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सुप्रीम कोर्ट के सुप्रीम फैसले से राम मंदिर निर्माण तक...

उत्तर प्रदेश की अयोध्यानगरी में भगवान राम के मंदिर का निर्माण शुरू हो चुका है. मंदिर निर्माण से संत-महात्माओं में खुशी की लहर है. मंदिर निर्माण की शुरुआत श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष और मणिराम छावनी के महंत नृत्य गोपाल दास ने की.

अयोध्या न्यूज
भगवान रामलला विराजमान
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Published : May 26, 2020, 7:39 PM IST

अयोध्या: लंबे संघर्ष के बाद श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने रामलला के मंदिर निर्माण की शुरुआत कर दी है. वैश्विक महामारी कोरोना के साए से मंदिर निर्माण का उद्घाटन अछूता नहीं रहा है. बेहद सामान्य रूप से यह मंदिर निर्माण प्रारंभ किया गया है. वहीं संतों ने ट्रस्ट की ओर से मंदिर निर्माण की शुरुआत पर खुशी व्यक्त की है.

अयोध्या में राम जन्मभूमि विवाद 500 वर्षों से अधिक का बताया जाता है. आजादी के बाद यह मुद्दा कानूनी तौर पर अस्तित्व में आया. देश में आजादी के बाद से यह मुद्दा राजनीति से पूरी तरह प्रभावित रहा. देश के कई स्थलों पर इस विवाद की वजह से हिंसा भी हुई.

अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला 9 नवंबर 2019 को आया. अदालत ने केंद्र सरकार को राम मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट गठित करने के लिए 3 महीने का समय दिया था. यह अवधि समाप्त होने से पहले केंद्र सरकार ने 5 फरवरी को ट्रस्ट का गठन कर दिया. मंदिर निर्माण के लिए गठित ट्रस्ट का नाम श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट रखा गया.

महंत रामदास से बातचीत.

ट्रस्ट को भारत सरकार ने दिया था पहला दान
राम मंदिर के लिए ट्रस्ट गठित होते ही सबसे पहला दान केन्द्र सरकार ने दिया था. केंद्र सरकार ने यह दान ट्रेजरी से दिया था.

19 फरवरी को ट्रस्ट की हुई पहली बैठक
राम मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट गठित होने के बाद इसकी पहली बैठक 19 फरवरी को दिल्ली में हुई. बैठक में ट्रस्ट के 15 में से 9 सदस्यों ने हिस्सा लिया. श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट गठित होते ही अयोध्या के संतों को पता चला कि रामनगरी के किसी वरिष्ठ संत को कोई विशेष जिम्मेदारी नहीं दी गई है. ट्रस्ट के अध्यक्ष पद के प्रबल दावेदार माने जा रहे राम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष व श्री मणिराम दास छावनी के महंत नृत्य गोपाल दास का नाम ट्रस्ट के सदस्यों की सूची में नहीं था, जिसके बाद अयोध्या में संतों ने विरोध का मन बनाया. इस बात की भनक लगते ही केंद्र सरकार ने संतों के संभावित विरोध को गंभीरता से लिया. श्री मणिराम दास छावनी के उत्तराधिकारी महंत कमल नयन दास से गृहमंत्री की बातचीत हुई, जिसके बाद ट्रस्ट महंत नृत्य गोपाल दास को अध्यक्ष बनाए जाने के बाद विरोध समाप्त हो गया.


5 मार्च को ट्रस्ट ने खोला अपना अकाउंट
अयोध्या में भगवान राम के जन्मस्थान पर भव्य मंदिर में श्रद्धालु अपना योगदान आसानी से दे सकें, इसके लिए ट्रस्ट ने अपने खाते सक्रिय कर दिए थे. अयोध्या के एसबीआई ब्रांच स्थित श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का बचत और चालू खाता 5 मार्च को सक्रिय हुआ था.


25 मार्च को रामलला अस्थाई बुलेट प्रूफ गर्भगृह में विराजमान
दरअसल रामलला जिस स्थल पर विराजमान थे, उसे भगवान राम का जन्म स्थल बताया जाता है. ट्रस्ट द्वारा बनवाए जाने वाले रामलला के मंदिर का गर्भ गृह इसी स्थल पर बनना है. ऐसे में जमीन के समतलीकरण और निर्माण कार्य के लिए रामलला को अस्थाई गर्भ गृह में 25 मार्च को शिफ्ट किया गया. अस्थाई गर्भ गृह में भगवान की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी शामिल हुए थे. यह मंदिर निर्माण की प्रक्रिया का प्रथम चरण माना जा रहा था.



