अयोध्या: कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए गुरु पूर्णिमा पर्व को ऑनलाइन मनाने की योजना अयोध्या के संतों ने तय की है. कोरोना जैसी भयानक महामारी को बढ़ने से रोके जाने के लिए संतों ने ये कदम उठाया है. साधु-संतों ने भक्तों से अपील की है कि वे सोशल मीडिया के माध्यम से अपनी श्रद्धा अर्पित करें और गुरु पूर्णिमा के पर्व में शामिल हों.
गुरु शिष्य परंपरा के पवित्र पर्व गुरु पूर्णिमा का उत्सव 23 जुलाई को पूरे देश भर में आस्था और अध्यात्म के साथ मनाया जाएगा. राम नगरी अयोध्या में गुरु पूर्णिमा उत्सव मनाने की प्राचीन परंपरा चली आ रही है. सदियों से शिष्य गुरु पूर्णिमा के पर्व पर अयोध्या आकर गुरु के रूप में विराजमान अपने आराध्य की पूजा अर्चना करते हैं और अपने उज्जवल भविष्य के लिए मंगल कामना करते हैं. खास तौर पर अयोध्या में यह उत्सव विशेष रूप से मनाया जाता है. ब्रह्म मुहूर्त में ही मां सरयू में स्नान करने के साथ ही मंदिरों में दर्शन पूजन का क्रम शुरू हो जाता है, लेकिन इस वर्ष कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए इस पर्व को ऑनलाइन मनाने की योजना अयोध्या के संतों ने तय की है. जिससे कोरोना से भयानक महामारी को बढ़ने से रोका जा सके. इसके लिए साधु संतों ने अपने भक्तों से अपील भी की है कि वह सोशल मीडिया के माध्यम से अपनी श्रद्धा अर्पित करें और गुरु पूर्णिमा के पर्व में शामिल हो.
हर वर्ष लाखों की संख्या में भक्त श्रद्धालु गुरु पूर्णिमा के मौके पर ब्रह्म मुहूर्त में ही राम नगरी अयोध्या पहुंच जाते हैं. मां सरयू में स्नान करने के बाद अयोध्या के प्रमुख मंदिरों में श्री राम जन्मभूमि, कनक भवन, नागेश्वरनाथ में भक्तों की भारी भीड़ एकत्र होती है. बीते 2 वर्षों से कोरोना संक्रमण के चलते तमाम पर्व त्योहार बेरौनक रहे हैं. इस वर्ष भी गुरु पूर्णिमा के पर्व पर कोविड-प्रोटोकॉल की छाया नजर आ रही है. जिसको देखते हुए अयोध्या के कई संतो ने अपने भक्तों से अपील की है कि वह अपने घरों में ही गुरु पूर्णिमा का पर्व मनाए.
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