अलीगढ़ : महान गीतकार मुकेश और कवि गोपालदास नीरज की स्मृति में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में उभरते हुए गीतकारों ने उनके सदाबहार नगमें सुना कर उन्हें श्रद्धांजलि दी. गीत संगीत का यह कार्यक्रम 'स्वर साधना संस्था' की ओर से मैरिस रोड स्थित धर्मपुर कोर्ट यार्ड में आयोजित किया गया था. इस कार्यक्रम में युवा प्रतिभाओं ने मुकेश और नीरज के गीत गाये.
स्वर साधना संस्था के डायरेक्टर अनिल वर्मा ने बताया कि मुकेश और नीरज जी की स्मृति में कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में उभरते हुए कलाकारों को मंच प्रदान किया. उन्होंने बताया कि स्वर्गीय मुकेश जी का अलीगढ़ से गहरा लगाव था. 1952 में अलीगढ़ के कृष्णजंली नाट्यशाला में आए थे. यहां आकर उन्होंने कई गाने गाएं. वही चिरंजीलाल स्कूल में भी मुकेश कुमार 50 के दशक में आए थे. उस समय उन्होंने यहां 'डम-डम डिगा डिगा', 'मौसम भीगा भीगा' गाना गाकर सबका मन मोह लिया था.
उन्होंने बताया कि मुकेश ने गोपाल दास नीरज के लिखे कई गाने गाए, जिसमें 'बस यही अपराध में हर बार करता हूं, आदमी हूं आदमी से प्यार करता हूं' काफी प्रसिद्ध हुआ. मुकेश और नीरज दोनों का महासंगम रहा और नीरज के लिखे गीतों को मुकेश ने गुनगुनाया. इन दोनों से लोगों को प्रेरणा मिलती है.
वहीं डॉक्टर आंधीवाल ने बताया कि 1965 में नीरज जी का लिखा गीत मुकेश ने गाया, जो लोकप्रिय हुआ. गाने के बोल थे 'देखते ही रहो आज दर्पण में तुम, प्यार का मुहूर्त निकल जाएगा'. वहीं 'नई उमर की नई फसल' फिल्म में नीरज के लिखे गीत को भी मुकेश ने गाया, जो काफी प्रसिद्ध हुआ था.