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राम नाम जप के साथ अयोध्या में हो रही 14 कोसी परिक्रमा, क्या है परिक्रमा का आध्यात्मिक-वैज्ञानिक लाभ

Ayodhya 14 Kosi Parikrama : अक्षय नवमी तिथि यानी 21 नवंबर के दिन से अयोध्या में परिक्रमा शुरू हुई है जो बुधवार यानी 22 नवंबर तक चलेगी.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Nov 21, 2023, 3:46 PM IST

अयोध्या में 14 कोसी परिक्रमा का महत्व बताते महंत गिरीश पति त्रिपाठी.

अयोध्या: श्री राम नाम जप का संकीर्तन करते हुए इन दिनों लाखों कदम एक साथ रामनगरी अयोध्या के चतुर्दिक परिक्रमा पथ पर अनवरत चल रहे हैं. मानो अयोध्या में पुण्यार्जन करने का एक ऐसा मौका आन पड़ा है, जिसमें हर कोई पुण्य लाभ लेना चाहता है. 14 कोसी परिक्रमा कार्यक्रम को लेकर अयोध्या में लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ पहुंची हुई है.

लगभग 45 किलोमीटर लंबे परिक्रमा पथ पर श्रद्धालु जय श्री राम का उद्घोष करते हुए थकान को भूलकर परिक्रमा कर रहे हैं. यह परिक्रमा बुधवार की सुबह तक अनवर जारी रहेगी. इस बार बीते वर्षों की अपेक्षा परिक्रमा करने वाले श्रद्धालुओं की भीड़ अधिक है.

अयोध्या में परिक्रमा की प्राचीन परंपराः तीन कलश तिवारी मंदिर के महंत और अयोध्या के महापौर गिरीश पति त्रिपाठी ने बताया कि परिक्रमा की प्राचीन परंपरा रही है. 84 कोसी परिक्रमा से मनुष्य 84 लाख योनियों से मुक्ति पा जाता है. 14 कोसी परिक्रमा का तात्पर्य 14 भुवन से मुक्ति है और पंचकोसी परिक्रमा में अयोध्या में स्थित भगवान राम लला के मंदिर समेत प्रमुख मंदिरों की परिक्रमा शामिल है.

परिक्रमा से क्या मिलता हैः परिक्रमा करने से एक आध्यात्मिक शक्ति की प्राप्ति होती है. अयोध्या में राम जन्मभूमि से लेकर गुप्तार घाट तक प्रभु श्री राम ने लीला की है. इसीलिए 14 कोसी परिक्रमा की परिधि में वह सभी स्थान आते हैं जहां भगवान श्री राम ने लीलाएं की हैं और इसी उद्देश्य से 14 कोसी परिक्रमा की जाती है. जिसका केंद्र बिंदु अयोध्या में भगवान श्री राम का जन्म स्थल है और प्रत्येक वर्ष यह परिक्रमा आयोजित की जाती रही है.

परिक्रमा करने का आध्यात्मिक महत्वः परिक्रमा कर रही महिला श्रद्धालु गरिमा सिंह ने बताया कि हमारे पूर्वजों के समय से परिक्रमा करने की परंपरा चली आ रही है. इस परंपरा का हम भी निर्वाह कर रहे हैं इस परिक्रमा को करने से न सिर्फ पुण्य अर्जित होता है, बल्कि आध्यात्मिक के साथ-साथ वैज्ञानिक दृष्टिकोण से शरीर को एक ऊर्जा मिलती है. हमें स्वास्थ्य लाभ भी होता है. अयोध्या में भगवान श्री राम की जन्मस्थली है. इसलिए हम लोग भगवान राम की जन्मस्थली की परिक्रमा के रूप में हर वर्ष इस परिक्रमा में शामिल होते हैं. इस परिक्रमा का धार्मिक और वैज्ञानिक दोनों लाभ है.

जिला प्रशासन ने परिक्रमा के लिए क्या किए हैं इंतजामः कमिश्नर गौरव दयाल की अध्यक्षता में शनिवार की शाम आयुक्त सभागार में परिक्रमा/कार्तिक पूर्णिमा मेला 2023 की समीक्षा की गयी. कमिश्नर ने कहा कि परिक्रमा मार्ग में सुरक्षा मानकों को ध्यान में रखते हुए पर्याप्त मात्रा में मोजो बैरियर/बैरिकेटिंग की जाए और भीड़ नियंत्रण के लिए पर्याप्त मात्रा में होल्डिंग एरिया भी हो जिससे कि परिक्रमार्थियों को किसी भी प्रकार की असुविधा न होने पाये.

