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पीएम मोदी ने श्रीराम के जन्मस्थान पर किया पूजन तो पूरी हुई वर्षों की तपस्या: महंत रामदास

उत्तर प्रदेश के अयोध्या जिले में प्रधानमंत्री मोदी के हाथों राम मंदिर भूमि पूजन का अनुष्ठान संपन्न हुआ. इस बारे में जब ईटीवी भारत के संवाददाता ने हनुमानगढ़ी के महंत रामदास से बात की उन्होंने कहा कि संतों के लिए आज से ही सुखद क्षण शुरू हो गया है.

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हनुमानगढ़ी के महंत से बातचीत
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Published : Aug 6, 2020, 7:39 PM IST

अयोध्या: भगवान राम की जन्मस्थली पर राम मंदिर निर्माण की शुरुआत हो गई है. प्रधानमंत्री के हाथों राम मंदिर भूमि पूजन का अनुष्ठान संपन्न हुआ. वर्षों से भगवान के स्थान पर भव्य मंदिर की आस लगाए संत-महंतों, धर्माचार्यों और राम मंदिर आंदोलन में सक्रिय रहे लोगों का सपना पूरा हो रहा है. भगवान को बिना भोग लगाए भोजन न ग्रहण करने वाले संतों में अब राम मंदिर को लेकर संतोष का भाव है. हनुमानगढ़ी के महंत रामदास ने कहा है कि संतों के लिए आज से ही सुखद क्षण शुरू हो गया है.

हनुमानगढ़ी के महंत से खास बातचीत.

नींव पूजन के बाद रामनगरी में जश्न का माहौल
राम नगरी में राम मंदिर निर्माण की आधारशिला और भूमि पूजन करने आए पीएम ने अपने उद्बोधन में राम नगरी को अघोषित रूप से भव्य बनाने की बात कही. उन्होंने कहा कि प्रभु राम एवं मां सीता का दर्शन करने पूरी दुनिया के लोग यहां आएंगे और क्षेत्र का पूरा अर्थ तंत्र परिवर्तित हो जाएगा. राम नगरी की गणना गरिमा के अनुरूप इसके इस नगर के विकास को पंख लगेंगे. प्रधानमंत्री के स्वागत में पूरे शहर को भव्य रूप से सजाया गया. राम मंदिर अनुष्ठान संपन्न होने के बाद पूरे नगर में जश्न का माहौल बना. राम मंदिर भूमि पूजन और निर्माण कार्य शुरू होने से अयोध्या में उत्साह का माहौल है.

महंत रामदास ने कहा कि देश के कोने-कोने के सभी संत-महंतों की राम मंदिर से आस्था जुड़ी थी. भूमि पूजन के बाद आज से ही हम लोगों के लिए सुखद क्षण है. अयोध्या के तमाम संत-महंत नित्य प्रति राम मंदिर बनाने के लिए अनुष्ठान किया करते थे, जिसके प्रभाव से आज यह क्षण आया है जब भगवान राम के जन्म स्थान पर राम मंदिर का निर्माण किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि ट्रस्ट ने अपने बैनर में भी भूमि पूजन के साथ कार्य कार्य आरंभ की बात लिखी है.

राम मंदिर के लिए 500 वर्षों तक लड़ी लड़ाई
महंत रामदास ने कहा कि भगवान राम के जन्म स्थान पर राम मंदिर निर्माण के लिए लंबा संघर्ष चला. अयोध्या में देश के कोने-कोने से आए कारसेवकों, संत-महंतों ने इस मंदिर के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया, जिसके बाद यह शुभ घड़ी आई. महंत रामदास ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अयोध्या के विकास के लिए संकल्पित हैं. शायद उन्होंने इसीलिए कहा है 'राम काज कीन्हें बिनु मोहि कहां विश्राम'. रामदास ने बताया कि राम जन्मभूमि पर मंदिर भूमि पूजन में देश के कोने-कोने से वैरागी, सन्यासी, संत-महंत, जैन और बौद्ध धर्म के धर्मावलंबी सभी इस अनुष्ठान में पधारे. इससे स्पष्ट हो गया है कि राम मंदिर भारत की आस्था का केंद्र बनेगा. उन्होंने कहा कि सभी धर्मों की आस्था को भगवान राम की जन्म स्थली पर केंद्रित करने की योजना सफल हुई. साथ ही कहा कि सभी पवित्र नदियों पौराणिक स्थलों और देश के कोने-कोने से आई मिट्टी भी इस मंदिर को देश के सभी संस्कृतियों और सभ्यताओं से जोड़ती है.

