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UP Election 2022: जानिए अमेठी राजघराने का राजनीतिक इतिहास... - royal family of Amethi

अमेठी की राजनीति में राजपरिवार का इतिहास पुराना है. पहली बार राजपरिवार के राजा रणंजय सिंह निर्दलीय विधायक चुने गए थे. तब से उतार चढ़ाव के बीच अब तक राज परिवार का अमेठी की राजनीति में वर्चस्व बना हुआ है. गौरतलब है कि इस बार पूरा राजपरिवार भारतीय जनता पार्टी का सदस्य है. इसके बाद भी टिकट को लेकर रस्साकसी मची हुई है.

UP Election 2022
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Published : Feb 3, 2022, 9:58 AM IST

Updated : Feb 3, 2022, 10:29 AM IST

अमेठी: अमेठी की राजनीति में राजपरिवार का पुराना इतिहास रहा है. अमेठी राजपरिवार का आजाद भारत में हुए पहले चुनाव में ही राजनीति में आगाज हो गया था. पहली बार राजपरिवार के राजा रणंजय सिंह निर्दलीय विधायक चुने गए थे. तब से उतार चढ़ाव के बीच अब तक राज परिवार का अमेठी की राजनीति में सीधा दखल बना हुआ है. इस समय महारानी गरिमा सिंह बीजेपी से अमेठी की विधायक हैं.

अमेठी राज घराने में आजाद भारत के बाद हुए चुनाव में राजनीतिक शुरुआत हो गई. अमेठी के राजा रणंजय सिंह ने 1969 में जनसंघ के टिकट पर चुनाव जीता था. फिलहाल अगली बार वे पार्टी बदल कर 1974 में कांग्रेस के टिकट से चुनाव लड़े. इस चुनाव में भी उन्होंने जीत दर्ज की. वहीं, राजा रणंजय सिंह 1962 से 1967 तक अमेठी से कांग्रेस के सांसद भी रहे. रणंजय सिंह कोई भी चुनाव नहीं हारे थे. रणंजय सिंह के बाद उनकी राजनीतिक विरासत अमेठी नरेश डॉ. संजय सिंह ने संभाल ली.

जानकारी देते डॉ. अर्जुन पांडेय.

अमेठी नरेश डॉ. संजय सिंह कांग्रेस के टिकट से 1980 में अपने राजनीतिक कैरियर की शुरआत की. 1985 में भी डॉ. संजय सिंह ने कांग्रेस से चुनाव जीता. इस प्रकार वे 1989 तक अमेठी से विधायक चुने गए. 1989 में डॉ. संजय सिंह जनता दल से एमएलए का चुनाव कांग्रेस के हरिचरण यादव हार गए. 80 के दशक में डॉ. संजय सिंह का राजनीति में सिक्का चलता था. तत्कालीन सरकार में कई विभागों के मंत्री भी रह चुके हैं. 1998 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने संजय सिंह को टिकट दिया. डॉ. संजय सिंह ने कांग्रेस के कैप्टन सतीश शर्मा को चुनाव हरा कर लोक सभा पहुंच गए. अगले साल हुए लोकसभा चुनाव में सोनिया गांधी ने अमेठी से पर्चा भरा और संजय सिंह को हार का सामना करना पड़ा था. डॉ. संजय सिंह 2003 में एक बार फिर कांग्रेस में वापस लौटे. 2009 में उन्होंने कांग्रेस के टिकट से सुलतानपुर से जीत हासिल की. बाद में कांग्रेस ने उन्हें राज्यसभा भेजा दिया. लेकिन कार्यकाल खत्म होने से पहले वह जुलाई 2019 में कांग्रेस का साथ छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए.

संजय सिंह की दूसरी पत्नी अमिता सिंह वर्ष 2002 में भाजपा से विधानसभा का चुनाव लड़कर चुनाव जीती. पुनः मध्यावधि चुनाव 2004 में कांग्रेस से चुनाव जीती. इसके बाद कांग्रेस से ही 2007 में चुनाव जीती. वर्ष 2012 के चुनाव में समाजवादी पार्टी के गायत्री प्रसाद प्रजापति से चुनाव हार गई.


वहीं 2017 के चुनाव में संजय सिंह की पहली पत्नी गरिमा सिंह ने भाजपा से अपने राजनीतिक कैरियर की शुरुआत की. जिसमें उन्होंने गायत्री प्रसाद प्रजापति को चुनाव हरा दिया. आगामी चुनाव 2022 में दावेदारी को लेकर राज परिवार फिर सक्रिय हो गया है. भाजपा से डॉ. संजय सिंह की बहू शांभवी सिंह और उनके पुत्र युवराज अनंत विक्रम सिंह चुनाव के लिए दावेदारी कर चुके हैं.

