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अयोध्या में ऑनलाइन मनाई जाएगी 'गुरु पूर्णिमा', कोविड को लेकर फैसला

अयोध्या में कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए गुरु पूर्णिमा पर्व को ऑनलाइन मनाने की योजना साधु-संतों ने की है. संतों ने भक्तों से अपील की है कि वे सोशल मीडिया के माध्यम से अपनी श्रद्धा अर्पित करें और गुरु पूर्णिमा के पर्व में शामिल हों.

अयोध्या में ऑनलाइन मनाई जाएगी गुरु पूर्णिमा.
अयोध्या में ऑनलाइन मनाई जाएगी गुरु पूर्णिमा.
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Published : Jul 20, 2021, 1:58 PM IST

अयोध्या: कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए गुरु पूर्णिमा पर्व को ऑनलाइन मनाने की योजना अयोध्या के संतों ने तय की है. कोरोना जैसी भयानक महामारी को बढ़ने से रोके जाने के लिए संतों ने ये कदम उठाया है. साधु-संतों ने भक्तों से अपील की है कि वे सोशल मीडिया के माध्यम से अपनी श्रद्धा अर्पित करें और गुरु पूर्णिमा के पर्व में शामिल हों.

गुरु शिष्य परंपरा के पवित्र पर्व गुरु पूर्णिमा का उत्सव 23 जुलाई को पूरे देश भर में आस्था और अध्यात्म के साथ मनाया जाएगा. राम नगरी अयोध्या में गुरु पूर्णिमा उत्सव मनाने की प्राचीन परंपरा चली आ रही है. सदियों से शिष्य गुरु पूर्णिमा के पर्व पर अयोध्या आकर गुरु के रूप में विराजमान अपने आराध्य की पूजा अर्चना करते हैं और अपने उज्जवल भविष्य के लिए मंगल कामना करते हैं. खास तौर पर अयोध्या में यह उत्सव विशेष रूप से मनाया जाता है. ब्रह्म मुहूर्त में ही मां सरयू में स्नान करने के साथ ही मंदिरों में दर्शन पूजन का क्रम शुरू हो जाता है, लेकिन इस वर्ष कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए इस पर्व को ऑनलाइन मनाने की योजना अयोध्या के संतों ने तय की है. जिससे कोरोना से भयानक महामारी को बढ़ने से रोका जा सके. इसके लिए साधु संतों ने अपने भक्तों से अपील भी की है कि वह सोशल मीडिया के माध्यम से अपनी श्रद्धा अर्पित करें और गुरु पूर्णिमा के पर्व में शामिल हो.

जानकारी देते तिवारी मंदिर के महंत गिरीश पति त्रिपाठी.
तिवारी मंदिर के महंत गिरीश पति त्रिपाठी ने बताया कि पिछले 2 वर्षों से कोरोना जैसी भयानक महामारी से पूरा देश ही नहीं बल्कि विश्व जूझ रहा है. बीते महीने कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर से भारी तबाही हुई है. स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर करीब है. ऐसे में साधु-संतों का यह प्रयास है कि हम अपने स्तर पर इस संक्रमण को बढ़ाने में सहयोग न दें. गुरु पूर्णिमा के पर्व पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं मंदिर में आते हैं. मंदिर में अपने गुरुओं की पूजा करते हैं. यह परंपरा सदियों से चली आ रही है, लेकिन मानव कल्याण को दृष्टिगत रखते हुए हमने सोशल मीडिया के माध्यम से अपने भक्तों से अपील की है कि वह अयोध्या में आकर गुरु पूर्णिमा पर मनाने की जगह हमारे सोशल मीडिया के पेज पर जाकर गुरु पूर्णिमा उत्सव का हिस्सा बने. महंत गिरीश पति त्रिपाठी ने बताया कि गुरु पूर्णिमा का पर्व वर्चुअल रूप से मनाने के लिए हमने तैयारी कर रखी है. हमारा प्रयास होगा कि गुरु पूर्णिमा के पर्व पर होने वाले सभी आयोजन का सजीव दर्शन दूर बैठे वक्त श्रद्धालु कर सके और अपनी श्रद्धा निवेदित कर सकें.

हर वर्ष लाखों की संख्या में भक्त श्रद्धालु गुरु पूर्णिमा के मौके पर ब्रह्म मुहूर्त में ही राम नगरी अयोध्या पहुंच जाते हैं. मां सरयू में स्नान करने के बाद अयोध्या के प्रमुख मंदिरों में श्री राम जन्मभूमि, कनक भवन, नागेश्वरनाथ में भक्तों की भारी भीड़ एकत्र होती है. बीते 2 वर्षों से कोरोना संक्रमण के चलते तमाम पर्व त्योहार बेरौनक रहे हैं. इस वर्ष भी गुरु पूर्णिमा के पर्व पर कोविड-प्रोटोकॉल की छाया नजर आ रही है. जिसको देखते हुए अयोध्या के कई संतो ने अपने भक्तों से अपील की है कि वह अपने घरों में ही गुरु पूर्णिमा का पर्व मनाए.

