ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए इस क्षेत्र के रामलाल ने बताया कि लगभग 21 किलोमीटर एरिया में फैले इस तालाब से यहां के लगभग 50 हजार से अधिक लोग लाभान्वित होते हैं. आसपास के लोग इस तालाब में मछली पालन कर अपनी जीविका चलाते हैं और उसे बाजार में ले जाकर बेचते हैं. उन्होंने कहा कि न तो प्रशासन और न ही सरकार ने कभी हम लोगों की तरफ ध्यान दिया.

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हम लोगों की आजीविका का एकमात्र साधन यही तालाब है. इसी से हम लोग अपनी जीविका चलाते हैं.

रामलाल , स्थानीय

25 किलोमीटर दूर में फैले इस तालाब से 50हजार से अधिक की आबादी लाभान्वित होती है. हम लोग यहां मछली पालकर बाजार में बेचते हैं, जिससे हम लोगों का घर चलता है .

सुदामा केवट, स्थानीय

Intro:anchor: आजमगढ़। आजमगढ़ जिला मुख्यालय से लगभग 40 किलोमीटर दूर अजमतगढ़ स्थित ताल सलोना यहां के रहने वाले लोगों की जीविका का मुख्य साधन है। इस तालाब से आसपास के लगभग 1 दर्जन से अधिक गांव के लोग अपना भरण-पोषण करते हैं। इस तालाब से 50,000 से अधिक की आबादी लाभान्वित होती है।


Body:वीओ:1 ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए इस क्षेत्र के रामलाल ने बताया कि लगभग 21 किलोमीटर एरिया में फैले इस तालाब से यहां के लगभग 50,000 से अधिक के लोग लाभान्वित होते हैं। आसपास के लोग इस तालाब में मछली पालन कर अपनी जीविका चलाते हैं और उसे बाजार में ले जाकर भेजते हैं। उन्होंने कहा कि ना तो प्रशासन ना ही सरकार ने कभी हम लोगों की तरफ ध्यान दिया। हम लोगों की आजीविका का एकमात्र साधन यही तालाब है और इसी से हम लोग अपनी जीविका चलाते हैं। गांव के सुदामा केवट का कहना है कि 25 किलोमीटर दूर में फैले इस तालाब से 50,000 से अधिक की आबादी लाभान्वित होती है हम लोग यहां मछली पालकर बाजार में बेचते हैं जिससे हम लोगों का घर घर चलता है सुदामा का कहना है कि ना तो प्रशासन और ना ही सरकार ने कभी हम लोगों की तरफ ध्यान दिया। यही ताला भी हम लोगों की आजीविका का एक मुख्य साधन है।


Conclusion:बाइट: रामलाल, सुदामा प्रसाद
अजय कुमार मिश्र आजमगढ़ 9453766900

बताते चलें कि आजमगढ़ जिला मुख्यालय से लगभग 40 किलोमीटर की दूरी पर स्थित इस तालाब से यहां की बड़ी संख्या में आबादी लाभान्वित होती है लगभग 25 किलोमीटर की एरिया में फैले इस तालाब में आसपास के गांव के लोग मछली मार कर बाजार में बेचते हैं और यही इन लोगों की जीविका का मुख्य साधन है।
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