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CBI की नजर से दूर ईटीवी भारत के कैमरे में हुआ कैद, विवादित ढांचा विध्वंस का है आरोपी

1992 को आयोध्या में विवादित ढांचा गिराने के मामले में राजस्थान के बीकानेर के रहने वाले सत्य नारायण व्यास उर्फ गन्ना महाराज भी CBI की मोस्ट वांटेड लिस्ट में शामिल हैं. हालांकि आजतक CBI उनको नहीं पकड़ पाई है.

ईटीवी भारत से बातचीत करते सत्य नारायण व्यास.
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Published : Jul 6, 2019, 12:47 PM IST

अयोध्या: विवादित ढांचा गिराने के मामले में CBI को जिन लोगों की तलाश हैं, उनमें से एक ने ईटीवी भारत से विशेष बातचीत की. राजस्थान के बीकानेर के रहने वाले सत्य नारायण व्यास उर्फ गन्ना महाराज विवादित ढांचा गिराने के मालले में सीबीआई की लिस्ट में मोस्ट वांटेड हैं. इनकी तलाश में CBI कई जगहों पर छापेमारी कर चुकी है. सत्य नारायण व्यास का कहना है कि प्रभु श्रीराम की कृपा से आज तक मुझे CBI नहीं पकड़ पाई है.

ईटीवी भारत से बातचीत करते सत्य नारायण व्यास.

अयोध्या में राम जन्मभूमि के दर्शन करके लौटते समय एक चाय की दुकान पर सत्य नारायण व्यास उर्फ गन्ना महाराज से ईटीवी भारत के संवाददाता की मुलाकात हुई. ईटीवी भारत के आग्रह पर उन्होंने 1992 विवादित ढांचा गिराने की कहानी बताई. ईटीवी भारत से विशेष बातचीत में उन्होंने बताया कि जब वह 16 वर्ष के थे, तब बजरंग दल के सक्रिय कार्यकर्ता थे. वह बजरंग दल के कार्यकर्ताओं के साथ 1992 में विवादित ढांचे को गिराने अयोध्या आए थे. उन्होंने बताया कि विवादित ढांचा गिराने के बाद से CBI उन्हें ढूंढ रही है, लेकिन प्रभु श्रीराम की कृपा से आज तक पकड़ नहीं पाई है.

12 लोगों की टीम का बनाया गया था लीडर
सत्य नारायण व्यास ने बताया कि मेरी हिंदूवादी विचारधारा हमेशा से रही है. मैं सनातन धर्म के अनुयायी हूं. 1990 में अयोध्या में हुए गोली कांड से मैं काफी आहत हुआ था. यही कारण था कि जब देश भर से कार सेवकों का आव्हान हुआ, तो मैं भी उनके साथ अयोध्या चला आया था. 1992 में जब विवादित ढांचा गिराया जाना था, तब मेरे अंदर बहुत जोश था. मुझे 12 लड़कों की टीम का लीडर बनाया गया था, उनमें दो के पास भगवा ध्वज लहराने की जिम्मेदारी थी. मैं और मेरा एक और साथी भगवा ध्वज लहाराने के लिए गुंबद पर चढ़ गए और बाकी लोग विवादित ढांचा तोड़ने में लग गए.

इस तारीख को राम जन्मभूमि के दर्शन करने आते हैं सत्य नारायण व्यास
सत्य नारायण व्यास ने बताया कि देखते ही देखते कुछ ही देर में विवादित ढांचा मिट्टी में तब्दली हो गया. उन्होंने बताया कि ढांचा गिराते समय मेरा पैर फिसल गया, जिससे मैं नीचे गिर गया. मुझे फैजाबाद जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था. हालांकि वहां से मुझे दो दिन बाद डिस्चार्ज कर दिया गया. सत्य नारायण व्यास ने बताया कि जब मामले में केस चला तो मेरी तलाशी में CBI ने जगह-जगह छापेमारी की, लेकिन प्रभु श्री राम की कृपा से आजतक मुझे नहीं पकड़ पाई है. हर वर्ष छह दिसंबर और पांच जुलाई को राम मंदिर बनने की आस में दर्शन करने आता हूं.

अयोध्या: विवादित ढांचा गिराने के मामले में CBI को जिन लोगों की तलाश हैं, उनमें से एक ने ईटीवी भारत से विशेष बातचीत की. राजस्थान के बीकानेर के रहने वाले सत्य नारायण व्यास उर्फ गन्ना महाराज विवादित ढांचा गिराने के मालले में सीबीआई की लिस्ट में मोस्ट वांटेड हैं. इनकी तलाश में CBI कई जगहों पर छापेमारी कर चुकी है. सत्य नारायण व्यास का कहना है कि प्रभु श्रीराम की कृपा से आज तक मुझे CBI नहीं पकड़ पाई है.

ईटीवी भारत से बातचीत करते सत्य नारायण व्यास.

अयोध्या में राम जन्मभूमि के दर्शन करके लौटते समय एक चाय की दुकान पर सत्य नारायण व्यास उर्फ गन्ना महाराज से ईटीवी भारत के संवाददाता की मुलाकात हुई. ईटीवी भारत के आग्रह पर उन्होंने 1992 विवादित ढांचा गिराने की कहानी बताई. ईटीवी भारत से विशेष बातचीत में उन्होंने बताया कि जब वह 16 वर्ष के थे, तब बजरंग दल के सक्रिय कार्यकर्ता थे. वह बजरंग दल के कार्यकर्ताओं के साथ 1992 में विवादित ढांचे को गिराने अयोध्या आए थे. उन्होंने बताया कि विवादित ढांचा गिराने के बाद से CBI उन्हें ढूंढ रही है, लेकिन प्रभु श्रीराम की कृपा से आज तक पकड़ नहीं पाई है.