उन्होंने कहा कि प्रशासन व पुलिस विभाग के संयुक्त भ्रमण में जो-जो कमियां पाई गई हैं, उन्हें सबंधित विभाग तत्काल दुरुस्त कराये. साफ सफाई की व्यवस्था बेहतर ढंग से की जाए तथा सुरक्षा मानकों का भी ध्यान रखा जाए. अयोध्या में बड़ी संख्या में श्रद्धालुआ रहे है जिसके दृष्टिगत अयोध्या की छवि के अनुरूप सुन्दर बनाया जाए और मूलभूत सफाई व्यवस्था अच्छी हों. अतिरिक्त रेल और बसों के लिए परिवहन विभाग व रेलवे को निर्देशित किया गया है.

सामान्य कपड़ों में पुलिस बन रही भीड़ का हिस्साः वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राजकरन नैय्यर ने बताया कि रेलवे क्रॉसिंग के पास ऐसी व्यवस्था की गई है कि रेलवे विभाग के समन्वय से जल्द से जल्द गाड़ियां क्रॉस हों और यात्रियों को सूचना के लिए पब्लिक एड्रेस सिस्टम लगाया गया है. एसएसपी ने बताया कि इस बार सुरक्षा के बेहद कड़े प्रबंध किए गए हैं. भीड़ के बीच में शादी वर्दी में भी पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया है.

इसके अलावा महिलाओं के साथ छेड़छाड़ करने वाले लोगों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे इसके लिए भीड़ के बीच सुरक्षा से जुड़े जवान लगे हुए हैं. सिविल पुलिस के अलावा सीआरपीएफ, पीएसी, एलआईयू और एटीएस के जवानों को तैनात किया गया है. जनपद में जो फोर्स मौजूद है, उसके अलावा अन्य जनपदों से भी फोर्स मंगाई गई है, जिससे पर्याप्त मात्रा में श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए फोर्स उपलब्ध हो.

रात 10 बजे से ही शुरू हो गई परिक्रमाः 14 कोसी परिक्रमा अपने निर्धारित मुहूर्त से करीब चार घंटे पहले ही शुरू हो गई. 14 कोसी परिक्रमा 21 नवम्बर 2023 को अक्षय नवमी तिथि पर नवम्बर 2022 की रात्रि 02ः09 बजे से प्रारम्भ होकर 21 नवम्बर 2023 की रात्रि 11:38 बजे तक रहेगी. इसके अलावा पंचकोसी परिक्रमा/एकादशी 22 नवम्बर 2023 को रात्रि 09:25 बजे से प्रारम्भ होकर 23 नवम्बर 2023 को सायं 07:21 बजे तक रहेगी. वहीं कार्तिक पूर्णिमा स्नान दिनांक 26 नवम्बर 2023 को दोपहर 03ः11 बजे से प्रारम्भ होकर 27 नवम्बर 2023 को दोपहर 02:36 बजे तक आयोजित होगा.

ये भी पढ़ेंः प्राण प्रतिष्ठा से पहले ढोल-नगाड़ों की धुन पर झूम उठी राम नगरी, नागपुर से पहुंचे कलाकार, देखें वीडियो

अयोध्या में 14 कोसी परिक्रमा का महत्व बताते महंत गिरीश पति त्रिपाठी.

अयोध्या: श्री राम नाम जप का संकीर्तन करते हुए इन दिनों लाखों कदम एक साथ रामनगरी अयोध्या के चतुर्दिक परिक्रमा पथ पर अनवरत चल रहे हैं. मानो अयोध्या में पुण्यार्जन करने का एक ऐसा मौका आन पड़ा है, जिसमें हर कोई पुण्य लाभ लेना चाहता है. 14 कोसी परिक्रमा कार्यक्रम को लेकर अयोध्या में लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ पहुंची हुई है.

लगभग 45 किलोमीटर लंबे परिक्रमा पथ पर श्रद्धालु जय श्री राम का उद्घोष करते हुए थकान को भूलकर परिक्रमा कर रहे हैं. यह परिक्रमा बुधवार की सुबह तक अनवर जारी रहेगी. इस बार बीते वर्षों की अपेक्षा परिक्रमा करने वाले श्रद्धालुओं की भीड़ अधिक है.

अयोध्या में परिक्रमा की प्राचीन परंपराः तीन कलश तिवारी मंदिर के महंत और अयोध्या के महापौर गिरीश पति त्रिपाठी ने बताया कि परिक्रमा की प्राचीन परंपरा रही है. 84 कोसी परिक्रमा से मनुष्य 84 लाख योनियों से मुक्ति पा जाता है. 14 कोसी परिक्रमा का तात्पर्य 14 भुवन से मुक्ति है और पंचकोसी परिक्रमा में अयोध्या में स्थित भगवान राम लला के मंदिर समेत प्रमुख मंदिरों की परिक्रमा शामिल है.

परिक्रमा से क्या मिलता हैः परिक्रमा करने से एक आध्यात्मिक शक्ति की प्राप्ति होती है. अयोध्या में राम जन्मभूमि से लेकर गुप्तार घाट तक प्रभु श्री राम ने लीला की है. इसीलिए 14 कोसी परिक्रमा की परिधि में वह सभी स्थान आते हैं जहां भगवान श्री राम ने लीलाएं की हैं और इसी उद्देश्य से 14 कोसी परिक्रमा की जाती है. जिसका केंद्र बिंदु अयोध्या में भगवान श्री राम का जन्म स्थल है और प्रत्येक वर्ष यह परिक्रमा आयोजित की जाती रही है.

