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अयोध्या में सहकारी समितियों पर यूरिया की किल्लत, अधिकारी ठहरा रहे किसानों को जिम्मेदार - अयोध्या में यूरिया की किल्लत से जूझ रहे किसान

यूपी के अयोध्या में किसान यूरिया खाद की किल्लत से जूझ रहे हैं. किसानों का कहना है कि यूरिया ने मिलने से फसले बर्बाद हो रही हैं. वहीं निजी दुकानदार मनमाने दामों पर खाद बेच रहे हैं.

सकारी समितियों में यूरिया की किल्लत.
सकारी समितियों में यूरिया की किल्लत.
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Published : Aug 15, 2020, 7:33 PM IST

अयोध्या: जनपद की सहकारी समितियों में यूरिया खाद की किल्लत है. इसके चलते निजी दुकानदार किसानों को मनमाने दामों यूरिया खाद की बेच रहे हैं. वहीं जिला कृषि अधिकारी ने समस्या को लेकर उल्टे किसानों को ही नसीहत दे डाली. उन्होंने कहा कि गन्ने और धान की फसल में किसानों ने अधिक यूरिया का प्रयोग कर दिया है. इसके चलते यह समस्या आ रही है. उन्होंने किसानों को आगे से मिट्टी की जांच के बाद उर्वरक का प्रयोग करने की नसीहत दी है.

मनमाने दाम वसूल रहे दुकानदार
जनपद में किसानों को यूरिया खाद उपलब्ध नहीं हो पा रही है. जनपद के सभी सहकारी समितियों पर यूरिया खाद उपलब्ध नहीं है. जिसके चलते अन्नदाता अपने धान की फसल में यूरिया खाद का प्रयोग नहीं कर पा रहा है. समय से फसल में यूरिया खाद न डालने पर फसल कमजोर हो रही हैं. वहीं अगर कुछ निजी दुकानों पर यूरिया मिल भी रही है तो दुकानदार किसानों से मनमाने दाम वसूल रहे हैं.

सकारी समितियों में यूरिया की किल्लत.
यह भी पढ़ें- यूरिया खाद के लिए मचा हाहाकार, अधिकारी हलकान

अयोध्या के अमानीगंज विकासखंड स्थित बघौड़ा सहकारी समिति में किसानों को खाद नहीं मिल रही है. कृषक उदय भान कहते हैं कि मौजूदा सरकार ने किसानों के लिए कई योजनाएं शुरू करने की बात कही थी. लेकिन हालात ये हैं कि किसानों को फसलों के लिए खाद तक नहीं मिल पा रही है. किसान फसलों को बर्बाद होने से बचाने के लिए महंगे दामों पर यूरिया खरीदने को मजबूर हैं. किसानों का कहना है कि 267 रुपये प्रति बोरी मिलने वाली यूरिया की कीमत 420 रुपये प्रति बोरी वसूली जा रही है.

किसान मनीष पांडेय का कहना है कि मौजूदा समय में धान की फसल को नाइट्रोजन की बेहद आवश्यकता है, जिसकी पूर्ति यूरिया खाद के जरिए होती है. लेकिन यह उर्वरक सहकारी समितियां उपलब्ध नहीं करा रही हैं. जिसके चलते किसानों को खासा नुकसान हो रहा है.

जिला कृषि अधिकारी बृजेश कुमार सिंह ने दी जानकारी
जिला कृषि अधिकारी बृजेश कुमार सिंह का कहना है कि जनपद में यूरिया खाद की कमी नहीं है. गोदाम के कुछ कर्मचारियों की कोरोना पॉजिटिव आने के बाद यूरिया खाद की आपूर्ति बाधित जरूर हुई है, लेकिन जल्द ही जनपद के सभी सहकारी समितियों पर यूरिया खाद उपलब्ध हो जाएगी. वहीं कृषि अधिकारी ने किसानों को ही खाद की किल्लत का जिम्मेदार बता डाला. उन्होंने कहा कि जनपद के किसान धान और गन्ने में जरूरत से ज्यादा यूरिया खाद का प्रयोग कर रहे हैं, जिससे दिक्कत जरूर आई है. उन्होंने किसानों को आगे से मिट्टी की जांच करवाकर धान और गन्ने में यूरिया खाद का प्रयोग करने की सलाह दी है.