वहीं डॉ. संजय सिंह की दूसरी पत्नी और खुद डॉ. संजय सिंह के भी चुनाव लड़ने की चर्चा जोरों पर है. फिलहाल अभी तक भारतीय जनता पार्टी ने कैंडिडेट घोषित नहीं किया है. चर्चा है कि राज परिवार को लेकर मंथन चल रहा है कि किसे कैंडिडेट के रूप में पेश किया जाए जिससे भाजपा अमेठी में भगवा लहराने में कामयाब हो सके. वर्तमान समय में राजपरिवार भारतीय जनता पार्टी में राजनीति कर रहा है. डॉ. संजय और उनका पूरा परिवार भाजपा में सक्रिय है. महारानी गरिमा सिंह, युवराज अनंत विक्रम सिंह और राजपरिवार की बहू शांभवी सिंह भी भाजपा में है.


राज परिवार के अभी तक राजनीतिक सफर में डॉक्टर संजय सिंह और उनकी दूसरी पत्नी अमिता सिंह चुनाव में हार का सामना कर चुकी है. अमेठी लोकसभा चुनाव परिणाम की गौर करें तो अमेठी नरेश संजय सिंह सोनिया गांधी से और विधान सभा के चुनाव में हरिचरण यादव से चुनाव हार गए थे. वहीं डॉ. संजय सिंह सुलतानपुर लोकसभा से मेनका गांधी से चुनाव हार गए थे. वहीं संजय सिंह की दूसरी पत्नी अमिता सिंह अमेठी से दो बार चुनाव में हार का सामना कर चुकी हैं. अब देखना दिलचस्प होगा कि आगे राजनीति में राज परिवार की क्या भूमिका रहती है. राज परिवार किस दल से राजनीति में अपना प्रतिनिधित्व करेगा.


अमेठी के जल पर्यावरण पर काम करने वाले डॉ. अर्जुन पांडेय ने बताया कि राज परिवार की वजह से ही अमेठी आज सुरक्षित है. डॉक्टर संजय सिंह देश की राजनीति में पहली पंक्ति के नेता हैं. उन्हें नजर अंदाज नहीं किया जा सकता है. भविष्य की राजनीति के सवाल पर डॉक्टर अर्जुन प्रसाद पांडे कहते हैं की डॉक्टर संजय सिंह खुद समझदार हैं उनको किसी से पूछने की जरूरत नहीं है अमेठी वासियों के जन भावनाओं को देखते हुए निर्णय लेंगे.

इसे भी पढे़ं- 'अमेठी के राजा' सुलतानपुर से कांग्रेस प्रत्याशी संजय सिंह ने किया मतदान

अमेठी: अमेठी की राजनीति में राजपरिवार का पुराना इतिहास रहा है. अमेठी राजपरिवार का आजाद भारत में हुए पहले चुनाव में ही राजनीति में आगाज हो गया था. पहली बार राजपरिवार के राजा रणंजय सिंह निर्दलीय विधायक चुने गए थे. तब से उतार चढ़ाव के बीच अब तक राज परिवार का अमेठी की राजनीति में सीधा दखल बना हुआ है. इस समय महारानी गरिमा सिंह बीजेपी से अमेठी की विधायक हैं.

अमेठी राज घराने में आजाद भारत के बाद हुए चुनाव में राजनीतिक शुरुआत हो गई. अमेठी के राजा रणंजय सिंह ने 1969 में जनसंघ के टिकट पर चुनाव जीता था. फिलहाल अगली बार वे पार्टी बदल कर 1974 में कांग्रेस के टिकट से चुनाव लड़े. इस चुनाव में भी उन्होंने जीत दर्ज की. वहीं, राजा रणंजय सिंह 1962 से 1967 तक अमेठी से कांग्रेस के सांसद भी रहे. रणंजय सिंह कोई भी चुनाव नहीं हारे थे. रणंजय सिंह के बाद उनकी राजनीतिक विरासत अमेठी नरेश डॉ. संजय सिंह ने संभाल ली.

जानकारी देते डॉ. अर्जुन पांडेय.

