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वृद्धा आश्रम में दर्द भरे दिन काट रहीं बूढ़ी मां, पथराई आंखें कर रहीं बेटों के आने का इंतजार - auraiya news

उत्तर प्रदेश के औरेया में एक बूढ़ी मां वृद्धा आश्रम में रह रही हैं. ईटीवी भारत ने जब बूढ़ी मां से बातचीत की तो उन्होंने अपना दर्द ईटीवी भारत को सुनाया.

ईटीवी भारत से बातचीत करतीं बूढ़ी मां.
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Published : Sep 30, 2019, 8:56 PM IST

Updated : Sep 10, 2020, 12:17 PM IST

औरेया: जिले में वृद्धा आश्रम में एक बूढ़ी मां बेटों के सहारे के बिना लाचार हैं. बूढ़ी मां वृद्धा आश्रम में रह रही हैं और उनके बेटे अपनी बूढ़ी मां से मिलने तक नहीं आते हैं. ईटीवी भारत ने जब बूढ़ी मां से बात की तो उन्होंने कहा कि मेरे बेटे और बहू कभी मुझसे मिलने नहीं आते हैं.

ईटीवी भारत से बातचीत करतीं पीड़ित बूढ़ी मां.

जानें बूढ़ी मां की दर्द भरी दास्तां

  • नवरात्र के पावन महीने में जहां एक ओर माता के पंडालों को सजाया जा रहा है.
  • वहीं एक ओर औरैया जिले में एक बूढ़ी को अपने बेटों के सहारे के बिना वृद्धा आश्रम में रहना पड़ रहा है.
  • ईटीवी भारत ने जब बूढ़ी मां से बात की तो उन्होंने कहा कि मेरे बेटे मुझसे मिलने नहीं आते हैं.
  • वृद्धा आश्रम में मेरी बेटी, दामाद और भतीजा मिलने आते हैं.
  • बूढ़ी मां आज भी वृद्धा आश्रम में अपने बेटों के इंतजार में बैठी हैं.

वहीं वृद्धाश्रम में रही बूढ़ी मां राजरानी से जब ईटीवी भारत ने बात की और जाना कि आखिर किन हालातों में उन्हें वृद्धा आश्रम का सहारा लेना पड़ा तो नम आंखों ने वो सब बयां कर दिया जो एक बेटे को जन्म देने वाली मां को उम्मीद भी नहीं होती है. फिलहाल वृद्धा आश्रम में रह रहे कुछ ऐसे लोग हैं, जिनका इस दुनिया में अपना कहने के लिए कोई नहीं है.

औरेया: जिले में वृद्धा आश्रम में एक बूढ़ी मां बेटों के सहारे के बिना लाचार हैं. बूढ़ी मां वृद्धा आश्रम में रह रही हैं और उनके बेटे अपनी बूढ़ी मां से मिलने तक नहीं आते हैं. ईटीवी भारत ने जब बूढ़ी मां से बात की तो उन्होंने कहा कि मेरे बेटे और बहू कभी मुझसे मिलने नहीं आते हैं.

ईटीवी भारत से बातचीत करतीं पीड़ित बूढ़ी मां.

जानें बूढ़ी मां की दर्द भरी दास्तां

  • नवरात्र के पावन महीने में जहां एक ओर माता के पंडालों को सजाया जा रहा है.
  • वहीं एक ओर औरैया जिले में एक बूढ़ी को अपने बेटों के सहारे के बिना वृद्धा आश्रम में रहना पड़ रहा है.
  • ईटीवी भारत ने जब बूढ़ी मां से बात की तो उन्होंने कहा कि मेरे बेटे मुझसे मिलने नहीं आते हैं.
  • वृद्धा आश्रम में मेरी बेटी, दामाद और भतीजा मिलने आते हैं.
  • बूढ़ी मां आज भी वृद्धा आश्रम में अपने बेटों के इंतजार में बैठी हैं.

वहीं वृद्धाश्रम में रही बूढ़ी मां राजरानी से जब ईटीवी भारत ने बात की और जाना कि आखिर किन हालातों में उन्हें वृद्धा आश्रम का सहारा लेना पड़ा तो नम आंखों ने वो सब बयां कर दिया जो एक बेटे को जन्म देने वाली मां को उम्मीद भी नहीं होती है. फिलहाल वृद्धा आश्रम में रह रहे कुछ ऐसे लोग हैं, जिनका इस दुनिया में अपना कहने के लिए कोई नहीं है.

Intro:स्पेशल स्टोरी
एंकर--पूत कपूत सुने हैं पर न माता सुनी कुमाता जी हाँ ये चंद शब्द महज शब्द ही नहीं बल्कि आज के शिक्षित समाज के मुंह पर वो करारा तमाचा है जिसे बयां करना भी शर्मनाक सा लगता है।जहां एक ओर नवरात्र की शुरुआती दौर में जगह जगह माता के पंडालों को सजाया जा रहा है भजन कीर्तन करके माँ खुश करने के प्रयास किये जा रहे हैं वहीं दूसरी ओर जन्म देने वाली मां बुढापे के उस दौर में बेटे सहारे के बिना लाचार बनी हुई है।और वह वृद्ध आश्रम का आश्रय लिए हुए हैं।


Body:ईटीवी भारत ने जब नवरात्र के इस पावन पर्व पर जन्म देने वाली माँ की भी सुध लेनी चाही जो आज वृद्ध आश्रम में अपने बेटों के इंतज़ार में आस लगाए हैं की शायद आज उनका बेटा उनसे कहे कि मां घर चल तेरे बिना घर सूना लग रहा है।


Conclusion:वहीं वृद्धा आश्रम में रही माँ से जब हमने बात की और जाना कि आखिर किन हालातों में उन्हें वृद्ध आश्रम का सहारा लेना पड़ा तो नम आंखों ने वो सब बयां कर दिया जो एक बेटे को जन्म देने वाली मां के साथ नहीं करना चाहिए फिलहाल वृद्ध आश्रम में रह रहे कुछ ऐसे भी लोग हैं जिनका इस दुनिया में अपना कहने के लिए कोई नहीं लेकिन जिनके जवान बेटों ने मां के उस उपकार को भुला कर वृद्ध आश्रम का रास्ता दिखाया ये खबर उनके लिए एक सबब हैं।

बाइट--राजरानी वृद्धा आश्रम का सहारा लिए जानकारी देती।
Last Updated : Sep 10, 2020, 12:17 PM IST
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