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अयोध्याः विवादित स्थल पर 51 हजार दीप जलाने की तैयारी में विश्व हिंदू परिषद्

अयोध्या में जहां प्रदेश की योगी सरकार ने पिछली दिवाली पर तीन लाख से ज्यादा दीपक जलाए थे और वह अपना ही रिकार्ड तोड़ने के लिए तत्पर है. वहीं इस दिवाली पर विश्व हिन्दू परिषद् विवादित स्थल पर 51 हजार दीपक जलाने का दावा कर रही है.

shri ram janm bhumi
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Published : Oct 12, 2019, 6:37 AM IST

Updated : Oct 12, 2019, 11:33 AM IST

अयोध्या: श्रीराम जन्मभूमि मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है. इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट से जल्द फैसला आने की उम्मीद है. अयोध्या के विवादित क्षेत्र में जहां पिछले कई दशकों से किसी भी प्रकार का कोई कार्य, उत्सव अथवा बदलाव नहीं किया जा सका. वहीं इस दिवाली विश्व हिन्दू परिषद वहां 51 हजार दीपक जलाएगी.

विवादित स्थल पर 51 हजार दीप जलाने की तैयारी में विश्व हिंदू परिषद्.

विश्व हिंदू परिषद के पत्र में दावा किया गया है, कि इस बार 51000 दीप जलाकर हम रामलला के दरबार को ऐसे सजाएंगे कि देवता एक बार फिर से अयोध्या में आने को मजबूर हो जाएंगे. इस रोशनी से पूरे विश्व में एक नया उजाला फैलेगा. विश्व हिंदू परिषद से जुड़े अयोध्या संत समाज के अध्यक्ष महंत कन्हैया दास एवं विश्व हिंदू परिषद के प्रवक्ता शरद शर्मा की ओर से यह पत्र कमिश्नर को दिया जायेगा.

अयोध्या में रामलला जहां विराजमान है, उस क्षेत्र को विवादित स्थल मानकर सुप्रीम कोर्ट दिन-प्रतिदिन सुनवाई कर रहा है. क्षेत्र में अभी रामलला के पुजारी के अलावा कोई व्यक्ति वहां पूजा नहीं कर सकता, न ही वहां जाकर दिए जला सकता है. यहां तक कि रामलला के पुजारी को भी रामलला के रिसीवर पर निर्भर रहना पड़ता है. रामलला के पुजारी ही उसमें पूजा कर दीप जला सकते हैं, जिसके लिए भी सिर्फ लिमिटेड फंड दिया गया है. वर्तमान में रामलला दरबार में साल में एक बार दीपावली के दौरान 51 दिए जलाए जाते हैं, बाकी रोज प्रतिदिन 24 घंटे सिर्फ एक दीप जलता रहता है.

पढ़ेंः- अयोध्या केस: मुस्लिम बुद्धिजीवियों के प्रस्ताव पर AIMPLB का सामने आया बयान

विश्व हिंदू परिषद की ओर से शरद शर्मा ने कहा कि जिस दीपावली को दीपोत्सव के रूप में पूरी दुनिया बनाती है वह रामलला की ही देन है. भगवान श्री राम के लंका विजय के उपरांत अयोध्या वापसी की खुशी में इसे किया गया था. ऐसे में अगर दीपावली के दिन ही रामलला के दरबार में उत्सव नहीं मनाया जाएगा, दीप नहीं जलाए जाएंगे, तो यह हिंदुओं की आस्था पर घोर अतिक्रमण होगा. इसलिए हम श्री राम जन्मभूमि के रिसीवर यानी अयोध्या मंडल के कमिश्नर से मिलकर रामलला के दरबार में 51000 दिए जलाने की अनुमति मांगेंगे.

विश्व हिन्दू परिषद के पत्र में कहा गया है कि, 'हिंदू धार्मिक मान्यता एवं ऐतिहासिक परंपरा अनुसार मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम द्वारा आतंकी रावण पर विजय प्राप्त करने के उपरांत श्री लंका से वापस आकर श्रीराम अयोध्या पधारने के उपलक्ष में घर-घर गली मोहल्लों में दीप जलाकर श्री राम के चरणों में अपनी श्रद्धा निवेदित की गई थी. अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि के साथ सामाजिक मूल्यों को संरक्षण प्रदान करने वाली नगरी के रूप में भी विख्यात है.

श्री राम जन्मभूमि स्थल में उत्सव के रूप में दीप जला करके नहीं मना पाना राम भक्तों की भावनाओं का अपमान है, इसलिए श्री रामलला के पावन जन्मभूमि पर 27 अक्टूबर शाम को 51000 दीपक जलाने की अनुमति प्रदान करें.'इस दिवाली पर योगी सरकार दीपोत्सव के दौरान अपना ही रिकॉर्ड तोड़ने की तैयारी कर रही है. फिलहाल विश्व हिंदू परिषद इतिहास बना पाएगा और रामलला के दरबार में 51000 दीप जला पाएगा या नहीं यह तो वक्त ही बताएगा. फिलहाल सबकी निगाहें सुप्रीम कोर्ट के आने वाले फैसले पर टिकी हुई हैं.

