अयोध्या: रामनगरी में चैत्र नवरात्र के दौरान अयोध्या के संतों ने श्रद्धालुओं के प्रवेश को मंदिरों में प्रतिबंधित करने के बाद अब राम जन्मोत्सव पर भी भीड़ एकत्र न होने की अपील की है. विश्व हिंदू परिषद, श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट और अयोध्या के संत इस विषय में एक मत हैं. वह किसी तरह भी लाॅकडाउन का उल्लंघन नहीं होने देना चाहते. करोना महामारी के संक्रमण को देखते हुए संतों, श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट और प्रशासन के साथ संयुक्त वार्ता के दौरान अयोध्या में चैत्र नवरात्र के दौरान विशेष आयोजन न करने का निर्णय लिया है. जिसके चलते अयोध्या में बड़े स्तर पर आयोजित होने वाला रामनवमी मेला स्थगित कर दिया गया है.
श्रद्धालुओं से की जा रही अपील
अब नवरात्र के अंतिम दिन यानी चैत्र रामनवमी के दिन राम जन्मोत्सव पर श्रद्धालुओं से अयोध्या न आने की अपील की जा रही है. उनसे कहा जा रहा है कि लोग अपने घरों पर ही रहकर राम जन्मोत्सव मनाए. संतों का कहना है कि श्रद्धालु मानसिक रूप से पूजा करें और यह मानकर चलें कि वह अयोध्या में हैं. इस कोरोना महामारी से देश को मुक्त करना जरूरी है.
क्या है नाका हनुमानगढ़ी के महंत का कहना
नाका हनुमानगढ़ी के महंत रामदास का कहना है कि लाॅकडाउन के दौरान श्रद्धालु के लिए हनुमानगढ़ी को बंद कर दिया गया है. अब संक्रमण का प्रकोप आगे भी जारी रहता है तो मंदिर को बंद रखने की अवधि बढ़ाई जा सकती है. इस विषय में अयोध्या के मंदिरों के महंतों और संतों से बातचीत की जा रही है.
'घर पर मनाएं राम जन्मोत्सव'
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र टेस्ट के महामंत्री चंपत राय ने कहा कि विश्व हिंदू परिषद और देश के जागरूक संत महात्माओं का निवेदन है कि लोग अपने घरों पर ही राम जन्मोत्सव मनाएं. उन्होंने कहा कि लोगों से अपील की जा रही है कि वह राम जन्मोत्सव के समय दोपहर में परिवार के साथ बैठकर 'जय राम जय राम जय जय राम' का पाठ करें और सूर्यास्त के समय अपने घरों में और घर के बाहर दीये जलाएं. चंपत राय ने कहा है कि लोग अपनी श्रद्धा के अनुसार कम से कम 1 घंटे तक भजन कीर्तन अपने घरों पर करें. उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी को देश से भगाने के लिए महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना चाहिए.
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उनका कहना है कि मौजूदा परिस्थिति में भगवान के जन्म उत्सव को निमित्त बनाकर अपने घरों से बाहर इकट्ठा होना लोगों के जीवन को खतरे में डालने जैसा है. संत, श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट और विश्व हिंदू परिषद लोगों से ऐसा न करने की अपील करता है.