अमेठी: जिले में 12 वर्षीय दिव्यांग बालिका चंदा के परिजन प्रदेश सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं. उनकी मांग है कि चंदा को ट्राई साइकिल मुहैया करायी जाए. इतना ही नहीं, वे सांसद स्मृति ईरानी की तरफ भी मदद की आस में देख रहे हैं.
प्रदेश सरकार दिव्यांगों को सशक्त बनाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है. दिव्यांगों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सरकार उन्हें कृत्रिम उपकरण भी मुहैया करा रही है, लेकिन सूबे में ऐसे भी दिव्यांग हैं, जो सरकार के इस उपहार से अछूते हैं. उन तक अब भी कोई राजनीतिक और प्रशासनिक मदद नहीं पहुंची है. इन दिव्यांगों के परिजन आज भी सरकार और प्रशासन की तरफ आशा भरी नजरों से देख रहे हैं.
इसी कड़ी में अमेठी के मुसाफिरखाना विकासखंड अंतर्गत कोदैली मठा निवासी 12 वर्षीय चंदा का नाम भी शामिल है, जो जन्म से ही दिव्यांग है. बालिका चंदा को एक ट्राई साइकिल की दरकार है. इसके लिए बालिका के परिजनों ने प्रशासन से मदद की गुहार लगाई है. नान्हू साहू की 12 वर्षीय पुत्री चंदा दोनों पैर से विकलांग है. चंदा चलने-फिरने में असमर्थ है. बच्ची के पिता मजदूरी करते हैं.
परिजनों का कहना है कि स्थानीय स्तर पर जिम्मेदारों से गुहार भी लगाई गई, लेकिन अभी तक चंदा को कोई सहायता नहीं मिल पाई है. परिजनों और ग्रामीणों ने बताया कि ट्राई साइकिल न होने से चंदा को काफी दिक्कतें हो रही हैं. चंदा को चलने के लिए जमीन पर खिसकना पड़ता है. इसके कारण आए दिन उसके पैर में जगह-जगह घाव भी हो जाते हैं. परिजनों ने जिला प्रशासन व अमेठी सांसद स्मृति ईरानी से ट्राई साइकिल दिलाए जाने की मांग की है.
अधिकारियों ने दिया मदद का अश्वासन
चंदा के परिजन कहते हैं कि वे कई बार सरकारी विभागों में मदद के लिए चक्कर लगाए हैं, लेकिन कहीं पर कोई सुनवाई नहीं हुई. अब उन्हें दीदी स्मृति ईरानी से उम्मीद है कि वे उनकी बेटी की मदद करेंगी. वहीं जब इस बच्ची को लेकर मुख्य विकास अधिकारी डॉ. अंकुर लाठर से बात की गई तो उन्होंने बच्ची की मदद करने का अश्वासन दिया.