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साधना गुप्ता और मुलायम सिंह की लव स्टोरी, अस्पताल से शुरू और अस्पताल में ही खत्म

समाजवादी पार्टी के संस्थापक और पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव का गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में निधन हो गया. 9 जुलाई को उनकी पत्नी साधना गुप्ता का भी इसी अस्पताल में निधन हुआ था. इत्तेफाक की बात यह है कि अस्पताल से ही दोनों की प्रेम कहानी शुरू हुई थी और अस्पताल में ही खत्म हो गई. पढ़िए मुलायम और साधना की रोमांचक लव स्टोरी की कहानी..

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साधना गुप्ता और मुलायम सिंह
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Published : Oct 10, 2022, 8:29 PM IST

औरैयाः उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी संस्थापक मुलायम सिंह यादव का सोमवार को निधन हो गया. आज 40 साल पुराने मुलायम सिंह व साधना गुप्ता की प्रेम कहानी का अंत उसी अस्पताल में हो गया. आज से तकरीबन 90 दिन पहले साधना गुप्ता ने अंतिम सांस ली थी. दरअसल, गुरुग्राम के मेदांता हॉस्पिटल में ही साधना गुप्ता की भी मौत हुई थी और यहीं नेताजी ने भी अंतिम सांस ली. मुलायम सिंह यादव के दिल के तार और औरैया से 40 साल पहले से जुड़े हुए थे, क्योंकि उनकी दूसरी पत्नी साधना गुप्ता औरैया जिले के बिधूना क्षेत्र की रहने वाली थी.

40 साल पहले ऐसे शुरू हुई थी साधना और मुलायम की प्रेम कहानी
सन 1982 में देश में कांग्रेस टूट रही थी और प्रदेश में पिछड़ा वर्ग, खासकर यादवों का दबदबा बढ़ रहा था. मुलायम सिंह यादव तब राष्ट्रीय लोकदल के नेता होने के चलते सबसे ज्यादा चर्चा में थे. इसी समय औरैया जिले के बिधूना के रहने वाले कमलापति की बेटी साधना गुप्ता(23) नर्सिंग की ट्रेनिंग कर रही थी. वह भी राजनीति में कुछ करना चाहती थी, जिसकी वजह से वह राजनीतिक कार्यक्रमों में आती-जाती रहती थी. इसी दौरान मुलायम और साधना की नजर से नजर मिली और देखते ही देखते दोनों में प्यार हो गया. तब क्या हुआ और क्या नहीं ये सिर्फ अमर सिंह जानते था, लेकिन अब वह नहीं रहे.

साधना और मुलायम सिंह की लव स्टोरी के बारे में जानकारी देते हुए संवाददाता भानु प्रताप सिंह

मुलायम की इस कहानी के कुछ पन्ने जर्नलिस्ट व राइटर सुनीता एरोन ने खोले थे. उन्होंने अखिलेश यादव की बायोग्राफी 'बदलाव की लहर' लिखी थी, जिसमें कुछ पन्ने उन्होंने मुलायम की लव स्टोरी पर लिखे थे. सुनीता एरोन के मुताबिक, 'शुरुआत में साधना और मुलायम की आम मुलाकातें हुईं. मुलायम की मां मूर्ति देवी बीमार रहती थी. इस दौरान साधना ने लखनऊ के एक नर्सिंग होम और बाद में सैफई मेडिकल कॉलेज में इलाज के दौरान मूर्ति देवी की देखभाल की.'

गलत इंजेक्शन लगाने से मना करने पर इंप्रेस हुए थे मुलायम
सुनीता ऐरॉन लिखती हैं कि 'मेडिकल कॉलेज में एक नर्स मूर्ति देवी को गलत इंजेक्शन लगाने जा रही थी. इस समय साधना वहां मौजूद थी और उन्होंने नर्स को ऐसा करने से रोक दिया था. साधना की वजह से ही मूर्ति देवी की जिंदगी बची थी.' इससे मुलायम सिंह साधना से इम्प्रेस हो गए और दोनों के बीच रिलेशनशिप शुरू हो गई. तब अखिलेश यादव स्कूल में स्टूडेंट थे. दरअसल, साधना खुद नर्स रही हैं. उन्होंने शुरुआती दिनों में कुछ दिनों तक नर्सिंग होम में काम भी किया है इसलिए उन्हें इंजेक्शन का आइडिया था.