अयोध्या: श्रीराम जन्मभूमि मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है. इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट से जल्द फैसला आने की उम्मीद है. अयोध्या के विवादित क्षेत्र में जहां पिछले कई दशकों से किसी भी प्रकार का कोई कार्य, उत्सव अथवा बदलाव नहीं किया जा सका. वहीं इस दिवाली विश्व हिन्दू परिषद वहां 51 हजार दीपक जलाएगी.

विवादित स्थल पर 51 हजार दीप जलाने की तैयारी में विश्व हिंदू परिषद्.

विश्व हिंदू परिषद के पत्र में दावा किया गया है, कि इस बार 51000 दीप जलाकर हम रामलला के दरबार को ऐसे सजाएंगे कि देवता एक बार फिर से अयोध्या में आने को मजबूर हो जाएंगे. इस रोशनी से पूरे विश्व में एक नया उजाला फैलेगा. विश्व हिंदू परिषद से जुड़े अयोध्या संत समाज के अध्यक्ष महंत कन्हैया दास एवं विश्व हिंदू परिषद के प्रवक्ता शरद शर्मा की ओर से यह पत्र कमिश्नर को दिया जायेगा.

अयोध्या में रामलला जहां विराजमान है, उस क्षेत्र को विवादित स्थल मानकर सुप्रीम कोर्ट दिन-प्रतिदिन सुनवाई कर रहा है. क्षेत्र में अभी रामलला के पुजारी के अलावा कोई व्यक्ति वहां पूजा नहीं कर सकता, न ही वहां जाकर दिए जला सकता है. यहां तक कि रामलला के पुजारी को भी रामलला के रिसीवर पर निर्भर रहना पड़ता है. रामलला के पुजारी ही उसमें पूजा कर दीप जला सकते हैं, जिसके लिए भी सिर्फ लिमिटेड फंड दिया गया है. वर्तमान में रामलला दरबार में साल में एक बार दीपावली के दौरान 51 दिए जलाए जाते हैं, बाकी रोज प्रतिदिन 24 घंटे सिर्फ एक दीप जलता रहता है.

पढ़ेंः- अयोध्या केस: मुस्लिम बुद्धिजीवियों के प्रस्ताव पर AIMPLB का सामने आया बयान

विश्व हिंदू परिषद की ओर से शरद शर्मा ने कहा कि जिस दीपावली को दीपोत्सव के रूप में पूरी दुनिया बनाती है वह रामलला की ही देन है. भगवान श्री राम के लंका विजय के उपरांत अयोध्या वापसी की खुशी में इसे किया गया था. ऐसे में अगर दीपावली के दिन ही रामलला के दरबार में उत्सव नहीं मनाया जाएगा, दीप नहीं जलाए जाएंगे, तो यह हिंदुओं की आस्था पर घोर अतिक्रमण होगा. इसलिए हम श्री राम जन्मभूमि के रिसीवर यानी अयोध्या मंडल के कमिश्नर से मिलकर रामलला के दरबार में 51000 दिए जलाने की अनुमति मांगेंगे.

विश्व हिन्दू परिषद के पत्र में कहा गया है कि, 'हिंदू धार्मिक मान्यता एवं ऐतिहासिक परंपरा अनुसार मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम द्वारा आतंकी रावण पर विजय प्राप्त करने के उपरांत श्री लंका से वापस आकर श्रीराम अयोध्या पधारने के उपलक्ष में घर-घर गली मोहल्लों में दीप जलाकर श्री राम के चरणों में अपनी श्रद्धा निवेदित की गई थी. अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि के साथ सामाजिक मूल्यों को संरक्षण प्रदान करने वाली नगरी के रूप में भी विख्यात है.

श्री राम जन्मभूमि स्थल में उत्सव के रूप में दीप जला करके नहीं मना पाना राम भक्तों की भावनाओं का अपमान है, इसलिए श्री रामलला के पावन जन्मभूमि पर 27 अक्टूबर शाम को 51000 दीपक जलाने की अनुमति प्रदान करें.'इस दिवाली पर योगी सरकार दीपोत्सव के दौरान अपना ही रिकॉर्ड तोड़ने की तैयारी कर रही है. फिलहाल विश्व हिंदू परिषद इतिहास बना पाएगा और रामलला के दरबार में 51000 दीप जला पाएगा या नहीं यह तो वक्त ही बताएगा. फिलहाल सबकी निगाहें सुप्रीम कोर्ट के आने वाले फैसले पर टिकी हुई हैं.

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Last Updated : Oct 12, 2019, 11:33 AM IST
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