अयोध्या: रामनगरी अयोध्या में 22 जनवरी को भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा का आयोजन किया गया है. इस तारीख पर सवाल उठाने वाले ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य जगतगुरु अविमुक्तेश्वरानंद पर अयोध्या के प्रमुख सिद्ध पीठ हनुमानगढ़ी के मुख्य पुजारी राजू दास ने हमला बोला है. उन्होंने नाराजगी व्यक्त करते हुए उनके बयान को लेकर जगतगुरु शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद को अपराधी करार दिया है.
अविमुक्तेश्वरानंद ने प्राण प्रतिष्ठा की तारीख पर उठाए थे सवाल
बयानों को लेकर चर्चा में रहने वाले ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य जगतगुरु अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा था कि जब रामनवमी कुछ ही महीना बाद है. ऐसे में रामनवमी से पहले जनवरी माह में मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा की क्या आवश्यकता थी? सत्ताधारी दल पर सवाल उठाते हुए कहा कि भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा दूसरे नंबर पर है. प्राण प्रतिष्ठा में जल्दबाजी की पहली वजह दूसरी है. क्योंकि लोकसभा चुनाव 2024 होने वाले हैं और सत्ताधारी दल इसका लाभ लेना चाहता है. इसीलिए रामनवमी तक प्रतीक्षा करने की जगह जनवरी में ही भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा की जा रही है. उनके इस बयान पर अयोध्या के प्रमुख संतों में शुमार और सीएम योगी के बेहद करीबी पुजारी राजू दास ने कड़ी आलोचना करते हुए उनके बयान को शर्मनाक बताया है.
रामलला के अपराधी हैं अविमुक्तेश्वरानंद
हनुमानगढ़ी के मुख्य पुजारी राजू दास ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि आज जहां पूरा देश भगवान राम के प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव की तैयारी में जुटा है. देश भर से साधु संत शंकराचार्य जगतगुरु इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए अयोध्या आने वाले हैं. अलग-अलग पंथ संप्रदाय के जगतगुरु शंकराचार्य और अन्य प्रमुख संतो विद्वानों को आमंत्रित किया गया है. ऐसे में इस कार्यक्रम पर सवाल उठाकर जगतगुरु अविमुक्तेश्वरानंद ने अपनी विचारधारा को प्रदर्शित किया है.
अविमुक्तेश्वरानंद प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव में आकर धोंए पाप
महंत राजू दास ने कहा कि उन्हें ऐसे शब्दों का प्रयोग नहीं करना चाहिए, लेकिन फिर भी वह कह रहे हैं कि जगतगुरु शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद उस पार्टी और ऐसे लोगों का समर्थन कर रहे हैं, जिन्होंने हमेशा से भगवान राम का और राम मंदिर का विरोध किया है. भगवान राम के अस्तित्व पर सवाल उठाया और राम मंदिर पर प्रश्न चिन्ह लगाया है. उन्होंने कहा कि 500 वर्षों तक भगवान रामलला के मंदिर का निर्माण कार्य रुका रहा, इसके लिए अविमुक्तेश्वरानंद को शर्म आनी चाहिए, वह अपराधी हैं. इसलिए वह उन्हें अपराधी मानते हैं. उन्हें अयोध्या आकर भगवान राम के प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव में शामिल होकर अपने पाप को धो लेना चाहिए. उन्होंने कहा कि भगवान राम पर जितना अधिकार हमारा है, उतना ही उनका भी है, अब उन्हें अपने पापों का प्रायश्चित कर लेना चाहिए.
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