औरैया: जिला पुलिस ने दस साल पहले मृत हुई महिला को झगड़े के मामले में आरोपी बनाकर जेल भेज दिया. मामले का खुलासा उस वक्त हुआ जब जमानत के लिए महिला को पुकारा गया. तब इस मामले से पर्दा उठा कि जिस महिला को झगड़े के आरोप में पुलिस ने जेल भेजा है, उसकी तो दस साल पहले ही मृत्यु हो चुकी है.
शुक्रवार शाम को उमरैन निवासी ठेले पर मूंगफली बेचने वाले विजयपाल वाथम के आवासीय प्लाट पर उमरैन के ही कुछ दबंगों ने प्लॉट पर रखे सामान को उठाकर फेंक दिया. प्लॉट पर खाना बनाने के लिए रखे गोबर के कंडे के ढेर में कब्जे की नीयत से उस समय आग लगा दी थी. विजयपाल को पुलिस ने दबंगों द्वारा लगाए गए झूठे आरोप के बाद पकड़कर हवालात में बंद कर दिया था.
शनिवार को ऐरवाकटरा थानाध्यक्ष अखिलेश जायसवाल ने विजयपाल बाथम के साथ ही उसकी पत्नी मिथलेश कुमारी को भी आरोपी बनाया और शांतिभंग में दोनों का चालान कर दिया. दोनों पक्ष के आरोपियों को पुलिस द्वारा उपजिलाधिकारी बिधूना के सामने पेश किया गया. जब उपजिलाधिकारी के पेशकार ने मिथलेश कुमारी को न्यायालय में हाजिर होने के लिए आवाज लगाई, लेकिन कई बार आवाज लगाने के बाबजूद भी मिथलेश कुमारी न्यायालय में हाजिर नहीं हुई.
महिला के पति विजयपाल बाथम को आवाज लगाई गई. विजयपाल बाथम न्यायालय में उपस्थित हुआ. तब उससे मजिस्ट्रेट ने पूछा कि इतनी देर से मिथलेश कुमारी के नाम की आवाज लगाई जा रही है, लेकिन वह हाजिर क्यों नहीं हो रही. इस पर मिथलेश कुमारी के पति विजयपाल बाथम ने मजिस्ट्रेट को बताया कि साहब आपकी आवाज स्वर्ग तक नहीं पहुंच पा रही, शायद इसीलिए मिथलेश कुमारी हाजिर नहीं हो पा रही.
यह सुनकर मजिस्ट्रेट सहित पूरे न्यायालय कक्ष में सन्नाटा छा गया. मजिस्ट्रेट ने विजयपाल बाथम को पूरा माजरा बताने को कहा. उसने बताया कि मेरी पत्नी को पुलिस ने मारपीट के मामले में आरोपी बनाया है, जबकि उसकी मृत्यु वर्ष 2010 में ही हो चुकी है. यह सुनकर मजिस्ट्रेट सन्न रह गए. उन्होंने मौजूद पुलिसकर्मियों को जमकर फटकारा. मजिस्ट्रेट की जांच से डरे सहमे पुलिसकर्मी मजिस्ट्रेट कक्ष से बाहर निकल आये.
इस मामले में सीओ बिधूना मुकेश प्रताप सिंह ने बताया कि त्रुटि के कारण मृत महिला के नाम पर शांति भंग का चालान किया गया है. मामले की जांच की जा रही है. मामले में जो भी दोषी पाया जाएगा उसके विरुद्ध कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी.