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...नीरज के लिखे गीत, जिन्हें आवाज दी गीतकार मुकेश ने - aligarh news

मुकेश के गाये गीत और गोपालदास नीरज के लिखे गीत हर किसी की जुबान पर आ ही जाते हैं. मुकेश की आवाज में मधुरता और मिजाज में सरलता थी. जिस गाने को भी उन्होंने आवाज दी वह गाना अमर हो गया. फिल्मी दुनिया में मुकेश, राज कपूर की आवाज बन चुके थे. भारतीय सिनेमा के इतिहास में मुकेश जैसी आवाज न किसी की थी और न किसी की होगी.

स्वर साधना संस्था ने गोपालदास नीरज और मुकेश की स्मृति में गाए गीत.
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Published : Jul 23, 2019, 5:03 PM IST

अलीगढ़ : महान गीतकार मुकेश और कवि गोपालदास नीरज की स्मृति में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में उभरते हुए गीतकारों ने उनके सदाबहार नगमें सुना कर उन्हें श्रद्धांजलि दी. गीत संगीत का यह कार्यक्रम 'स्वर साधना संस्था' की ओर से मैरिस रोड स्थित धर्मपुर कोर्ट यार्ड में आयोजित किया गया था. इस कार्यक्रम में युवा प्रतिभाओं ने मुकेश और नीरज के गीत गाये.

स्वर साधना संस्था ने गोपालदास नीरज और मुकेश की स्मृति में गाए गीत.

स्वर साधना संस्था के डायरेक्टर अनिल वर्मा ने बताया कि मुकेश और नीरज जी की स्मृति में कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में उभरते हुए कलाकारों को मंच प्रदान किया. उन्होंने बताया कि स्वर्गीय मुकेश जी का अलीगढ़ से गहरा लगाव था. 1952 में अलीगढ़ के कृष्णजंली नाट्यशाला में आए थे. यहां आकर उन्होंने कई गाने गाएं. वही चिरंजीलाल स्कूल में भी मुकेश कुमार 50 के दशक में आए थे. उस समय उन्होंने यहां 'डम-डम डिगा डिगा', 'मौसम भीगा भीगा' गाना गाकर सबका मन मोह लिया था.

उन्होंने बताया कि मुकेश ने गोपाल दास नीरज के लिखे कई गाने गाए, जिसमें 'बस यही अपराध में हर बार करता हूं, आदमी हूं आदमी से प्यार करता हूं' काफी प्रसिद्ध हुआ. मुकेश और नीरज दोनों का महासंगम रहा और नीरज के लिखे गीतों को मुकेश ने गुनगुनाया. इन दोनों से लोगों को प्रेरणा मिलती है.

वहीं डॉक्टर आंधीवाल ने बताया कि 1965 में नीरज जी का लिखा गीत मुकेश ने गाया, जो लोकप्रिय हुआ. गाने के बोल थे 'देखते ही रहो आज दर्पण में तुम, प्यार का मुहूर्त निकल जाएगा'. वहीं 'नई उमर की नई फसल' फिल्म में नीरज के लिखे गीत को भी मुकेश ने गाया, जो काफी प्रसिद्ध हुआ था.

अलीगढ़ : महान गीतकार मुकेश और कवि गोपालदास नीरज की स्मृति में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में उभरते हुए गीतकारों ने उनके सदाबहार नगमें सुना कर उन्हें श्रद्धांजलि दी. गीत संगीत का यह कार्यक्रम 'स्वर साधना संस्था' की ओर से मैरिस रोड स्थित धर्मपुर कोर्ट यार्ड में आयोजित किया गया था. इस कार्यक्रम में युवा प्रतिभाओं ने मुकेश और नीरज के गीत गाये.

स्वर साधना संस्था ने गोपालदास नीरज और मुकेश की स्मृति में गाए गीत.

स्वर साधना संस्था के डायरेक्टर अनिल वर्मा ने बताया कि मुकेश और नीरज जी की स्मृति में कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में उभरते हुए कलाकारों को मंच प्रदान किया. उन्होंने बताया कि स्वर्गीय मुकेश जी का अलीगढ़ से गहरा लगाव था. 1952 में अलीगढ़ के कृष्णजंली नाट्यशाला में आए थे. यहां आकर उन्होंने कई गाने गाएं. वही चिरंजीलाल स्कूल में भी मुकेश कुमार 50 के दशक में आए थे. उस समय उन्होंने यहां 'डम-डम डिगा डिगा', 'मौसम भीगा भीगा' गाना गाकर सबका मन मोह लिया था.

