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राम मंदिर निर्माण स्थल पर ट्रस्ट ने किया प्रायश्चित पूजन, समतलीकरण आरंभ

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Published : Mar 16, 2021, 1:12 AM IST

उत्तर प्रदेश के अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण के लिए जमीन करीब 50 फीट गहरी खोदी गई थी. इस भूमि को समतल करने का काम आज सोमवार से आरंभ हो गया. इस अवसर पर मंदिर निर्माण के लिए की गई खुदाई के लिए प्रायश्चित पूजन किया गया.

ट्रस्ट ने किया प्रायश्चित पूजन.
ट्रस्ट ने किया प्रायश्चित पूजन.

अयोध्याः श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण के लिए करीब 50 फीट गहरी खोदी गई भूमि को समतल करने का काम आज सोमवार से आरंभ हो गया. इस अवसर पर मंदिर निर्माण के लिए की गई खुदाई के लिए प्रायश्चित पूजन किया गया. प्रायश्चित पूजन में श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय, ट्रस्ट के सदस्य डॉ. अनिल मिश्र, अयोध्या राजा विमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र, जिलाधिकारी अनुज कुमार झा, अयोध्या के डीआईजी दीपक कुमार प्रमुख रूप से शामिल हुए.

प्रायश्चित पूजन के बारे में जानकारी देते ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय.

'अनावश्यक मलबा हटाया गया'
इसके पश्चात कारसेवकपुरम में पत्रकारों से बातचीत करते हुए महासचिव चंपत राय ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राम मंदिर के लिए समुद्र तल से 105 मीटर ऊपर की भूमि पर पूजन किया था. खुदाई के बाद इस भूमि से अनावश्यक मलबा हटा दिया गया है. इसके बाद अब साफ मिट्टी मिल रही है. इस गहराई में पीली मिट्टी मिल रही है. इसलिए अब अधिक नीचे जाने की कोई आवश्यकता नहीं है. खुदाई के बाद मंदिर निर्माण की भूमि का वर्तमान में समतलीकरण शुरू किया गया है. यह समुद्र तल से 93 मीटर ऊपर है.

ट्रस्ट ने किया प्रायश्चित पूजन.
ट्रस्ट ने किया प्रायश्चित पूजन.

यह भी पढ़ेंः राममंदिर की नींव अप्रैल से भरनी शुरू होगी, 50 फिट गहरी हुई है खोदाई

'मशीनों से होगा लेबलिंग का कार्य'

महासचिव चंपत राय ने कहा कि अब भूमि का समतलीकरण रोलर के द्वारा किया जा रहा है. लेबलिंग का काम मशीनों से होगा और और समूची भूमि को करीब एक 1-1 फीट की 35 से ज्यादा लेयर से भरा जाएगा. प्रत्येक लेयर को रोड रोलर चला कर समतल किया जाएगा. यह कार्य अगस्त तक पूरा होने की उम्मीद है.

खुदाई के बाद श्रीराम मंदिर के लिए भूमि का समतलीकरण आरंभ कर दिया गया.
खुदाई के बाद श्रीराम मंदिर के लिए भूमि का समतलीकरण आरंभ कर दिया गया.
'अभी केवल समतलीकरण आरंभ हुआ'महासचिव चंपत राय ने कहा कि अभी केवल समतलीकरण का काम आरंभ हुआ है. अप्रैल के प्रथम सप्ताह में संभवत इस भूमि के पर भरने का काम आरंभ किया जाएगा. उन्होंने कहा कि जब हम मिट्टी जमीन को खोदते हैं, पेड़ को तोड़ते हैं तो शास्त्रों में उसके प्रायश्चित का प्रावधान है. इसी दृष्टि से मंदिर निर्माण स्थल पर आज प्रायश्चित पूजन किया गया है.

अयोध्याः श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण के लिए करीब 50 फीट गहरी खोदी गई भूमि को समतल करने का काम आज सोमवार से आरंभ हो गया. इस अवसर पर मंदिर निर्माण के लिए की गई खुदाई के लिए प्रायश्चित पूजन किया गया. प्रायश्चित पूजन में श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय, ट्रस्ट के सदस्य डॉ. अनिल मिश्र, अयोध्या राजा विमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र, जिलाधिकारी अनुज कुमार झा, अयोध्या के डीआईजी दीपक कुमार प्रमुख रूप से शामिल हुए.

प्रायश्चित पूजन के बारे में जानकारी देते ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय.

'अनावश्यक मलबा हटाया गया'
इसके पश्चात कारसेवकपुरम में पत्रकारों से बातचीत करते हुए महासचिव चंपत राय ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राम मंदिर के लिए समुद्र तल से 105 मीटर ऊपर की भूमि पर पूजन किया था. खुदाई के बाद इस भूमि से अनावश्यक मलबा हटा दिया गया है. इसके बाद अब साफ मिट्टी मिल रही है. इस गहराई में पीली मिट्टी मिल रही है. इसलिए अब अधिक नीचे जाने की कोई आवश्यकता नहीं है. खुदाई के बाद मंदिर निर्माण की भूमि का वर्तमान में समतलीकरण शुरू किया गया है. यह समुद्र तल से 93 मीटर ऊपर है.

ट्रस्ट ने किया प्रायश्चित पूजन.
ट्रस्ट ने किया प्रायश्चित पूजन.

यह भी पढ़ेंः राममंदिर की नींव अप्रैल से भरनी शुरू होगी, 50 फिट गहरी हुई है खोदाई

'मशीनों से होगा लेबलिंग का कार्य'

महासचिव चंपत राय ने कहा कि अब भूमि का समतलीकरण रोलर के द्वारा किया जा रहा है. लेबलिंग का काम मशीनों से होगा और और समूची भूमि को करीब एक 1-1 फीट की 35 से ज्यादा लेयर से भरा जाएगा. प्रत्येक लेयर को रोड रोलर चला कर समतल किया जाएगा. यह कार्य अगस्त तक पूरा होने की उम्मीद है.

खुदाई के बाद श्रीराम मंदिर के लिए भूमि का समतलीकरण आरंभ कर दिया गया.
खुदाई के बाद श्रीराम मंदिर के लिए भूमि का समतलीकरण आरंभ कर दिया गया.
'अभी केवल समतलीकरण आरंभ हुआ'महासचिव चंपत राय ने कहा कि अभी केवल समतलीकरण का काम आरंभ हुआ है. अप्रैल के प्रथम सप्ताह में संभवत इस भूमि के पर भरने का काम आरंभ किया जाएगा. उन्होंने कहा कि जब हम मिट्टी जमीन को खोदते हैं, पेड़ को तोड़ते हैं तो शास्त्रों में उसके प्रायश्चित का प्रावधान है. इसी दृष्टि से मंदिर निर्माण स्थल पर आज प्रायश्चित पूजन किया गया है.
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