आजमगढ़: जिलाधिकारी राजेश कुमार ने जनपद में अस्थाई गोवंश आश्रय स्थल के संचालन के लिए अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की. इसके साथ ही संरक्षित गोवंश की देखभाल के लिए 25 पशुओं पर 3 व्यक्ति, 50 पशुओं पर 6 व्यक्ति और अगले 50 पशुओं पर तीन व्यक्ति लगाने का निर्देश दिया.
जिलाधिकारी राजेश कुमार ने बताया कि जनपद में जितने भी संरक्षित गोवंश आश्रय स्थल हैं, वहां पर भूसा स्टोर बनाना सुनिश्चित करें. इसकी सूची डीसी मनरेगा को उपलब्ध कराई जाए. इसके साथ ही स्टोर बनवाने के साथ पशुओं के पीने के पानी की भी व्यवस्था करने का निर्देश दिया गया है. गोवंश आश्रय स्थल पर पशुओं के भरण पोषण के लिए विकासखंड वार धनराशि उपलब्ध कराई गई है. जिलाधिकारी ने जनपद के समस्त खंड विकास अधिकारियों को निर्देश दिया है कि धनराशि का 15 दिन के अंदर ऑडिट करा कर उसकी रिपोर्ट सीवीओ को उपलब्ध कराएं.
इसके साथ जो गोवंश आश्रय स्थल अस्थाई निर्माणाधीन हैं, उसे पूर्ण कराकर सक्रिय बनाएं. जिलाधिकारी ने जनपद के समस्त एसडीएम को निर्देश दिया है कि प्रत्येक ग्राम पंचायत में गोवंश अस्थाई आश्रय स्थल बनाने के लिए भूमि को चिंहित करें, जिससे जनपद में अस्थाई गोवंश स्थल बनाए जा सकें. जिलाधिकारी का मिठाई की दुकानों और जनपद के ढाबों पर निरीक्षण तीसरे दिन भी जारी रहा. इस दौरान बड़ी संख्या में मिठाई के दुकानदारों को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने के साथ-साथ सरकार की ओर से कोविड-19 के बारे में जारी गाइडलाइन का पालन करने का भी निर्देश दिया.
बता दें कि आजमगढ़ में पिछले साल गोवंश आश्रय स्थल पर चारे की कमी से 16 गायों की मौत हो गई थी. इसको लेकर तत्कालीन जिलाधिकारी नागेंद्र प्रताप सिंह को उत्तर प्रदेश शासन ने कड़ी फटकार भी लगाई थी. ऐसे में इन पशुओं को चारे की समस्या न हो, इसलिए जिला प्रशासन पशुओं के चारे की व्यवस्था कराने में लगा हुआ है.