अयोध्या: भगवान राम की जन्मस्थली पर राम मंदिर निर्माण की शुरुआत हो गई है. प्रधानमंत्री के हाथों राम मंदिर भूमि पूजन का अनुष्ठान संपन्न हुआ. वर्षों से भगवान के स्थान पर भव्य मंदिर की आस लगाए संत-महंतों, धर्माचार्यों और राम मंदिर आंदोलन में सक्रिय रहे लोगों का सपना पूरा हो रहा है. भगवान को बिना भोग लगाए भोजन न ग्रहण करने वाले संतों में अब राम मंदिर को लेकर संतोष का भाव है. हनुमानगढ़ी के महंत रामदास ने कहा है कि संतों के लिए आज से ही सुखद क्षण शुरू हो गया है.

हनुमानगढ़ी के महंत से खास बातचीत.

नींव पूजन के बाद रामनगरी में जश्न का माहौल
राम नगरी में राम मंदिर निर्माण की आधारशिला और भूमि पूजन करने आए पीएम ने अपने उद्बोधन में राम नगरी को अघोषित रूप से भव्य बनाने की बात कही. उन्होंने कहा कि प्रभु राम एवं मां सीता का दर्शन करने पूरी दुनिया के लोग यहां आएंगे और क्षेत्र का पूरा अर्थ तंत्र परिवर्तित हो जाएगा. राम नगरी की गणना गरिमा के अनुरूप इसके इस नगर के विकास को पंख लगेंगे. प्रधानमंत्री के स्वागत में पूरे शहर को भव्य रूप से सजाया गया. राम मंदिर अनुष्ठान संपन्न होने के बाद पूरे नगर में जश्न का माहौल बना. राम मंदिर भूमि पूजन और निर्माण कार्य शुरू होने से अयोध्या में उत्साह का माहौल है.

महंत रामदास ने कहा कि देश के कोने-कोने के सभी संत-महंतों की राम मंदिर से आस्था जुड़ी थी. भूमि पूजन के बाद आज से ही हम लोगों के लिए सुखद क्षण है. अयोध्या के तमाम संत-महंत नित्य प्रति राम मंदिर बनाने के लिए अनुष्ठान किया करते थे, जिसके प्रभाव से आज यह क्षण आया है जब भगवान राम के जन्म स्थान पर राम मंदिर का निर्माण किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि ट्रस्ट ने अपने बैनर में भी भूमि पूजन के साथ कार्य कार्य आरंभ की बात लिखी है.

राम मंदिर के लिए 500 वर्षों तक लड़ी लड़ाई
महंत रामदास ने कहा कि भगवान राम के जन्म स्थान पर राम मंदिर निर्माण के लिए लंबा संघर्ष चला. अयोध्या में देश के कोने-कोने से आए कारसेवकों, संत-महंतों ने इस मंदिर के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया, जिसके बाद यह शुभ घड़ी आई. महंत रामदास ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अयोध्या के विकास के लिए संकल्पित हैं. शायद उन्होंने इसीलिए कहा है 'राम काज कीन्हें बिनु मोहि कहां विश्राम'. रामदास ने बताया कि राम जन्मभूमि पर मंदिर भूमि पूजन में देश के कोने-कोने से वैरागी, सन्यासी, संत-महंत, जैन और बौद्ध धर्म के धर्मावलंबी सभी इस अनुष्ठान में पधारे. इससे स्पष्ट हो गया है कि राम मंदिर भारत की आस्था का केंद्र बनेगा. उन्होंने कहा कि सभी धर्मों की आस्था को भगवान राम की जन्म स्थली पर केंद्रित करने की योजना सफल हुई. साथ ही कहा कि सभी पवित्र नदियों पौराणिक स्थलों और देश के कोने-कोने से आई मिट्टी भी इस मंदिर को देश के सभी संस्कृतियों और सभ्यताओं से जोड़ती है.

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