अयोध्या: राममंदिर निर्माण के साथ किष्किन्धा में हनुमान जी की जन्मस्थली पर भव्य हनुमान मंदिर के लिए अभियान शुरू होगा. इसके लिए पम्पा क्षेत्र से महाशिवरात्रि को रथयात्रा निकलेगी. 12 वर्ष तक रथ यात्रा के जरिए सनातन धर्मियों को हनुमान मंदिर निर्माण के लिए जागरूक किया जाएगा. इसके लिए 6 महीने से 1 वर्ष की अवधि तक भारतवर्ष के विभिन्न राज्यों में किष्किन्धा रथयात्रा की टोलियां भ्रमण करेंगी.
चरण पादुका लेने किष्किंधा से अयोध्या पहुंचे संत गोविंदानंद सरस्वती
संत गोविंदानंद सरस्वती हनुमान जी की जन्मस्थली पर मंदिर निर्माण के लिए भगवान राम के आशीर्वाद स्वरुप चरण पादुका लेने किष्किंधा से अयोध्या पहुंचे. उन्होंने श्रीराम जन्मभूमि में पादुका के विधिवत पूजन और प्राण प्रतिष्ठा के बाद रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास से चरण पादुका प्राप्त की. आचार्य सत्येन्द्र दास ने कहा किष्किन्धा के पम्पासर क्षेत्र से 3 वर्ष पूर्व तरुण राम की मूर्ति आई थी जो रामलला के नए भवन में स्थापित होगी. 3 साल पहले किष्किन्धा के संत गोविंदानंद सरस्वती ने भगवान राम, लक्ष्मण, सीता और हनुमान जी मूर्तियां रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येन्द्र दास के सुपुर्द की थी.
रामलला के दर्शन और फूलमाला चढ़ाने की अनुमति देने की मांग
रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा किष्किन्धा से अयोध्या का अटूट संबंध है. श्रीराम और हनुमान जी के मिलन स्थल पम्पासर में भगवान राम की चरण पादुका स्थापित होगी. हनुमान जी की जन्मस्थली पम्पासुर से पहुंचे संत गोविंदानंद सरस्वती ने बिना जूता चप्पल के रामलला के दर्शन और फूलमाला चढ़ाने की अनुमति देने की मांग की.