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अयोध्या में बनेगा रामायण रिसर्च इंस्टीट्यूट, रामकथाओं का होगा संग्रह

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Published : Dec 20, 2020, 12:15 PM IST

Updated : Dec 20, 2020, 2:48 PM IST

उत्तर प्रदेश के अयोध्या जिले में रामायण रिसर्च इंस्टीट्यूट की स्थापना की जाएगी. इस इंस्टीट्यूट में दुनिया भर की विभिन्न भाषाओं में प्रकाशित रामकथाओं को संरक्षित किया जाएगा.

अमवा मंदिर
अमवा मंदिर

अयोध्या: जिले में स्थित अमावा मंदिर पटना के प्रसिद्ध महावीर मंदिर ट्रस्ट का ही हिस्सा है. अमावा मंदिर के प्रमुख पूर्व आईपीएस अधिकारी किशोर कुणाल का कहना है कि अमावा मंदिर में भगवान राम और रामायण से संबंधित शोध कार्य के लिए रामायण रिसर्च इंस्टीट्यूट की स्थापना की जाएगी. इसी अमावा मंदिर में सरस्वती संस्कृत विद्यालय की भी स्थापना की जाएगी. रामायण रिसर्च इंस्टिट्यूट में दुनिया भर में उपलब्ध विभिन्न भाषाओं की रामायण की पांडुलिपि भी संरक्षित की जाएगी.

अयोध्या में राम मंदिर के साथ-साथ भगवान राम और रामायण से संबंधित शोध को लेकर रामायण रिसर्च इंस्टिट्यूट की स्थापना भी की जा रही है. राम जन्मभूमि परिसर से लगे हुए अमावा मंदिर में रामायण रिसर्च इंस्टिट्यूट और सरस्वती संस्कृत विद्यालय की स्थापना की जा रही है. रामायण रिसर्च इंस्टिट्यूट में वाल्मीकि रामायण से लेकर आध्यात्मिक संस्कृत भाषा की रामायण पर रिसर्च किया जाएगा.

रामायण रिसर्च इंस्टिट्यूट में तमिल, तेलुगू, कन्नड़, हिंदी और मलयालम समेत अन्य भाषाओं की रामकथा पर भी रिसर्च किया जाएगा. साथ ही उनका पुस्तकालय भी स्थापित किया जाएगा. देश के अलावा विदेशों में भी प्राप्त रामायण और रामकथा जैसे इंडोनेशिया, थाईलैंड, मलेशिया का भी पुस्तकालय रामायण रिसर्च इंस्टिट्यूट में बनाया जाएगा. रामायण रिसर्च इंस्टिट्यूट में रिसर्च स्कॉलर्स रखे जाएंगे, जो सभी विषयों पर तुलनात्मक अध्ययन भी करेंगे.

रामायण रिसर्च इंस्टिट्यूट की पहली दो किताबें मार्च में आने वाली है. पहली किताब का नाम 'रामो विग्रहवान् धर्म:' और दूसरी किताब का नाम 'वाल्मीकि रामायण' है. अयोध्या राम जन्मभूमि परिसर से लगे अमावा मंदिर में प्रतिदिन एक हजार श्रद्धालुओं को भोजन कराए जाने की व्यवस्था की गई है. महावीर मंदिर पटना ट्रस्ट तीन हजार श्रद्धालुओं को प्रतिदिन भोजन कराए जाने का लक्ष्य निर्धारित कर रहा है. यह वह श्रद्धालु होते हैं, जो रामलला के दर्शन करने के बाद अमावा मंदिर में भोजन प्रसाद ग्रहण करते हैं.

अमावा मंदिर के प्रमुख व पटना महावीर मंदिर के ट्रस्टी आचार्य किशोर कुणाल पूर्व आईपीएस अधिकारी हैं. वह बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड के अध्यक्ष हैं. साथ ही पटना के ज्ञान निकेतन नामक प्रसिद्ध विद्यालय के संस्थापक भी हैं.

अयोध्या: जिले में स्थित अमावा मंदिर पटना के प्रसिद्ध महावीर मंदिर ट्रस्ट का ही हिस्सा है. अमावा मंदिर के प्रमुख पूर्व आईपीएस अधिकारी किशोर कुणाल का कहना है कि अमावा मंदिर में भगवान राम और रामायण से संबंधित शोध कार्य के लिए रामायण रिसर्च इंस्टीट्यूट की स्थापना की जाएगी. इसी अमावा मंदिर में सरस्वती संस्कृत विद्यालय की भी स्थापना की जाएगी. रामायण रिसर्च इंस्टिट्यूट में दुनिया भर में उपलब्ध विभिन्न भाषाओं की रामायण की पांडुलिपि भी संरक्षित की जाएगी.

अयोध्या में राम मंदिर के साथ-साथ भगवान राम और रामायण से संबंधित शोध को लेकर रामायण रिसर्च इंस्टिट्यूट की स्थापना भी की जा रही है. राम जन्मभूमि परिसर से लगे हुए अमावा मंदिर में रामायण रिसर्च इंस्टिट्यूट और सरस्वती संस्कृत विद्यालय की स्थापना की जा रही है. रामायण रिसर्च इंस्टिट्यूट में वाल्मीकि रामायण से लेकर आध्यात्मिक संस्कृत भाषा की रामायण पर रिसर्च किया जाएगा.

रामायण रिसर्च इंस्टिट्यूट में तमिल, तेलुगू, कन्नड़, हिंदी और मलयालम समेत अन्य भाषाओं की रामकथा पर भी रिसर्च किया जाएगा. साथ ही उनका पुस्तकालय भी स्थापित किया जाएगा. देश के अलावा विदेशों में भी प्राप्त रामायण और रामकथा जैसे इंडोनेशिया, थाईलैंड, मलेशिया का भी पुस्तकालय रामायण रिसर्च इंस्टिट्यूट में बनाया जाएगा. रामायण रिसर्च इंस्टिट्यूट में रिसर्च स्कॉलर्स रखे जाएंगे, जो सभी विषयों पर तुलनात्मक अध्ययन भी करेंगे.

रामायण रिसर्च इंस्टिट्यूट की पहली दो किताबें मार्च में आने वाली है. पहली किताब का नाम 'रामो विग्रहवान् धर्म:' और दूसरी किताब का नाम 'वाल्मीकि रामायण' है. अयोध्या राम जन्मभूमि परिसर से लगे अमावा मंदिर में प्रतिदिन एक हजार श्रद्धालुओं को भोजन कराए जाने की व्यवस्था की गई है. महावीर मंदिर पटना ट्रस्ट तीन हजार श्रद्धालुओं को प्रतिदिन भोजन कराए जाने का लक्ष्य निर्धारित कर रहा है. यह वह श्रद्धालु होते हैं, जो रामलला के दर्शन करने के बाद अमावा मंदिर में भोजन प्रसाद ग्रहण करते हैं.

अमावा मंदिर के प्रमुख व पटना महावीर मंदिर के ट्रस्टी आचार्य किशोर कुणाल पूर्व आईपीएस अधिकारी हैं. वह बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड के अध्यक्ष हैं. साथ ही पटना के ज्ञान निकेतन नामक प्रसिद्ध विद्यालय के संस्थापक भी हैं.

Last Updated : Dec 20, 2020, 2:48 PM IST
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