साधना के मिलते ही सीएम बने थे मुलायम
वहीं, कुछ लोग ये भी कहते हैं कि सच तो ये है कि सही तरीके से मुलायम की जिंदगी में साधना गुप्ता सन 1988 में आईं और 1989 में मुलायम यूपी के मुख्यमंत्री बन गए, तब से वे साधना को लकी मानने लगे. पूरे परिवार को बात पता थी, लेकिन उसे जाहिर कोई नहीं करता था. अब जब सब कुछ सामने आ ही रहा था, तब 2007 में मुलायम ने अपने खिलाफ चल रहे आय से अधिक संपत्ति वाले केस में सुप्रीम कोर्ट में एक शपथपत्र दिया, जिसमें लिखा था कि 'मैं स्वीकार करता हूं कि साधना गुप्ता मेरी पत्नी और प्रतीक मेरा बेटा है.' दोनों के बीच कई सालों तक चले इस चोरी छिपे के खेल को खत्म कर 23 मई 2003 को मुलायम ने साधना को अपनी पत्नी का दर्जा दिया था.

साधना के निधन से बाद से बिगड़ने लगा था मुलायम का स्वास्थ्य
09 जुलाई 2022 को गुरुग्राम के इसी मेदांता अस्पताल में फेफड़ों में संक्रमण के चलते साधना ने अंतिम सांस ली थी. करीब 90 दिन बाद आज सुबह 8 बजकर 16 मिनट पर मुलायम सिंह यादव ने भी इसी अस्पताल से अंतिम सांस ली. गौरतलब है कि 9 जुलाई 2022 को साधना की मौत के बाद से ही मुलायम सिंह यादव का स्वास्थ्य भी बिगड़ने लगा था.

पढ़ेंः पार्थिव शरीर पहुंचते ही सैफई में गूंजा नारा, जब तक सूरज चांद रहेगा, नेताजी का नाम रहेगा

औरैयाः उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी संस्थापक मुलायम सिंह यादव का सोमवार को निधन हो गया. आज 40 साल पुराने मुलायम सिंह व साधना गुप्ता की प्रेम कहानी का अंत उसी अस्पताल में हो गया. आज से तकरीबन 90 दिन पहले साधना गुप्ता ने अंतिम सांस ली थी. दरअसल, गुरुग्राम के मेदांता हॉस्पिटल में ही साधना गुप्ता की भी मौत हुई थी और यहीं नेताजी ने भी अंतिम सांस ली. मुलायम सिंह यादव के दिल के तार और औरैया से 40 साल पहले से जुड़े हुए थे, क्योंकि उनकी दूसरी पत्नी साधना गुप्ता औरैया जिले के बिधूना क्षेत्र की रहने वाली थी.

40 साल पहले ऐसे शुरू हुई थी साधना और मुलायम की प्रेम कहानी
सन 1982 में देश में कांग्रेस टूट रही थी और प्रदेश में पिछड़ा वर्ग, खासकर यादवों का दबदबा बढ़ रहा था. मुलायम सिंह यादव तब राष्ट्रीय लोकदल के नेता होने के चलते सबसे ज्यादा चर्चा में थे. इसी समय औरैया जिले के बिधूना के रहने वाले कमलापति की बेटी साधना गुप्ता(23) नर्सिंग की ट्रेनिंग कर रही थी. वह भी राजनीति में कुछ करना चाहती थी, जिसकी वजह से वह राजनीतिक कार्यक्रमों में आती-जाती रहती थी. इसी दौरान मुलायम और साधना की नजर से नजर मिली और देखते ही देखते दोनों में प्यार हो गया. तब क्या हुआ और क्या नहीं ये सिर्फ अमर सिंह जानते था, लेकिन अब वह नहीं रहे.

