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आजमगढ़: छठ पर्व पर मुंबई से आती हैं सुनीता, 'लेट' कर पहुंचती हैं अर्घ्य देने

आजमगढ़ में डाला छठ त्योहार पर भगवान सूर्य को अर्घ्य देन के लिए महिलाएं सुबह से ही तमसा नदी में खड़ी हैं. इस खास पर्व पर सुनीता नाम की महिला हर वर्ष अपने घर से तमसा नदी तक लेट कर जाती हैं.

सूर्य को अर्घ्य देने के लिये लेट कर नदी तट तक पहुंची महिला
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Published : Nov 3, 2019, 6:26 AM IST

आजमगढ़: जिले में डाला छठ का महापर्व धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है. तमसा नदी के किनारे सुबह से ही उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देने के लिए बड़ी संख्या में महिलाएं उपस्थित हो चुकी हैं. सूर्य को अर्घ्य देकर महिलाएं अपने परिजनों के मंगल कामना के साथ अपने मन की मुराद मांगेंगी.

सूर्य को अर्घ्य देने के लिये लेट कर नदी तट तक पहुंची महिला.

तमसा नदी किनारे छठ का पर्व
रविवार सुबह छठ पर्व पर महिलाएं काफी देर से तमसा नदी में उतरकर भगवान सूर्य के उदित होने का इंतजार कर रही हैं. लगभग 20 वर्ष से छठ का व्रत रख रही सुनीता मुंबई में रहती हैं, लेकिन हर वर्ष छठ के महापर्व पर आजमगढ़ आती हैं. सबसे खास बात यह है कि वह अपने घर से लेकर तमसा नदी के घाट तक लेट कर आती हैं.

सुनीता की मान्यता है कि मैं 20 वर्षों से अधिक समय से छठ माता का व्रत रहती हूं और अपने घर से लेट कर ही तमसा नदी के तट पर छठ पूजा के लिए पहुंचती हूं. माता रानी में बहुत बड़ी शक्ति है, जो हम लोगों को इतनी शक्ति देती हैं कि हम भी इस व्रत को रख सकें. ऐसे ही माता रानी अपनी कृपा हमारे परिजनों पर बनाए रखें.

इसे भी पढ़ें:- आजमगढ़: छठ पूजा के लिए लेट कर घाट पहुंच रहे व्रती

आजमगढ़: जिले में डाला छठ का महापर्व धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है. तमसा नदी के किनारे सुबह से ही उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देने के लिए बड़ी संख्या में महिलाएं उपस्थित हो चुकी हैं. सूर्य को अर्घ्य देकर महिलाएं अपने परिजनों के मंगल कामना के साथ अपने मन की मुराद मांगेंगी.

सूर्य को अर्घ्य देने के लिये लेट कर नदी तट तक पहुंची महिला.

तमसा नदी किनारे छठ का पर्व
रविवार सुबह छठ पर्व पर महिलाएं काफी देर से तमसा नदी में उतरकर भगवान सूर्य के उदित होने का इंतजार कर रही हैं. लगभग 20 वर्ष से छठ का व्रत रख रही सुनीता मुंबई में रहती हैं, लेकिन हर वर्ष छठ के महापर्व पर आजमगढ़ आती हैं. सबसे खास बात यह है कि वह अपने घर से लेकर तमसा नदी के घाट तक लेट कर आती हैं.

सुनीता की मान्यता है कि मैं 20 वर्षों से अधिक समय से छठ माता का व्रत रहती हूं और अपने घर से लेट कर ही तमसा नदी के तट पर छठ पूजा के लिए पहुंचती हूं. माता रानी में बहुत बड़ी शक्ति है, जो हम लोगों को इतनी शक्ति देती हैं कि हम भी इस व्रत को रख सकें. ऐसे ही माता रानी अपनी कृपा हमारे परिजनों पर बनाए रखें.

इसे भी पढ़ें:- आजमगढ़: छठ पूजा के लिए लेट कर घाट पहुंच रहे व्रती

Intro:anchor: आजमगढ़। आजमगढ़ जनपद में डाला छठ का महापर्व धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है तमसा नदी के किनारे सुबह से ही उगते हुए सूर्य को अर्घ देने के लिए बड़ी संख्या में महिलाएं उपस्थित हो चुकी हैं जो भगवान भास्कर को अर्घ्य देकर अपने परिजनों के मंगल कामना के साथ अपने मन की मुराद मांगेंगी।


Body:वीओ:1 लगभग 20 वर्ष से छठ का व्रत रख रही सुनीता जो कि मुंबई में रहती हैं हर वर्ष छठ के महापर्व पर आजमगढ़ आते हैं और सबसे खास बात यह है कि अपने घर से लेकर तमसा नदी के घाट तक सुनीता लेट कर जाती हैं। ईटीवी भारत से विशेष बातचीत में सुनीता ने बताया कि 20 वर्षों से अधिक समय से छठ माता का व्रत में रहती हूं और अपने घर से लेट कर ही तमसा नदी के तट पर पहुंचती हूं जहां छठ मैया की पूजा करती हूं। सुनीता ने बताया कि माता रानी की कृपा हमारे परिवार और बच्चों पर बनी रहे इसीलिए यह व्रत रखती हूं। सुनीता ने बताया कि माता रानी में बहुत बड़ी शक्ति है जो हम लोगों को इतनी शक्ति देती हैं कि हम भी इस व्रत को रख सकें ऐसे ही माता रानी अपनी कृपा हमारे परिजनों पर बनाए रखें इसी कामना के लिए छठ मैया की विगत 20 वर्षों से अधिक समय से पूजा कर रही हूं।


Conclusion:बाइट: सुनीता देवी व्रती महिला
अजय कुमार मिश्र आजमगढ़ 9453766900

बताते चलें कि आजमगढ़ जनपद की रहने वाली सुनीता विगत 30 वर्षों से मुंबई में रहती हैं पर हर छठ के महापर्व पर आजमगढ़ जनपद आ जाते हैं और सबसे खास बात यह है कि जिस तरह से लेट कर तमसा नदी के तट पर जाकर छठ मैया की पूजा करती हैं निश्चित रूप से उनकी यह श्रद्धा भाव व समर्पण अनूठा है।
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