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गृह मंत्रालय ने 6.69 लाख से अधिक सिम कार्ड और IMEI ब्लॉक किए

साइबर अपराध पर काबू पाने के लिए मेवात, जामताड़ा, अहमदाबाद, हैदराबाद, चंडीगढ़, विशाखापत्तनम, गुवाहाटी के लिए सात संयुक्त साइबर समन्वय टीमें गठित की गई है.

Ministry of Home Affairs
गृह मंत्रालय (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : 3 hours ago

नई दिल्ली: गृह मंत्रालय ने बुधवार को संसद को बताया कि भारत सरकार ने 6.69 लाख से अधिक सिम कार्ड और 1,32,000 आईएमईआई ब्लॉक कर दिए हैं.

गृह राज्य मंत्री बंदी संजय कुमार ने राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में कहा, '15 नवंबर 2024 तक पुलिस अधिकारियों द्वारा दी गई सूचना के अनुसार भारत सरकार द्वारा 6.69 लाख से अधिक सिम कार्ड और 1,32,000 आईएमईआई को ब्लॉक किए गए.

बंदी संजय कुमार ने यह स्वीकार किया कि साइबर अपराध एक प्रमुख उभरता हुआ खतरा बन गया है. इससे सभी वर्गों के लोगों को गंभीर रूप से प्रभावित हैं. कुमार ने बताया कि आई4सी में एक अत्याधुनिक केंद्र, साइबर धोखाधड़ी शमन केंद्र (सीएफएमसी) स्थापित किया गया है.

यहां प्रमुख बैंकों, वित्तीय मध्यस्थों, भुगतान एग्रीगेटर्स, दूरसंचार सेवा प्रदाताओं, आईटी मध्यस्थों और राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की कानून प्रवर्तन एजेंसी के प्रतिनिधि साइबर अपराध से निपटने के लिए तत्काल कार्रवाई के लिए मिलकर काम कर रहे हैं.

उन्होंने कहा, 'केंद्र सरकार और दूरसंचार सेवा प्रदाताओं (टीएसपी) ने अंतरराष्ट्रीय फर्जी कॉलों की पहचान करने और उन्हें ब्लॉक करने के लिए एक प्रणाली तैयार की है. ऐसी आने वाली अंतरराष्ट्रीय स्पूफ कॉलों को ब्लॉक करने के लिए दूरसंचार सेवा प्रदाताओं (टीएसपी) को निर्देश जारी किए गए हैं. हाल ही में फर्जी डिजिटल अरेस्ट, फेडएक्स घोटाले जैसे मामले सामने आए हैं.

समन्वय मंच (संयुक्त प्रबंधन सूचना प्रणाली) को अप्रैल 2022 से चालू कर दिया गया है. ये प्रबंधन सूचना प्रणाली प्लेटफॉर्म, डेटा भंडार और साइबर अपराध डेटा साझाकरण और विश्लेषण के लिए समन्वय मंच के रूप में कार्य करता है. यह प्रणाली विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में साइबर अपराध की शिकायतों में शामिल अपराधों और अपराधियों के अंतरराज्यीय संबंधों पर आधारित विश्लेषण प्रदान करती है.

उन्होंने कहा, 'अपराधियों और अपराध के बुनियादी ढांचे के स्थानों को मानचित्र पर दिखाता है, ताकि क्षेत्राधिकार अधिकारियों को मदद मिल सके. यह मॉड्यूल I4C और अन्य एसएमई से कानून प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा तकनीकी-कानूनी सहायता प्राप्त करने की सुविधा भी प्रदान करता है.'

कुमार ने आगे बताया कि बैंकों और वित्तीय संस्थानों के सहयोग से आई4सी द्वारा इस वर्ष सितम्बर में साइबर अपराधियों की पहचान के लिए एक रजिस्ट्री शुरू की गई है. उन्होंने कहा, 'केंद्र सरकार ने https://cybercrime.gov.in पर 'रिपोर्ट एंड चेक सस्पेक्ट' नामक एक नई सुविधा शुरू की है.

मंत्री ने बताया कि आई4सी के तहत मेवात, जामताड़ा, अहमदाबाद, हैदराबाद, चंडीगढ़, विशाखापत्तनम और गुवाहाटी के लिए सात संयुक्त साइबर समन्वय दल (जेसीसीटी) गठित किए गए हैं.

