अमेठी: कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की अमेठी से हार को राजनीतिक पंडित देश की सियासत में बड़ा उलटफेर मान रहे है. वहीं भाजपाई इसे स्मृति ईरानी की अमेठी के विकास में किए गए प्रयासों से जोड़ कर देख रहे है, लेकिन सालों से गांधी परिवार से दिली लगाव रखने वाली अमेठी की जनता को विश्वास नहीं हो रहा है कि पिछले 3 चुनावों में लाखों मतों से विजयी हुए उनके सांसद 2019 लोकसभा चुनावों में हार चुके है.
समर्थकों के चेहरों पर छाई उदासी
- 2019 लोकसभा चुनावों के नतीजों से कांग्रेस समर्थकों के चेहरों पर उदासी छाई है.
- राहुल की हार को लेकर उनका कहना है कि चुनाव परिणाम उम्मीदों के विपरीत रहा है, साथ ही भविष्य को लेकर भी मन मे संदेह पैदा हो गया है.
- कांग्रेस समर्थकों का कहना है कि अमेठी गांधी परिवार द्वारा दी गयी सौगातों के बलबूते ही पूरे देश में पहचान बनाने में सफल हुआ है.
वर्ष 2004 से राहुल गांधी अमेठी से लगातार सांसद चुने जाते रहे हैं और हर बार उनकी जीत का मार्जिन लाखों की संख्या मे रहते था, लेकिन 2019 लोकसभा चुनावों में करीब 55 हज़ार से ज्यादा वोटों से स्मृति ईरानी ने राहुल को उनके गढ़ में मात देने में कामयाबी हासिल की है.