उन्होंने बताया कि मुकेश ने गोपाल दास नीरज के लिखे कई गाने गाए, जिसमें 'बस यही अपराध में हर बार करता हूं, आदमी हूं आदमी से प्यार करता हूं' काफी प्रसिद्ध हुआ. मुकेश और नीरज दोनों का महासंगम रहा और नीरज के लिखे गीतों को मुकेश ने गुनगुनाया. इन दोनों से लोगों को प्रेरणा मिलती है.

वहीं डॉक्टर आंधीवाल ने बताया कि 1965 में नीरज जी का लिखा गीत मुकेश ने गाया, जो लोकप्रिय हुआ. गाने के बोल थे 'देखते ही रहो आज दर्पण में तुम, प्यार का मुहूर्त निकल जाएगा'. वहीं 'नई उमर की नई फसल' फिल्म में नीरज के लिखे गीत को भी मुकेश ने गाया, जो काफी प्रसिद्ध हुआ था.

Intro:अलीगढ़ : महान गीतकार मुकेश और कवि गोपालदास नीरज की स्मृति में आयोजित कार्यक्रम में उभरते गीतकारों ने उनके सदाबहार नगमें सुना कर श्रद्धांजलि दी. गीत संगीत का यह कार्यक्रम स्वर साधना संस्था की ओर से मैरिस रोड स्थित धर्मपुर कोर्ट यार्ड में आयोजित किया गया. इस कार्यक्रम में युवा प्रतिभाओं ने मुकेश व नीरज जी के गीत गाये .






Body:मुकेश के गाये गीत व गोपाल दास नारज के लिखे गीत हर किसी की जुबान पर आता है. मुकेश की आवाज में मधुरता और मिजाज में सरलता थी. जिस गाने को भी  उन्होंने आवाज दी वह गाना अमर हो गया. फिल्मी दुनिया में मुकेश , राज कपूर की आवाज बन चुके थे.भारतीय सिनेमा के इतिहास में मुकेश जैसी आवाज ना किसी की थी ना किसी की होगी. उनके गाये गीत को आज युवा गुनगुनाते है. मुकेश  ने गोपाल दास नीरज के लिखे गीतों को भी गाया , जो लोगों की जुबान पर चढ़ गये.  


Conclusion:स्वर साधना संस्था के अनिल वर्मा ने बताया कि मुकेश व नीरज जी की स्मृति में कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में उभरते हुए कलाकारों को मंच प्रदान किया है. उन्होंने बताया कि स्वर्गीय मुकेश जी का अलीगढ़ से गहरा लगाव था. 1952 में अलीगढ़ के कृष्णजंली नाट्यशाला में आए थे. यहां आकर उन्होंने कई गाने गाएं. वही चिरंजीलाल स्कूल में भी मुकेश कुमार 50 के दशक में आए थे. उस समय उन्होंने यहां डम डम डिगा डिगा, मौसम भीगा भीगा.. गाना गा कर सबका मन मोह लिया था. मुकेश ने गोपालदास नीरज के  लिखे कई गाने गाये.  जिसमें लोकप्रिय गाना बस यही अपराध में हर बार करता हूं. आदमी हूं आदमी से प्यार करता हूं. काफी प्रसिद्ध हुआ. मुकेश और नीरज दोनों का महासंगम रहा और नीरज के लिखे गीतों को मुकेश ने गुनगुन आया. इन दोनों से लोगों को प्रेरणा मिलती है. वहीं डाक्टर आंधीवाल ने बताया कि 1965 में नीरज जी का लिखा गीत मुकेश ने गाया जो लोकप्रिय हुआ. गाने के बोल थे देखते ही रहो आज दर्पण में तुम.. प्यार का मुहूर्त निकल जाएगा. वहीं नई उमर की नई फसल फिल्म में नीरज के लिखे गीत भी मुकेश ने गाया जो काफी प्रसिद्ध हुआ था.

बाइट - अनिल वर्मा,डायरेक्ट , स्वर साधना संस्था
बाइट- डाक्टर आंधीवाल,स्थानीय निवासी

आलोक सिंह, अलीगढ़
9837830535


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