अंबेडकर नगरः जिले में जल निकासी का मार्ग अवरुद्ध होने से लगभग 25 बीघा फसल जलमग्न हो गई है. जल भराव से एक तरफ जहां तकरीबन डेढ़ दर्जन से अधिक किसानों की मेंथा की फसल नष्ट हो गई, वहीं एक दर्जन से अधिक किसानों के धान की बेहन पानी में डूब गुई है, जिससे किसान दोहरी मुसीबत में फंसे हैं. ग्रामीणों ने जल निकासी की व्यवस्था को सुनिश्चित कराने के लिए टाण्डा एसडीएम को प्रार्थना पत्र दिया है.
मामला टांडा तहसील क्षेत्र के ग्राम अमेदा के बरवा पुरवा का है. बताया जा रहा है कि अभी हाल ही में गांव में चकरोड के मरम्मत का कार्य हुआ और पुराने चकरोड को पाट कर ऊंचा कर दिया गया, जिससे गांव के बगल का पानी दूर नहीं जा पा रहा है. पानी निकासी न होने के कारण हफ्ते भर से पानी किसानों के खेतों में ही भरा है, जिसकी वजह से लगभग 20 किसानों की दो दर्जन से अधिक मेंथा की फसल और एक दर्जन से अधिक किसानों की धान की नर्सरी पानी में डूब कर सड़ रही है. मेंथा की फसल डूबने से किसानों का जहां लाखों रुपये का नुकसान हुआ है, वहीं धान की नर्सरी डूबने से अब धान के रोपाई की समस्या खड़ी हो गई है.
ग्रामीणों का कहना है कि खेतों से पानी निकासी की कोई व्यवस्था नहीं है. पहले इसी चक मार्ग के ऊपर से पानी बहता था, लेकिन अब इसकी ऊंचाई बढ़ जाने के कारण पानी नहीं बह पा रहा है. इसमें पानी निकासी की कोई व्यवस्था भी नहीं है, जिससे सब फसल डूब गई है. हम सभी ने एसडीएम से मामले की शिकायत की है. टाण्डा एसडीएम अभिषेक पाठक ने शीघ्र ही जल निकासी की व्यवस्था को सुनिश्चित करने का आश्वासन किसानों को दिया है.
अंबेडकर नगर: जलभराव से करीब 25 बीघा फसल जलमग्न - किसान
उत्तर प्रदेश के अंबेडकर नगर जिले में पानी की सही निकासी न होने के कारण किसानों की 25 बीघा फसल जलमग्न हो गई है. किसानों ने पानी की निकासी की समस्या को लेकर एसडीएम को प्रार्थना पत्र दिया है.
अंबेडकर नगरः जिले में जल निकासी का मार्ग अवरुद्ध होने से लगभग 25 बीघा फसल जलमग्न हो गई है. जल भराव से एक तरफ जहां तकरीबन डेढ़ दर्जन से अधिक किसानों की मेंथा की फसल नष्ट हो गई, वहीं एक दर्जन से अधिक किसानों के धान की बेहन पानी में डूब गुई है, जिससे किसान दोहरी मुसीबत में फंसे हैं. ग्रामीणों ने जल निकासी की व्यवस्था को सुनिश्चित कराने के लिए टाण्डा एसडीएम को प्रार्थना पत्र दिया है.
मामला टांडा तहसील क्षेत्र के ग्राम अमेदा के बरवा पुरवा का है. बताया जा रहा है कि अभी हाल ही में गांव में चकरोड के मरम्मत का कार्य हुआ और पुराने चकरोड को पाट कर ऊंचा कर दिया गया, जिससे गांव के बगल का पानी दूर नहीं जा पा रहा है. पानी निकासी न होने के कारण हफ्ते भर से पानी किसानों के खेतों में ही भरा है, जिसकी वजह से लगभग 20 किसानों की दो दर्जन से अधिक मेंथा की फसल और एक दर्जन से अधिक किसानों की धान की नर्सरी पानी में डूब कर सड़ रही है. मेंथा की फसल डूबने से किसानों का जहां लाखों रुपये का नुकसान हुआ है, वहीं धान की नर्सरी डूबने से अब धान के रोपाई की समस्या खड़ी हो गई है.
ग्रामीणों का कहना है कि खेतों से पानी निकासी की कोई व्यवस्था नहीं है. पहले इसी चक मार्ग के ऊपर से पानी बहता था, लेकिन अब इसकी ऊंचाई बढ़ जाने के कारण पानी नहीं बह पा रहा है. इसमें पानी निकासी की कोई व्यवस्था भी नहीं है, जिससे सब फसल डूब गई है. हम सभी ने एसडीएम से मामले की शिकायत की है. टाण्डा एसडीएम अभिषेक पाठक ने शीघ्र ही जल निकासी की व्यवस्था को सुनिश्चित करने का आश्वासन किसानों को दिया है.