अयोध्याः साकेत महाविद्यालय के छात्र नेताओं के खिलाफ दर्ज राष्ट्रद्रोह के मुकदमे में पुलिस बैकफुट पर आ गई है. साक्ष्य न मिलने के बाद पुलिस ने आंदोलन करने वाले छात्रों के खिलाफ दर्ज राष्ट्रद्रोह के धाराओं को हटा दिया है. पुलिस क्षेत्राधिकारी राजेश कुमार राय ने बताया कि राजद्रोह की धाराएं हटा दी गई हैं.
24 दिसंबर को दर्ज हुआ था मुकदमा
बता दें कि प्रिंसिपल की तहरीर पर आधा दर्जन छात्र नेताओं के खिलाफ राष्ट्र द्रोह की धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ था. साकेत महाविद्यालय के छात्र नेताओं के ऊपर आरोप यह था कि उन्होंने जेएनयू के तर्ज पर महाविद्यालय में आजादी के नारे लगाए थे. इस कथित नारे को संज्ञान में लेकर जिला प्रशासन ने 24 दिसंबर को मुकदमा दर्ज कर लिया था.
राजनीतिक अखाड़ा बनता जा रहा था विद्यालय
जेएनयू के बाद अयोध्या के साकेत महाविद्यालय भी राजनीतिक अखाड़ा बनता जा रहा था. अब छात्र संघ नहीं कुछ लोगों द्वारा कथित तौर पर आजादी के नारे लगने लगे थे. जिसको लेकर महाविद्यालय प्रशासन ने चिंता व्यक्त करते हुए जिला प्रशासन को पत्र के माध्यम से अवगत कराते हुए जल्द से जल्द निर्णय लेने की मांग की थी.
धरने पर बैठे थे छात्र
साकेत महाविद्यालय में छात्र नेताओं द्वारा छात्र संघ चुनाव बहाली को लेकर धरने पर बैठे हुए थे. छात्र नेताओं की मांग थी कि साकेत महाविद्यालय प्रशासन चुनाव कराने को लेकर तिथि घोषित करें. इस धरने ने राजनीतिक मोड़ ले लिया था. आरोप था कि छात्र नेता छात्र संघ चुनाव बहाली नहीं बल्कि जेएनयू के तर्ज पर ले के रहेंगे आजादी का नारा लगा रहे हैं.
10 फरवरी को चुनाव की तिथि घोषित
वहीं साकेत महाविद्यालय के प्रधानाचार्य नर्वदेश्वर पांडे ने कहा था कि जब तक सभी विभागों में एडमिशन की प्रक्रिया पूर्ण नहीं कर ली जाती तब तक चुनाव करा पाना संभव नहीं है. साकेत महाविद्यालय में आगामी 10 फरवरी को छात्रसंघ चुनाव की तिथि महाविद्यालय प्रशासन ने घोषित कर दी है. अब गेंद जिला प्रशासन के पाले में है कि कोविड 19 की चुनौतियों के बीच वह चुनाव की अनुमति देता है या नहीं.