इसे भी पढे़ं- गुरु पूर्णिमा पर कोटवा धाम मेला न लगने से व्यापारी मायूस

अयोध्या: कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए गुरु पूर्णिमा पर्व को ऑनलाइन मनाने की योजना अयोध्या के संतों ने तय की है. कोरोना जैसी भयानक महामारी को बढ़ने से रोके जाने के लिए संतों ने ये कदम उठाया है. साधु-संतों ने भक्तों से अपील की है कि वे सोशल मीडिया के माध्यम से अपनी श्रद्धा अर्पित करें और गुरु पूर्णिमा के पर्व में शामिल हों.

गुरु शिष्य परंपरा के पवित्र पर्व गुरु पूर्णिमा का उत्सव 23 जुलाई को पूरे देश भर में आस्था और अध्यात्म के साथ मनाया जाएगा. राम नगरी अयोध्या में गुरु पूर्णिमा उत्सव मनाने की प्राचीन परंपरा चली आ रही है. सदियों से शिष्य गुरु पूर्णिमा के पर्व पर अयोध्या आकर गुरु के रूप में विराजमान अपने आराध्य की पूजा अर्चना करते हैं और अपने उज्जवल भविष्य के लिए मंगल कामना करते हैं. खास तौर पर अयोध्या में यह उत्सव विशेष रूप से मनाया जाता है. ब्रह्म मुहूर्त में ही मां सरयू में स्नान करने के साथ ही मंदिरों में दर्शन पूजन का क्रम शुरू हो जाता है, लेकिन इस वर्ष कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए इस पर्व को ऑनलाइन मनाने की योजना अयोध्या के संतों ने तय की है. जिससे कोरोना से भयानक महामारी को बढ़ने से रोका जा सके. इसके लिए साधु संतों ने अपने भक्तों से अपील भी की है कि वह सोशल मीडिया के माध्यम से अपनी श्रद्धा अर्पित करें और गुरु पूर्णिमा के पर्व में शामिल हो.

जानकारी देते तिवारी मंदिर के महंत गिरीश पति त्रिपाठी.
तिवारी मंदिर के महंत गिरीश पति त्रिपाठी ने बताया कि पिछले 2 वर्षों से कोरोना जैसी भयानक महामारी से पूरा देश ही नहीं बल्कि विश्व जूझ रहा है. बीते महीने कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर से भारी तबाही हुई है. स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर करीब है. ऐसे में साधु-संतों का यह प्रयास है कि हम अपने स्तर पर इस संक्रमण को बढ़ाने में सहयोग न दें. गुरु पूर्णिमा के पर्व पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं मंदिर में आते हैं. मंदिर में अपने गुरुओं की पूजा करते हैं. यह परंपरा सदियों से चली आ रही है, लेकिन मानव कल्याण को दृष्टिगत रखते हुए हमने सोशल मीडिया के माध्यम से अपने भक्तों से अपील की है कि वह अयोध्या में आकर गुरु पूर्णिमा पर मनाने की जगह हमारे सोशल मीडिया के पेज पर जाकर गुरु पूर्णिमा उत्सव का हिस्सा बने. महंत गिरीश पति त्रिपाठी ने बताया कि गुरु पूर्णिमा का पर्व वर्चुअल रूप से मनाने के लिए हमने तैयारी कर रखी है. हमारा प्रयास होगा कि गुरु पूर्णिमा के पर्व पर होने वाले सभी आयोजन का सजीव दर्शन दूर बैठे वक्त श्रद्धालु कर सके और अपनी श्रद्धा निवेदित कर सकें.

हर वर्ष लाखों की संख्या में भक्त श्रद्धालु गुरु पूर्णिमा के मौके पर ब्रह्म मुहूर्त में ही राम नगरी अयोध्या पहुंच जाते हैं. मां सरयू में स्नान करने के बाद अयोध्या के प्रमुख मंदिरों में श्री राम जन्मभूमि, कनक भवन, नागेश्वरनाथ में भक्तों की भारी भीड़ एकत्र होती है. बीते 2 वर्षों से कोरोना संक्रमण के चलते तमाम पर्व त्योहार बेरौनक रहे हैं. इस वर्ष भी गुरु पूर्णिमा के पर्व पर कोविड-प्रोटोकॉल की छाया नजर आ रही है. जिसको देखते हुए अयोध्या के कई संतो ने अपने भक्तों से अपील की है कि वह अपने घरों में ही गुरु पूर्णिमा का पर्व मनाए.

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