अयोध्या: जिले में पिछले दो सप्ताह से हो रही बारिश के चलते निचले क्षेत्रों में जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हो रहा है. सरयू नदी के तटीय इलाकों में बसे गांवों में लोगों का बुरा हाल हो गया है. प्रकृति की मार झेल रहे ग्रामीणों को राहत सामग्री भी समय से नहीं नसीब हो रही है. मुख्य सड़क से संपर्क टूटने के बाद निचले क्षेत्रों में लोगों को राहत सामग्री और मवेशियों के लिए चारा पहुंचाने में प्रशासन नाकाम साबित हो रहा है. वहीं प्रशासनिक अधिकारी समय से राहत सामग्री बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में उपलब्ध कराने की बात कह रहे हैं.
सरयू नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर है. ऐसे में नदी से सटे निचले इलाकों में बाढ़ के हालात पैदा हो गए हैं. पानी लगातार लोगों के घरों में घुस रहा है. ग्रामीण पलायन को मजबूर हो रहे हैं. अयोध्या के रुदौली उपखंड स्थित 7 गांवों में बाढ़ के हालात हैं. जानवरों को भी रखने में लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. बाढ़ के कारण गांव के रास्ते बंद हैं. हर रास्ते पर तेज पानी का बहाव देखा जा सकता है. सलाहपुर गांव के चारों ओर पानी भरा है. ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन की ओर से राहत सामग्री उपलब्ध नहीं कराई जा रही है. प्रशासन द्वारा जो राशन किट लोगों तक पहुंचाई गई, उसमें सब्जी के रूप में सड़े आलू मिले हैं. प्रशासन के इस व्यवहार से स्थानीय लोग निराश हैं. आपदा के समय में उन्हें उचित सहायता नहीं प्राप्त हो रही है. आपको बता दें कि 2 गांव रुदौली में ऐसे हैं, जो पूरी तरह बाढ़ की चपेट में आ गए हैं. यहां के लोग पलायन करने को मजबूर हो रहे हैं. साडरी गांव की हजारों बीघा फसल जलमग्न हो चुकी है. सल्लाहपुर गांव के चारों ओर पानी भरा है. ये गांव बंधा के पास स्थित हैं. दोनों गांव के बीच बाढ़ के पानी का बहाव तेज है. गांव के बीच का संपर्क टूट गया है. संपर्क मार्ग पानी के तेज बहाव में बह गया.
मवेशियों को हो रही दिक्कत
ग्रामीणों का कहना है कि कोई भी प्रशासनिक अधिकारी उनकी सुध नहीं ले रहा है. 200 मीटर गहरा पानी पार कर गांव में पहुंचना पड़ता है. इस परेशानी के चलते प्रशासनिक अधिकारी और राहत सामग्री वितरण करने में लगे कर्मचारी बंधे के उस पार गांव में सामग्री वितरित कर चले जाते हैं. बंधा की दूसरी ओर सल्लाहपुर गांव नहीं पहुंचते हैं. गांव में काफी नुकसान हुआ है. कई लोगों के घर गिर गए हैं. ग्रामीणों का कहना है कि उनके घर में पानी घुस गया है. घर में रहना मुश्किल हो रहा है. वहीं मवेशियों के राशन रखने की भी दिक्कत हो रही है. कोटेदार राशन नहीं दे रहा है. गांव में लगभग 200 मीटर घुटने तक पानी में चलकर आना पड़ता है.
फसलों के नुकसान का हो रहा सर्वे
इस मामले में प्रशासन बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में समय से राहत सामग्री पहुंचाने का दावा कर रहा है. उपखंड अधिकारी रुदौली विपिन कुमार का कहना है कि पीड़ित गांवों तक हर संभव सहायता पहुंचाई जा रही है. अब तक 732 राहत सामग्री के पैकेट बांटे जा चुके हैं. बाढ़ प्रभावित गांवों में राहत सामग्री दूसरी बार बांटी की जा रही है. 300 कुंटल भूसा और 1300 लीटर केरोसिन तेल वितरित किया गया है. 9 सरकारी नाव बाढ़ प्रभावित गांवों में लगाई गई हैं. उपखंड अधिकारी का कहना है कि स्थानीय विधायक रामचंद्र यादव स्वयं बाढ़ राहत कार्य की मॉनिटरिंग कर रहे हैं. सातों बाढ़ प्रभावित गांवों में तिरपाल बांटा गया है. जो लोग विस्थापित हुए हैं, उन्हें दो समय का भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है. कुछ मकान गिरने की सूचना है, जिसका सर्वे करा लिया गया है. प्रभावित खाता संख्या की प्रतीक्षा है. उनके खाते उपलब्ध होते ही उन्हें राहत सामग्री उपलब्ध करा दी जाएगी. फसलों के नुकसान का सर्वे कराने का निर्देश दिया गया है.
अयोध्या के प्रवेश द्वार के सामने स्थित राम कथा पार्क के ठीक सामने क्षेत्र में पानी है. यह जानकारी प्रशासनिक अधिकारियों और नगर निगम के संज्ञान में है, लेकिन किसी ने सुध नहीं लिया है. खुले में अपना जीवन बिता रहे लोगों को कहना है कि वह पिछले 2 सप्ताह से परिवार के साथ इसी स्थिति में अपना जीवन बिता रहे हैं. हम लोग रोड के किनारे भोजन कर रहे हैं. उनका सारा सामान डूब चुका है. लॉकडाउन की वजह से आर्थिक तंगी बनी हुई है.