12 लोगों की टीम का बनाया गया था लीडर
सत्य नारायण व्यास ने बताया कि मेरी हिंदूवादी विचारधारा हमेशा से रही है. मैं सनातन धर्म के अनुयायी हूं. 1990 में अयोध्या में हुए गोली कांड से मैं काफी आहत हुआ था. यही कारण था कि जब देश भर से कार सेवकों का आव्हान हुआ, तो मैं भी उनके साथ अयोध्या चला आया था. 1992 में जब विवादित ढांचा गिराया जाना था, तब मेरे अंदर बहुत जोश था. मुझे 12 लड़कों की टीम का लीडर बनाया गया था, उनमें दो के पास भगवा ध्वज लहराने की जिम्मेदारी थी. मैं और मेरा एक और साथी भगवा ध्वज लहाराने के लिए गुंबद पर चढ़ गए और बाकी लोग विवादित ढांचा तोड़ने में लग गए.

इस तारीख को राम जन्मभूमि के दर्शन करने आते हैं सत्य नारायण व्यास
सत्य नारायण व्यास ने बताया कि देखते ही देखते कुछ ही देर में विवादित ढांचा मिट्टी में तब्दली हो गया. उन्होंने बताया कि ढांचा गिराते समय मेरा पैर फिसल गया, जिससे मैं नीचे गिर गया. मुझे फैजाबाद जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था. हालांकि वहां से मुझे दो दिन बाद डिस्चार्ज कर दिया गया. सत्य नारायण व्यास ने बताया कि जब मामले में केस चला तो मेरी तलाशी में CBI ने जगह-जगह छापेमारी की, लेकिन प्रभु श्री राम की कृपा से आजतक मुझे नहीं पकड़ पाई है. हर वर्ष छह दिसंबर और पांच जुलाई को राम मंदिर बनने की आस में दर्शन करने आता हूं.

Intro:8808540402 दिनेश मिश्रा अयोध्या. 1992 में अयोध्या में विवादित ढांचे को गिराने का बहुचर्चित केस आज भी चल रहा है श्री राम जन्मभूमि में इसी मामले को लेकर के मंदिर बनाने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने एक टीम का गठन किया है. वहीं ढांचे को गिराने के मामले में जिन लोगों की तलाश सीबीआई को 1992 से है, उनमें से सीबीआई का मोस्ट वांटेड अयोध्या में राम जन्मभूमि के दर्शन करके लौटते वक्त एक चाय की दुकान पर मिला ईटीवी भारत से विशेष बातचीत के दौरान सत्य नारायण व्यास उर्फ गन्ना महाराज ने बताया कि, वो बीकानेर राजस्थान के रहने वाले हैं। जब 16 साल के थे तब बजरंग दल के कट्टर और दबंग कार्यकर्ता थे वह बजरंग दल के साथ 1992 में अयोध्या ढांचे को गिराने आए थे और पूरी व्यवस्था हथियारों और 1000 और प्लानिंग के साथ उन्होंने उसे गिराया सीबीआई लगातार 92 से मुझे ढूंढ रही है लेकिन प्रभु राम की कृपा है और हनुमान जी का आशीर्वाद है आज तक मुझे पकड़ नहीं पाई।


Body:अयोध्या में रामजन्म भूमि का मुद्दा सालों से कोर्ट में है। सीबीआई के मोस्ट वांटेड गन्ना महाराज ने बताया कि, बीकानेर राजस्थान के रहने वाले हैं जब वह 16 साल के थे उस वक्त बजरंग दल के सक्रिय कार्यकर्ता थे और हिंदूवादी विचारधारा हमेशा से रही है सनातन धर्म के अनुयाई हैं। इस वजह से 1990 में जो गोली कांड हुआ था, उससे मैं काफी आहत हुआ और यही कारण था कि, जब देश भर से कार सेवकों का आव्हान हुआ, तो मैं भी उनके साथ आया। 1992 को जब वो ढांचा गिराया जाना था, तब मेरे अंदर बहुत जोश था, मुझे 12 तेज़ लड़को का लीडर बनाया गया, जिसमे 2 के पास भगवा ध्वज लहराने की जिम्मेदारी भी थी। हम गुम्बद पर चढ़ गए दो लड़कों ने भगवा ध्वज लहराया और बाकी हम सब उसे तोड़कर गिराने में जुट गए थे। देखते ही देखते कुछ ही देर में वहां सब मिट्टी हो गया। उसी वक़्त ढांचा जब गिर रहा था, उसी वक़्त मेरा पैर भी ढांचे में फिसल गया, जिससे मैं नीचे गिर गया। उसके बाद मैं फैज़ाबाद के जिला अस्पताल में भर्ती था। 2 दिन बाद डिस्चार्ज किया गया। उसके बाद जब केस चला तो सीबीआई ने जगह जगह छापेमारी की। लेकिन भगवान राम की कृपा है कि आजतक पकड़ा नहीं गया हूँ। हर साल 6 दिसंबर और 5जुलाई को राम मंदिर बनने की आस में दर्शन करने आता हूँ। आजतक किसी से कुछ नहीं बताया। वरना आज़ाद रहकर भगवान राम के दर्शन नहीं हो पाते।


Conclusion:ऐसे सीबीआई के मोस्ट वांटेड लिस्ट में शुमार गन्ना महाराज को CBI भले न पकड़ पाई हो, लेकिन आज अयोध्या में ईटीवी भारत की टीम ने खोज निकाला।
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