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रिव्यू पिटीशन की नहीं थी जरूरत, सुप्रीम कोर्ट ने अलगाववादी लोगों को दिखाया आइना: आचार्य सतेंद्र दास

अयोध्या श्री राम जन्मभूमि मामले में सुप्रीम कोर्ट ने रिव्यू पिटीशन को खारिज कर दिया. इस मामले पर श्री राम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सतेंद्र दास ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का स्वागत करता हूं. उन्होंने कहा कि रिव्यू पिटीशन की कोई जरूरत ही नहीं थी.

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श्री राम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सतेंद्र दास.
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Published : Dec 12, 2019, 7:50 PM IST

अयोध्या: श्री राम जन्मभूमि मामले में गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने रिव्यू पिटीशन को खारिज कर दिया. इस मामले पर श्री राम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सतेंद्र दास ने ईटीवी भारत से विशेष बातचीत की. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट को धन्यवाद दिया. साथ ही कहा कि यदि याचिका स्वीकार होती तो शांति प्रक्रिया में अड़चन आती.

श्री राम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सतेंद्र दास.

समय की बर्बादी थी रिव्यू पिटीशन
सतेंद्र दास का कहना है कि इस रिव्यू पिटीशन का कोई मतलब नहीं है. इससे समय की बर्बादी होती. मैं सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का स्वागत करता हूं. उन्होंने कहा कि रिव्यू पिटीशन दाखिल करने वाले नहीं चाहते थे कि देश मे शांति कायम रहे. यह मंदिर-मस्जिद की लड़ाई नहीं महज जिद की लड़ाई थी. ये लोग दुकान चलाना चाहते थे. हम चाहते थे कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले को बेहतर मानते हुए आगे बढ़ें.

इसे भी पढ़ें:- यूपी विधान परिषद के पूर्व सदस्य अवैध हथियार के साथ रांची में गिरफ्तार

अयोध्या: श्री राम जन्मभूमि मामले में गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने रिव्यू पिटीशन को खारिज कर दिया. इस मामले पर श्री राम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सतेंद्र दास ने ईटीवी भारत से विशेष बातचीत की. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट को धन्यवाद दिया. साथ ही कहा कि यदि याचिका स्वीकार होती तो शांति प्रक्रिया में अड़चन आती.

श्री राम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सतेंद्र दास.

समय की बर्बादी थी रिव्यू पिटीशन
सतेंद्र दास का कहना है कि इस रिव्यू पिटीशन का कोई मतलब नहीं है. इससे समय की बर्बादी होती. मैं सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का स्वागत करता हूं. उन्होंने कहा कि रिव्यू पिटीशन दाखिल करने वाले नहीं चाहते थे कि देश मे शांति कायम रहे. यह मंदिर-मस्जिद की लड़ाई नहीं महज जिद की लड़ाई थी. ये लोग दुकान चलाना चाहते थे. हम चाहते थे कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले को बेहतर मानते हुए आगे बढ़ें.

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Intro:अयोध्या. श्री राम जन्मभूमि मामले में 9 नवंबर 2019 को जिस तरह से फैसला आया उसका सभी ने खुलकर के स्वागत किया हिंदू पक्षकार मुस्लिम पक्षकार सभी ने एक मन से स्वागत किया लेकिन इसमें कुछ ऐसे लोग भी रहे जिन्होंने उस फैसले को गलत बताते हुए अपनी दुकान और अपनी व्यक्तिगत राजनीति चलाने के लिए रिव्यू पिटिशन दाखिल किया आज सुप्रीम कोर्ट ने उसी रिव्यू पर सुनवाई के दौरान उसे खारिज कर दिया जिसके बाद संतो की अयोध्या से प्रतिक्रिया सामने आयी है।
Body:वही श्री राम जन्मभूमि मंदिर के मुख्यपुजारी आचार्य सतेंद्र दास ने ईटीवी भारत से विशेष बातचीत के दौरान कहा कि, सुप्रीम कोर्ट को धन्यवाद, यदि याचिका स्वीकार होती तो शांति प्रक्रिया में दिक्कत आती।कोर्ट ने बुहत सोचा कि इसका कोई मतलब नही।इससे समय की बर्बादी होती,सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का स्वागत है। वह नही चाहते थे देश मे शांति हो,मंदिर मस्जिद की लड़ाई नही महज जिद की लड़ाई थी। यह लोग दुकान चलाना चाहते थे, इन्हें लगा फिर से लंबा खींचेगा। जो 70 वर्षो बाद लोवर कोर्ट से सुप्रीम कोर्ट तक चला था। जिसका सुप्रीम कोर्ट ने फैसला किया था। फिर भी लोग रिव्यू में गए ,हिन्दू मुस्लिम दोनो गए, हम चाहते थे कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले को बेहतर मानते हुए आगे बढ़े अब आगे जाने की जरूरत नही है।
 
Byte-आचार्य सतेंद्र दास-मुख्यपुजारी श्री Conclusion:दिनेश मिश्रा
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