20 अप्रैल को मिले राम जन्मभूमि के दस्तावेज
तकनीकी रूप से 67 एकड़ भूमि अधिग्रहण से जुड़े दस्तावेज श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र टेस्ट को सौंप दिए गए थे. आपको बता दें कि विवादित क्षेत्र के अलावा आसपास की 67 एकड़ भूमि का अधिग्रहण राम मंदिर निर्माण के लिए किया गया था. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद विवादित भूमि के साथ अधिग्रहीत परिसर का मालिकाना हक भी ट्रस्ट को सौंप दिया गया.


11 मई को ट्रस्ट ने राम जन्मभूमि शुरू किया कार्य
कानूनी प्रक्रिया पूरी होने और लॉकडाउन के दौरान निर्माण कार्यों में ढील मिलने के बाद ट्रस्ट ने 11 मई से राम जन्मभूमि परिसर के अंदर काम कार्य शुरू किया. सबसे पहले सुरक्षा की दृष्टि से बनाई गई बैरिकेडिंग को हटवाया गया, जिसके बाद रामलला के मूल ग्रह और उसके आसपास की जमीन का समतलीकरण शुरू किया गया.


समतलीकरण में मिले मूर्तियां और मंदिर के अवशेष
राम जन्मभूमि परिसर में 10 दिन पूरे होने के बाद टेस्ट नहीं समतलीकरण के दौरान मिले अवशेषों को सार्वजनिक किया. ट्रस्ट के महामंत्री चंपत राय ने कहा कि प्राचीन कलाकृतियां और स्मृति चिन्ह रामलला के मंदिर से जुड़े हैं. वहीं अयोध्या के संतों ने इन प्रतीक चिन्हों को उज्जैन के राजा विक्रमादित्य के समय का बताया.


25 मई को ट्रस्ट ने शुरू किया राम मंदिर का निर्माण
विवादित ढांचा गिराए जाने के करीब 28 साल बाद 25 मई को महंत नृत्य गोपाल दास जी राम जन्मभूमि परिसर पहुंचे. उन्होंने राम जन्मभूमि परिसर में हो रहे कार्यों का जायजा लिया. इसके बाद उन्होंने मंदिर निर्माण की शुरुआत की घोषणा की. उन्होंने कहा कि आज से अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की शुरुआत हो गई है. अब राम शिलाओं के प्रयोग का समय आ गया है.

वहीं राम नगरी में मंदिर निर्माण की शुरुआत को लेकर खुशी का माहौल है. अब यह नगरी राम मंदिर के लिए जानी जाएगी. अयोध्या की सिद्धपीठ नाका हनुमानगढ़ी मंदिर के महंत रामदास ने समस्त साधु समाज की ओर से मंदिर निर्माण पर प्रसन्नता व्यक्त की है. उन्होंने कहा है कि अब अयोध्या में धार्मिक विकास के साथ विश्व के विकास का मार्ग प्रशस्त होगा.

अयोध्या: लंबे संघर्ष के बाद श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने रामलला के मंदिर निर्माण की शुरुआत कर दी है. वैश्विक महामारी कोरोना के साए से मंदिर निर्माण का उद्घाटन अछूता नहीं रहा है. बेहद सामान्य रूप से यह मंदिर निर्माण प्रारंभ किया गया है. वहीं संतों ने ट्रस्ट की ओर से मंदिर निर्माण की शुरुआत पर खुशी व्यक्त की है.

अयोध्या में राम जन्मभूमि विवाद 500 वर्षों से अधिक का बताया जाता है. आजादी के बाद यह मुद्दा कानूनी तौर पर अस्तित्व में आया. देश में आजादी के बाद से यह मुद्दा राजनीति से पूरी तरह प्रभावित रहा. देश के कई स्थलों पर इस विवाद की वजह से हिंसा भी हुई.

अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला 9 नवंबर 2019 को आया. अदालत ने केंद्र सरकार को राम मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट गठित करने के लिए 3 महीने का समय दिया था. यह अवधि समाप्त होने से पहले केंद्र सरकार ने 5 फरवरी को ट्रस्ट का गठन कर दिया. मंदिर निर्माण के लिए गठित ट्रस्ट का नाम श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट रखा गया.

महंत रामदास से बातचीत.

ट्रस्ट को भारत सरकार ने दिया था पहला दान
राम मंदिर के लिए ट्रस्ट गठित होते ही सबसे पहला दान केन्द्र सरकार ने दिया था. केंद्र सरकार ने यह दान ट्रेजरी से दिया था.