परिक्रमा करने का आध्यात्मिक महत्वः परिक्रमा कर रही महिला श्रद्धालु गरिमा सिंह ने बताया कि हमारे पूर्वजों के समय से परिक्रमा करने की परंपरा चली आ रही है. इस परंपरा का हम भी निर्वाह कर रहे हैं इस परिक्रमा को करने से न सिर्फ पुण्य अर्जित होता है, बल्कि आध्यात्मिक के साथ-साथ वैज्ञानिक दृष्टिकोण से शरीर को एक ऊर्जा मिलती है. हमें स्वास्थ्य लाभ भी होता है. अयोध्या में भगवान श्री राम की जन्मस्थली है. इसलिए हम लोग भगवान राम की जन्मस्थली की परिक्रमा के रूप में हर वर्ष इस परिक्रमा में शामिल होते हैं. इस परिक्रमा का धार्मिक और वैज्ञानिक दोनों लाभ है.

जिला प्रशासन ने परिक्रमा के लिए क्या किए हैं इंतजामः कमिश्नर गौरव दयाल की अध्यक्षता में शनिवार की शाम आयुक्त सभागार में परिक्रमा/कार्तिक पूर्णिमा मेला 2023 की समीक्षा की गयी. कमिश्नर ने कहा कि परिक्रमा मार्ग में सुरक्षा मानकों को ध्यान में रखते हुए पर्याप्त मात्रा में मोजो बैरियर/बैरिकेटिंग की जाए और भीड़ नियंत्रण के लिए पर्याप्त मात्रा में होल्डिंग एरिया भी हो जिससे कि परिक्रमार्थियों को किसी भी प्रकार की असुविधा न होने पाये.

उन्होंने कहा कि प्रशासन व पुलिस विभाग के संयुक्त भ्रमण में जो-जो कमियां पाई गई हैं, उन्हें सबंधित विभाग तत्काल दुरुस्त कराये. साफ सफाई की व्यवस्था बेहतर ढंग से की जाए तथा सुरक्षा मानकों का भी ध्यान रखा जाए. अयोध्या में बड़ी संख्या में श्रद्धालुआ रहे है जिसके दृष्टिगत अयोध्या की छवि के अनुरूप सुन्दर बनाया जाए और मूलभूत सफाई व्यवस्था अच्छी हों. अतिरिक्त रेल और बसों के लिए परिवहन विभाग व रेलवे को निर्देशित किया गया है.

सामान्य कपड़ों में पुलिस बन रही भीड़ का हिस्साः वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राजकरन नैय्यर ने बताया कि रेलवे क्रॉसिंग के पास ऐसी व्यवस्था की गई है कि रेलवे विभाग के समन्वय से जल्द से जल्द गाड़ियां क्रॉस हों और यात्रियों को सूचना के लिए पब्लिक एड्रेस सिस्टम लगाया गया है. एसएसपी ने बताया कि इस बार सुरक्षा के बेहद कड़े प्रबंध किए गए हैं. भीड़ के बीच में शादी वर्दी में भी पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया है.

इसके अलावा महिलाओं के साथ छेड़छाड़ करने वाले लोगों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे इसके लिए भीड़ के बीच सुरक्षा से जुड़े जवान लगे हुए हैं. सिविल पुलिस के अलावा सीआरपीएफ, पीएसी, एलआईयू और एटीएस के जवानों को तैनात किया गया है. जनपद में जो फोर्स मौजूद है, उसके अलावा अन्य जनपदों से भी फोर्स मंगाई गई है, जिससे पर्याप्त मात्रा में श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए फोर्स उपलब्ध हो.

रात 10 बजे से ही शुरू हो गई परिक्रमाः 14 कोसी परिक्रमा अपने निर्धारित मुहूर्त से करीब चार घंटे पहले ही शुरू हो गई. 14 कोसी परिक्रमा 21 नवम्बर 2023 को अक्षय नवमी तिथि पर नवम्बर 2022 की रात्रि 02ः09 बजे से प्रारम्भ होकर 21 नवम्बर 2023 की रात्रि 11:38 बजे तक रहेगी. इसके अलावा पंचकोसी परिक्रमा/एकादशी 22 नवम्बर 2023 को रात्रि 09:25 बजे से प्रारम्भ होकर 23 नवम्बर 2023 को सायं 07:21 बजे तक रहेगी. वहीं कार्तिक पूर्णिमा स्नान दिनांक 26 नवम्बर 2023 को दोपहर 03ः11 बजे से प्रारम्भ होकर 27 नवम्बर 2023 को दोपहर 02:36 बजे तक आयोजित होगा.

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