अमेठी नरेश डॉ. संजय सिंह कांग्रेस के टिकट से 1980 में अपने राजनीतिक कैरियर की शुरआत की. 1985 में भी डॉ. संजय सिंह ने कांग्रेस से चुनाव जीता. इस प्रकार वे 1989 तक अमेठी से विधायक चुने गए. 1989 में डॉ. संजय सिंह जनता दल से एमएलए का चुनाव कांग्रेस के हरिचरण यादव हार गए. 80 के दशक में डॉ. संजय सिंह का राजनीति में सिक्का चलता था. तत्कालीन सरकार में कई विभागों के मंत्री भी रह चुके हैं. 1998 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने संजय सिंह को टिकट दिया. डॉ. संजय सिंह ने कांग्रेस के कैप्टन सतीश शर्मा को चुनाव हरा कर लोक सभा पहुंच गए. अगले साल हुए लोकसभा चुनाव में सोनिया गांधी ने अमेठी से पर्चा भरा और संजय सिंह को हार का सामना करना पड़ा था. डॉ. संजय सिंह 2003 में एक बार फिर कांग्रेस में वापस लौटे. 2009 में उन्होंने कांग्रेस के टिकट से सुलतानपुर से जीत हासिल की. बाद में कांग्रेस ने उन्हें राज्यसभा भेजा दिया. लेकिन कार्यकाल खत्म होने से पहले वह जुलाई 2019 में कांग्रेस का साथ छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए.

संजय सिंह की दूसरी पत्नी अमिता सिंह वर्ष 2002 में भाजपा से विधानसभा का चुनाव लड़कर चुनाव जीती. पुनः मध्यावधि चुनाव 2004 में कांग्रेस से चुनाव जीती. इसके बाद कांग्रेस से ही 2007 में चुनाव जीती. वर्ष 2012 के चुनाव में समाजवादी पार्टी के गायत्री प्रसाद प्रजापति से चुनाव हार गई.


वहीं 2017 के चुनाव में संजय सिंह की पहली पत्नी गरिमा सिंह ने भाजपा से अपने राजनीतिक कैरियर की शुरुआत की. जिसमें उन्होंने गायत्री प्रसाद प्रजापति को चुनाव हरा दिया. आगामी चुनाव 2022 में दावेदारी को लेकर राज परिवार फिर सक्रिय हो गया है. भाजपा से डॉ. संजय सिंह की बहू शांभवी सिंह और उनके पुत्र युवराज अनंत विक्रम सिंह चुनाव के लिए दावेदारी कर चुके हैं.

वहीं डॉ. संजय सिंह की दूसरी पत्नी और खुद डॉ. संजय सिंह के भी चुनाव लड़ने की चर्चा जोरों पर है. फिलहाल अभी तक भारतीय जनता पार्टी ने कैंडिडेट घोषित नहीं किया है. चर्चा है कि राज परिवार को लेकर मंथन चल रहा है कि किसे कैंडिडेट के रूप में पेश किया जाए जिससे भाजपा अमेठी में भगवा लहराने में कामयाब हो सके. वर्तमान समय में राजपरिवार भारतीय जनता पार्टी में राजनीति कर रहा है. डॉ. संजय और उनका पूरा परिवार भाजपा में सक्रिय है. महारानी गरिमा सिंह, युवराज अनंत विक्रम सिंह और राजपरिवार की बहू शांभवी सिंह भी भाजपा में है.


राज परिवार के अभी तक राजनीतिक सफर में डॉक्टर संजय सिंह और उनकी दूसरी पत्नी अमिता सिंह चुनाव में हार का सामना कर चुकी है. अमेठी लोकसभा चुनाव परिणाम की गौर करें तो अमेठी नरेश संजय सिंह सोनिया गांधी से और विधान सभा के चुनाव में हरिचरण यादव से चुनाव हार गए थे. वहीं डॉ. संजय सिंह सुलतानपुर लोकसभा से मेनका गांधी से चुनाव हार गए थे. वहीं संजय सिंह की दूसरी पत्नी अमिता सिंह अमेठी से दो बार चुनाव में हार का सामना कर चुकी हैं. अब देखना दिलचस्प होगा कि आगे राजनीति में राज परिवार की क्या भूमिका रहती है. राज परिवार किस दल से राजनीति में अपना प्रतिनिधित्व करेगा.


अमेठी के जल पर्यावरण पर काम करने वाले डॉ. अर्जुन पांडेय ने बताया कि राज परिवार की वजह से ही अमेठी आज सुरक्षित है. डॉक्टर संजय सिंह देश की राजनीति में पहली पंक्ति के नेता हैं. उन्हें नजर अंदाज नहीं किया जा सकता है. भविष्य की राजनीति के सवाल पर डॉक्टर अर्जुन प्रसाद पांडे कहते हैं की डॉक्टर संजय सिंह खुद समझदार हैं उनको किसी से पूछने की जरूरत नहीं है अमेठी वासियों के जन भावनाओं को देखते हुए निर्णय लेंगे.

इसे भी पढे़ं- 'अमेठी के राजा' सुलतानपुर से कांग्रेस प्रत्याशी संजय सिंह ने किया मतदान

Last Updated : Feb 3, 2022, 10:29 AM IST
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