19 फरवरी को ट्रस्ट की हुई पहली बैठक
राम मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट गठित होने के बाद इसकी पहली बैठक 19 फरवरी को दिल्ली में हुई. बैठक में ट्रस्ट के 15 में से 9 सदस्यों ने हिस्सा लिया. श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट गठित होते ही अयोध्या के संतों को पता चला कि रामनगरी के किसी वरिष्ठ संत को कोई विशेष जिम्मेदारी नहीं दी गई है. ट्रस्ट के अध्यक्ष पद के प्रबल दावेदार माने जा रहे राम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष व श्री मणिराम दास छावनी के महंत नृत्य गोपाल दास का नाम ट्रस्ट के सदस्यों की सूची में नहीं था, जिसके बाद अयोध्या में संतों ने विरोध का मन बनाया. इस बात की भनक लगते ही केंद्र सरकार ने संतों के संभावित विरोध को गंभीरता से लिया. श्री मणिराम दास छावनी के उत्तराधिकारी महंत कमल नयन दास से गृहमंत्री की बातचीत हुई, जिसके बाद ट्रस्ट महंत नृत्य गोपाल दास को अध्यक्ष बनाए जाने के बाद विरोध समाप्त हो गया.


5 मार्च को ट्रस्ट ने खोला अपना अकाउंट
अयोध्या में भगवान राम के जन्मस्थान पर भव्य मंदिर में श्रद्धालु अपना योगदान आसानी से दे सकें, इसके लिए ट्रस्ट ने अपने खाते सक्रिय कर दिए थे. अयोध्या के एसबीआई ब्रांच स्थित श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का बचत और चालू खाता 5 मार्च को सक्रिय हुआ था.


25 मार्च को रामलला अस्थाई बुलेट प्रूफ गर्भगृह में विराजमान
दरअसल रामलला जिस स्थल पर विराजमान थे, उसे भगवान राम का जन्म स्थल बताया जाता है. ट्रस्ट द्वारा बनवाए जाने वाले रामलला के मंदिर का गर्भ गृह इसी स्थल पर बनना है. ऐसे में जमीन के समतलीकरण और निर्माण कार्य के लिए रामलला को अस्थाई गर्भ गृह में 25 मार्च को शिफ्ट किया गया. अस्थाई गर्भ गृह में भगवान की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी शामिल हुए थे. यह मंदिर निर्माण की प्रक्रिया का प्रथम चरण माना जा रहा था.



20 अप्रैल को मिले राम जन्मभूमि के दस्तावेज
तकनीकी रूप से 67 एकड़ भूमि अधिग्रहण से जुड़े दस्तावेज श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र टेस्ट को सौंप दिए गए थे. आपको बता दें कि विवादित क्षेत्र के अलावा आसपास की 67 एकड़ भूमि का अधिग्रहण राम मंदिर निर्माण के लिए किया गया था. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद विवादित भूमि के साथ अधिग्रहीत परिसर का मालिकाना हक भी ट्रस्ट को सौंप दिया गया.


11 मई को ट्रस्ट ने राम जन्मभूमि शुरू किया कार्य
कानूनी प्रक्रिया पूरी होने और लॉकडाउन के दौरान निर्माण कार्यों में ढील मिलने के बाद ट्रस्ट ने 11 मई से राम जन्मभूमि परिसर के अंदर काम कार्य शुरू किया. सबसे पहले सुरक्षा की दृष्टि से बनाई गई बैरिकेडिंग को हटवाया गया, जिसके बाद रामलला के मूल ग्रह और उसके आसपास की जमीन का समतलीकरण शुरू किया गया.


समतलीकरण में मिले मूर्तियां और मंदिर के अवशेष
राम जन्मभूमि परिसर में 10 दिन पूरे होने के बाद टेस्ट नहीं समतलीकरण के दौरान मिले अवशेषों को सार्वजनिक किया. ट्रस्ट के महामंत्री चंपत राय ने कहा कि प्राचीन कलाकृतियां और स्मृति चिन्ह रामलला के मंदिर से जुड़े हैं. वहीं अयोध्या के संतों ने इन प्रतीक चिन्हों को उज्जैन के राजा विक्रमादित्य के समय का बताया.


25 मई को ट्रस्ट ने शुरू किया राम मंदिर का निर्माण
विवादित ढांचा गिराए जाने के करीब 28 साल बाद 25 मई को महंत नृत्य गोपाल दास जी राम जन्मभूमि परिसर पहुंचे. उन्होंने राम जन्मभूमि परिसर में हो रहे कार्यों का जायजा लिया. इसके बाद उन्होंने मंदिर निर्माण की शुरुआत की घोषणा की. उन्होंने कहा कि आज से अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की शुरुआत हो गई है. अब राम शिलाओं के प्रयोग का समय आ गया है.

वहीं राम नगरी में मंदिर निर्माण की शुरुआत को लेकर खुशी का माहौल है. अब यह नगरी राम मंदिर के लिए जानी जाएगी. अयोध्या की सिद्धपीठ नाका हनुमानगढ़ी मंदिर के महंत रामदास ने समस्त साधु समाज की ओर से मंदिर निर्माण पर प्रसन्नता व्यक्त की है. उन्होंने कहा है कि अब अयोध्या में धार्मिक विकास के साथ विश्व के विकास का मार्ग प्रशस्त होगा.

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