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धान क्रय केंद्रों पर किसान परेशान, नहीं मिल रहीं सुविधाएं

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Published : Nov 8, 2020, 12:39 PM IST

उत्तर प्रदेश के अंबेडकर नगर जिले में किसानों की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं. यहां धान क्रय केंद्रों पर किसान ट्रैक्टर-ट्रॉली लेकर तीन दिनों से खड़े हैं इसके बावजूद प्रशासन उदासीन बना हुआ है.

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धान क्रय केंद्रों पर किसानों को नहीं मिल रहीं सुविधाएं.

अंबेडकर नगर : जिले में शासन के लाख दावों के बावजूद धान क्रय केंद्रों पर किसानों की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. किसान ट्रैक्टर-ट्रॉली पर धान लादकर क्रय केंद्रों पर कई दिनों से खड़े हैं. किसानों के लिए वहां न तो बैठने और न ही सोने की व्यवस्था की गई है. क्रय केंद्रों पर पहुंचे किसान जमीन पर सोकर अपने धान की रखवाली कर रहे हैं. वहीं पंजीकृत और सहकारी समितियां धान खरीद को लेकर सुस्ती बरतती नजर आ रही हैं. प्रशासन की उदासीनता किसानों के लिए मुश्किल का सबब बनती जा रही है.

फेल होते दिख रहे हैं सरकार के दावे

आपको बता दें कि धान खरीद को लेकर सरकार किसानों को हर सुविधा देने का दावा कर रही है. मंडी समिति एफसीआई, मार्केटिंग और मंडी विभाग के क्रय केंद्र कई जगह खोले गए हैं. जहां पर धान तौलने के लिए तीन वजन कांटों का इस्तेमाल किया जा रहा है. वहीं क्रय केंद्रों पर जनरेटर नहीं होने के कारण बिजली जाते ही तौल बंद हो जाती है, जिसका खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ रहा है.

किसानों को नहीं मिल रही हैं सुविधाएं

मंडी समिति में किसानों का धान खरीदने के लिए केंद्र तो बनाए गए हैं. लेकिन बताया जा रहा है मंडी के अंदर केंद्र स्थापित करने पर सम्बंधित विभागों से मंडी एमएसपी का डेढ़ प्रतिसत चार्ज वसूलती है. उसके बदले किसानों के बैठने, सोने, रहने और पीने के पानी की व्यवस्था करना होता है. लेकिन यहां मौजूद किसान मनोज दूबे, दीप चंद वर्मा का कहना है कि दो तीन दिन से यहां सेंटर पर खड़े हैं, लेकिन तौल नहीं हुई.

अंबेडकर नगर : जिले में शासन के लाख दावों के बावजूद धान क्रय केंद्रों पर किसानों की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. किसान ट्रैक्टर-ट्रॉली पर धान लादकर क्रय केंद्रों पर कई दिनों से खड़े हैं. किसानों के लिए वहां न तो बैठने और न ही सोने की व्यवस्था की गई है. क्रय केंद्रों पर पहुंचे किसान जमीन पर सोकर अपने धान की रखवाली कर रहे हैं. वहीं पंजीकृत और सहकारी समितियां धान खरीद को लेकर सुस्ती बरतती नजर आ रही हैं. प्रशासन की उदासीनता किसानों के लिए मुश्किल का सबब बनती जा रही है.

फेल होते दिख रहे हैं सरकार के दावे

आपको बता दें कि धान खरीद को लेकर सरकार किसानों को हर सुविधा देने का दावा कर रही है. मंडी समिति एफसीआई, मार्केटिंग और मंडी विभाग के क्रय केंद्र कई जगह खोले गए हैं. जहां पर धान तौलने के लिए तीन वजन कांटों का इस्तेमाल किया जा रहा है. वहीं क्रय केंद्रों पर जनरेटर नहीं होने के कारण बिजली जाते ही तौल बंद हो जाती है, जिसका खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ रहा है.

किसानों को नहीं मिल रही हैं सुविधाएं

मंडी समिति में किसानों का धान खरीदने के लिए केंद्र तो बनाए गए हैं. लेकिन बताया जा रहा है मंडी के अंदर केंद्र स्थापित करने पर सम्बंधित विभागों से मंडी एमएसपी का डेढ़ प्रतिसत चार्ज वसूलती है. उसके बदले किसानों के बैठने, सोने, रहने और पीने के पानी की व्यवस्था करना होता है. लेकिन यहां मौजूद किसान मनोज दूबे, दीप चंद वर्मा का कहना है कि दो तीन दिन से यहां सेंटर पर खड़े हैं, लेकिन तौल नहीं हुई.

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