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विभागीय उपेक्षा का शिकार बना रसूलबाद स्वास्थ्य उपकेन्द्र - अमेठी स्वास्थ्य विभाग

अमेठी के ग्राम पंचायत रसूलाबाद स्थित स्वास्थ्य उपकेंद्र में स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं मिल रही हैं. ग्रामीणों के मुताबिक लोगों को छोटी-छोटी बीमारियों के लिए स्थानीय चिकित्सकों का सहारा लेना पड़ता है, या फिर 10-12 किलोमीटर दूर सीएचसी मुसाफिरखाना जाना पड़ता है.

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रसूलाबाद स्वास्थ्य उपकेंद्र बदहाल.
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Published : Jan 30, 2021, 1:18 PM IST

अमेठी : स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतरी के लिए शासन और जिला प्रशासन लगातार प्रयासरत है. लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मिले, इसके लिए केंद्र एवं राज्य सरकार कई योजनाएं चला रही हैं. इसके बावजूद ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य समस्याएं बनी हुई हैं. ऐसा ही कुछ हाल है अमेठी के ग्राम पंचायत रसूलाबाद स्थित स्वास्थ्य उपकेंद्र का.

इलाज के लिए जाना पड़ता है 12 किलोमीटर दूर

मुसाफिरखाना विकासखंड की ग्राम पंचायत रसूलाबाद स्थित स्वास्थ्य उपकेंद्र उपेक्षा का शिकार है. स्वास्थ्य उपकेंद्र को संजीवनी की दरकार है. क्षेत्र के लोग बदहाल स्वास्थ्य सेवा को लेकर हमेशा परेशान रहते हैं. ग्रामीणों के मुताबिक गांव के लोगों को छोटी-छोटी बीमारी में या तो स्थानीय चिकित्सकों का सहारा लेना पड़ता है या फिर करीब 10-12 किलोमीटर दूर सीएचसी मुसाफिरखाना की ओर रुख करना पड़ता है.

स्थानीय लोगों का कहना है स्वास्थ्य उपकेंद्र निर्माण के समय उम्मीद थी कि गांव में छोटी-छोटी बीमारियों का इलाज मिल हो सकेगा, लेकिन हालात जस के तस हैं. ग्रामीणों के मुताबिक विगत कई वर्षों से केंद्र बदहाल पड़ा है. परिसर के आस पास गंदगी का जमावड़ा है. प्रसव समेत अन्य स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए दूसरे अस्पतालों में जाना पड़ता है. रसूलाबाद निवासियों का कहना है कि स्वास्थ्य केंद्र पूरी तरह से सुविधाविहीन होकर रह गया है. वहीं ग्राम प्रधान प्रतिनिधि रसूलाबाद कैप्टन कयूम सहित ग्रामीणों ने स्वास्थ्य विभाग के आलाधिकारियों से जल्द स्वास्थ्य उपकेंद्र की स्थिति सुधारने की मांग की है.

इनका कहना है

सीएससी अधीक्षक मुसाफिरखाना आलोक मिश्र ने बताया कि कुल सीएचसी के अंतर्गत 18 उपकेंद्र हैं, जिनमें तीन किराए की बिल्डिंग में संचालित हैं. रसूलाबाद उपकेंद्र में एएनएम की तैनाती नहीं है. रसूलाबाद में सीएचओ एनसीडी के लिए रखे गए हैं, जल्द ही उपकेंद्रों की स्थिति का सुधार किया जाएगा.

अमेठी : स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतरी के लिए शासन और जिला प्रशासन लगातार प्रयासरत है. लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मिले, इसके लिए केंद्र एवं राज्य सरकार कई योजनाएं चला रही हैं. इसके बावजूद ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य समस्याएं बनी हुई हैं. ऐसा ही कुछ हाल है अमेठी के ग्राम पंचायत रसूलाबाद स्थित स्वास्थ्य उपकेंद्र का.

इलाज के लिए जाना पड़ता है 12 किलोमीटर दूर

मुसाफिरखाना विकासखंड की ग्राम पंचायत रसूलाबाद स्थित स्वास्थ्य उपकेंद्र उपेक्षा का शिकार है. स्वास्थ्य उपकेंद्र को संजीवनी की दरकार है. क्षेत्र के लोग बदहाल स्वास्थ्य सेवा को लेकर हमेशा परेशान रहते हैं. ग्रामीणों के मुताबिक गांव के लोगों को छोटी-छोटी बीमारी में या तो स्थानीय चिकित्सकों का सहारा लेना पड़ता है या फिर करीब 10-12 किलोमीटर दूर सीएचसी मुसाफिरखाना की ओर रुख करना पड़ता है.

स्थानीय लोगों का कहना है स्वास्थ्य उपकेंद्र निर्माण के समय उम्मीद थी कि गांव में छोटी-छोटी बीमारियों का इलाज मिल हो सकेगा, लेकिन हालात जस के तस हैं. ग्रामीणों के मुताबिक विगत कई वर्षों से केंद्र बदहाल पड़ा है. परिसर के आस पास गंदगी का जमावड़ा है. प्रसव समेत अन्य स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए दूसरे अस्पतालों में जाना पड़ता है. रसूलाबाद निवासियों का कहना है कि स्वास्थ्य केंद्र पूरी तरह से सुविधाविहीन होकर रह गया है. वहीं ग्राम प्रधान प्रतिनिधि रसूलाबाद कैप्टन कयूम सहित ग्रामीणों ने स्वास्थ्य विभाग के आलाधिकारियों से जल्द स्वास्थ्य उपकेंद्र की स्थिति सुधारने की मांग की है.

इनका कहना है

सीएससी अधीक्षक मुसाफिरखाना आलोक मिश्र ने बताया कि कुल सीएचसी के अंतर्गत 18 उपकेंद्र हैं, जिनमें तीन किराए की बिल्डिंग में संचालित हैं. रसूलाबाद उपकेंद्र में एएनएम की तैनाती नहीं है. रसूलाबाद में सीएचओ एनसीडी के लिए रखे गए हैं, जल्द ही उपकेंद्रों की स्थिति का सुधार किया जाएगा.

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