साधना और मुलायम सिंह की लव स्टोरी के बारे में जानकारी देते हुए संवाददाता भानु प्रताप सिंह

मुलायम की इस कहानी के कुछ पन्ने जर्नलिस्ट व राइटर सुनीता एरोन ने खोले थे. उन्होंने अखिलेश यादव की बायोग्राफी 'बदलाव की लहर' लिखी थी, जिसमें कुछ पन्ने उन्होंने मुलायम की लव स्टोरी पर लिखे थे. सुनीता एरोन के मुताबिक, 'शुरुआत में साधना और मुलायम की आम मुलाकातें हुईं. मुलायम की मां मूर्ति देवी बीमार रहती थी. इस दौरान साधना ने लखनऊ के एक नर्सिंग होम और बाद में सैफई मेडिकल कॉलेज में इलाज के दौरान मूर्ति देवी की देखभाल की.'

गलत इंजेक्शन लगाने से मना करने पर इंप्रेस हुए थे मुलायम
सुनीता ऐरॉन लिखती हैं कि 'मेडिकल कॉलेज में एक नर्स मूर्ति देवी को गलत इंजेक्शन लगाने जा रही थी. इस समय साधना वहां मौजूद थी और उन्होंने नर्स को ऐसा करने से रोक दिया था. साधना की वजह से ही मूर्ति देवी की जिंदगी बची थी.' इससे मुलायम सिंह साधना से इम्प्रेस हो गए और दोनों के बीच रिलेशनशिप शुरू हो गई. तब अखिलेश यादव स्कूल में स्टूडेंट थे. दरअसल, साधना खुद नर्स रही हैं. उन्होंने शुरुआती दिनों में कुछ दिनों तक नर्सिंग होम में काम भी किया है इसलिए उन्हें इंजेक्शन का आइडिया था.

साधना के मिलते ही सीएम बने थे मुलायम
वहीं, कुछ लोग ये भी कहते हैं कि सच तो ये है कि सही तरीके से मुलायम की जिंदगी में साधना गुप्ता सन 1988 में आईं और 1989 में मुलायम यूपी के मुख्यमंत्री बन गए, तब से वे साधना को लकी मानने लगे. पूरे परिवार को बात पता थी, लेकिन उसे जाहिर कोई नहीं करता था. अब जब सब कुछ सामने आ ही रहा था, तब 2007 में मुलायम ने अपने खिलाफ चल रहे आय से अधिक संपत्ति वाले केस में सुप्रीम कोर्ट में एक शपथपत्र दिया, जिसमें लिखा था कि 'मैं स्वीकार करता हूं कि साधना गुप्ता मेरी पत्नी और प्रतीक मेरा बेटा है.' दोनों के बीच कई सालों तक चले इस चोरी छिपे के खेल को खत्म कर 23 मई 2003 को मुलायम ने साधना को अपनी पत्नी का दर्जा दिया था.

साधना के निधन से बाद से बिगड़ने लगा था मुलायम का स्वास्थ्य
09 जुलाई 2022 को गुरुग्राम के इसी मेदांता अस्पताल में फेफड़ों में संक्रमण के चलते साधना ने अंतिम सांस ली थी. करीब 90 दिन बाद आज सुबह 8 बजकर 16 मिनट पर मुलायम सिंह यादव ने भी इसी अस्पताल से अंतिम सांस ली. गौरतलब है कि 9 जुलाई 2022 को साधना की मौत के बाद से ही मुलायम सिंह यादव का स्वास्थ्य भी बिगड़ने लगा था.

पढ़ेंः पार्थिव शरीर पहुंचते ही सैफई में गूंजा नारा, जब तक सूरज चांद रहेगा, नेताजी का नाम रहेगा

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