अयोध्या: जनपद की सहकारी समितियों में यूरिया खाद की किल्लत है. इसके चलते निजी दुकानदार किसानों को मनमाने दामों यूरिया खाद की बेच रहे हैं. वहीं जिला कृषि अधिकारी ने समस्या को लेकर उल्टे किसानों को ही नसीहत दे डाली. उन्होंने कहा कि गन्ने और धान की फसल में किसानों ने अधिक यूरिया का प्रयोग कर दिया है. इसके चलते यह समस्या आ रही है. उन्होंने किसानों को आगे से मिट्टी की जांच के बाद उर्वरक का प्रयोग करने की नसीहत दी है.

मनमाने दाम वसूल रहे दुकानदार
जनपद में किसानों को यूरिया खाद उपलब्ध नहीं हो पा रही है. जनपद के सभी सहकारी समितियों पर यूरिया खाद उपलब्ध नहीं है. जिसके चलते अन्नदाता अपने धान की फसल में यूरिया खाद का प्रयोग नहीं कर पा रहा है. समय से फसल में यूरिया खाद न डालने पर फसल कमजोर हो रही हैं. वहीं अगर कुछ निजी दुकानों पर यूरिया मिल भी रही है तो दुकानदार किसानों से मनमाने दाम वसूल रहे हैं.

सकारी समितियों में यूरिया की किल्लत.
यह भी पढ़ें- यूरिया खाद के लिए मचा हाहाकार, अधिकारी हलकान

अयोध्या के अमानीगंज विकासखंड स्थित बघौड़ा सहकारी समिति में किसानों को खाद नहीं मिल रही है. कृषक उदय भान कहते हैं कि मौजूदा सरकार ने किसानों के लिए कई योजनाएं शुरू करने की बात कही थी. लेकिन हालात ये हैं कि किसानों को फसलों के लिए खाद तक नहीं मिल पा रही है. किसान फसलों को बर्बाद होने से बचाने के लिए महंगे दामों पर यूरिया खरीदने को मजबूर हैं. किसानों का कहना है कि 267 रुपये प्रति बोरी मिलने वाली यूरिया की कीमत 420 रुपये प्रति बोरी वसूली जा रही है.

किसान मनीष पांडेय का कहना है कि मौजूदा समय में धान की फसल को नाइट्रोजन की बेहद आवश्यकता है, जिसकी पूर्ति यूरिया खाद के जरिए होती है. लेकिन यह उर्वरक सहकारी समितियां उपलब्ध नहीं करा रही हैं. जिसके चलते किसानों को खासा नुकसान हो रहा है.

जिला कृषि अधिकारी बृजेश कुमार सिंह ने दी जानकारी
जिला कृषि अधिकारी बृजेश कुमार सिंह का कहना है कि जनपद में यूरिया खाद की कमी नहीं है. गोदाम के कुछ कर्मचारियों की कोरोना पॉजिटिव आने के बाद यूरिया खाद की आपूर्ति बाधित जरूर हुई है, लेकिन जल्द ही जनपद के सभी सहकारी समितियों पर यूरिया खाद उपलब्ध हो जाएगी. वहीं कृषि अधिकारी ने किसानों को ही खाद की किल्लत का जिम्मेदार बता डाला. उन्होंने कहा कि जनपद के किसान धान और गन्ने में जरूरत से ज्यादा यूरिया खाद का प्रयोग कर रहे हैं, जिससे दिक्कत जरूर आई है. उन्होंने किसानों को आगे से मिट्टी की जांच करवाकर धान और गन्ने में यूरिया खाद का प्रयोग करने की सलाह दी है.

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