ये भी पढ़ें- क्या है Black Basta हैकिंग ग्रुप, जिसने दुनिया भर के कंप्यूटर यूजर्स के उड़ा दिए 'होश'? जानें कैसे करें इससे बचाव?

नई दिल्ली: गृह मंत्रालय ने बुधवार को संसद को बताया कि भारत सरकार ने 6.69 लाख से अधिक सिम कार्ड और 1,32,000 आईएमईआई ब्लॉक कर दिए हैं.

गृह राज्य मंत्री बंदी संजय कुमार ने राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में कहा, '15 नवंबर 2024 तक पुलिस अधिकारियों द्वारा दी गई सूचना के अनुसार भारत सरकार द्वारा 6.69 लाख से अधिक सिम कार्ड और 1,32,000 आईएमईआई को ब्लॉक किए गए.

बंदी संजय कुमार ने यह स्वीकार किया कि साइबर अपराध एक प्रमुख उभरता हुआ खतरा बन गया है. इससे सभी वर्गों के लोगों को गंभीर रूप से प्रभावित हैं. कुमार ने बताया कि आई4सी में एक अत्याधुनिक केंद्र, साइबर धोखाधड़ी शमन केंद्र (सीएफएमसी) स्थापित किया गया है.

यहां प्रमुख बैंकों, वित्तीय मध्यस्थों, भुगतान एग्रीगेटर्स, दूरसंचार सेवा प्रदाताओं, आईटी मध्यस्थों और राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की कानून प्रवर्तन एजेंसी के प्रतिनिधि साइबर अपराध से निपटने के लिए तत्काल कार्रवाई के लिए मिलकर काम कर रहे हैं.

उन्होंने कहा, 'केंद्र सरकार और दूरसंचार सेवा प्रदाताओं (टीएसपी) ने अंतरराष्ट्रीय फर्जी कॉलों की पहचान करने और उन्हें ब्लॉक करने के लिए एक प्रणाली तैयार की है. ऐसी आने वाली अंतरराष्ट्रीय स्पूफ कॉलों को ब्लॉक करने के लिए दूरसंचार सेवा प्रदाताओं (टीएसपी) को निर्देश जारी किए गए हैं. हाल ही में फर्जी डिजिटल अरेस्ट, फेडएक्स घोटाले जैसे मामले सामने आए हैं.

समन्वय मंच (संयुक्त प्रबंधन सूचना प्रणाली) को अप्रैल 2022 से चालू कर दिया गया है. ये प्रबंधन सूचना प्रणाली प्लेटफॉर्म, डेटा भंडार और साइबर अपराध डेटा साझाकरण और विश्लेषण के लिए समन्वय मंच के रूप में कार्य करता है. यह प्रणाली विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में साइबर अपराध की शिकायतों में शामिल अपराधों और अपराधियों के अंतरराज्यीय संबंधों पर आधारित विश्लेषण प्रदान करती है.

उन्होंने कहा, 'अपराधियों और अपराध के बुनियादी ढांचे के स्थानों को मानचित्र पर दिखाता है, ताकि क्षेत्राधिकार अधिकारियों को मदद मिल सके. यह मॉड्यूल I4C और अन्य एसएमई से कानून प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा तकनीकी-कानूनी सहायता प्राप्त करने की सुविधा भी प्रदान करता है.'

कुमार ने आगे बताया कि बैंकों और वित्तीय संस्थानों के सहयोग से आई4सी द्वारा इस वर्ष सितम्बर में साइबर अपराधियों की पहचान के लिए एक रजिस्ट्री शुरू की गई है. उन्होंने कहा, 'केंद्र सरकार ने https://cybercrime.gov.in पर 'रिपोर्ट एंड चेक सस्पेक्ट' नामक एक नई सुविधा शुरू की है.

मंत्री ने बताया कि आई4सी के तहत मेवात, जामताड़ा, अहमदाबाद, हैदराबाद, चंडीगढ़, विशाखापत्तनम और गुवाहाटी के लिए सात संयुक्त साइबर समन्वय दल (जेसीसीटी) गठित किए गए हैं.

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