अयोध्याः 70 वर्षों बाद एथलेटिक्स में भारत को स्वर्ण पदक दिलाने वाले नीरज चोपड़ा की जीत पर पूरा देश झूम रहा है. देश के राष्ट्रपति से लेकर प्रधानमंत्री और लगभग सभी राज्यों के मुख्यमंत्री ने भारत के इस लाल को इस बड़ी उपलब्धि के लिए बधाई दी है. नीरज चोपड़ा ने जेवलिन थ्रो में 87.58 मीटर दूरी पर भाला फेंक कर टोक्यो ओलंपिक में भारत को पहला स्वर्ण पदक दिलाया है.
ओलंपिक में 13 वर्ष बाद भारत को स्वर्ण पदक मिला है, लेकिन शायद ही आपको मालूम हो कि भारत को स्वर्ण पदक का तोहफा देने वाले हरियाणा के इस लाल का करीबी रिश्ता राम नगरी अयोध्या से भी रहा है. टोक्यो ओलंपिक में भाला फेंक प्रतियोगिता में भारत को स्वर्ण पदक दिलाने वाले नीरज चोपड़ा आर्मी से जुड़े हैं. मूल रूप से नीरज चोपड़ा हरियाणा के सोनीपत के रहने वाले हैं.
उन्होंने राम नगरी अयोध्या के कुमारगंज क्षेत्र स्थित रामनेवाज सिंह महाविद्यालय से बैचलर ऑफ आर्ट की डिग्री के लिए वर्ष 2015 में एडमिशन लिया था, लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था और नीरज चोपड़ा को देश का नाम रोशन करना था. इसीलिए बीए में एडमिशन लेने के बाद ही नीरज चोपड़ा का चयन भारतीय सेना में हो गया और उन्होंने परीक्षा नहीं दी.
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महाविद्यालय के प्रबंधक मनीष सिंह ने बताया कि नीरज चोपड़ा उनके ही महाविद्यालय के पूर्व छात्र हैं और आज उनकी उपलब्धि पर पूरा महाविद्यालय परिवार गर्व कर रहा है. महाविद्यालय परिवार ने नीरज चोपड़ा को इस उपलब्धि पर बधाई दी है. बता दें कि नीरज चोपड़ा की इस जीत से पूरे देश में जश्न का माहौल है. वहीं केंद्र से लेकर हरियाणा सरकार ने इनामों की झड़ी लगा दी है.